शिवपुरी। विशेष न्यायाधीश सिद्धि मिश्रा ने तीन साल पहले एक छह साल की मासूम बच्ची से बलात्कार करने में विफल रहने पर उसे दीवार में पटककर उसकी हत्या करने वाले युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दस हजार का अर्थदंड भी लगाया है. मामले का अहम पहलू यह है कि आरोपी ने ही मामले का फरियादी बन कर पीड़िता की सड़क हादसे में मृत्यु होने की एफआईआर दर्ज कराई थी.
मासूम से रेप नहीं कर पाया, तो कर दी हत्या
23 जून 2018 को पीड़िता आरोपी परवेज खान के यहां गई थी. आरोपी ने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और उसके साथ अश्लील हरकत करने लगा. जब अबोध बालिका ने वहां से भागने की कोशिश की, तो आरोपी ने उसकी गर्दन पकड़कर उसे दीवार में मार दिया. उसका मुंह दबाकर उसकी सांस रोक दी. जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद परवेज ने बच्ची का शव अपने पड़ोसी से मकान के बाजार सड़क पर डाल दिया और बच्ची का एक्सीडेंट होने की बात कहते हुए चीखने लगा. बच्ची को तत्काल एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गया, जहां बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया. बच्ची के परिजन जब तक उसका पोस्टमार्टम करवा रहे थे, तभी आरोपी देहात थाना पहुंच गया और फरियादी बन कर बच्ची का एक्सीडेंट होने की रिपोर्ट दर्ज करा दी.
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शराब के नशे में उगला सच
कुछ समय बाद आरोपी अपना मकान बेच कर चला गया और शराब के नशे में कुछ लोगों से यह कहने लगा कि बच्ची की मौत हादसा नहीं हत्या थी जो उसने खुद की थी. लेकिन कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाया. जब यह बात उजागर हुई तो पुलिस ने आरोपी को पकड़ कर उससे पूछताछ की, जिस पर उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या सहित साक्ष्य छिपाने, बलात्कार के प्रयास का प्रकरण कायम कर मामला सुनवाई के लिए न्यायालय में पेश किया. न्यायालय में अभियोजन की तरफ से लोक अभियोजक संजीव कुमार गुप्ता और सहायक जिला लोक अभियोजक कल्पना गुप्ता ने पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण बहुत स्पष्ट न होने के कारण मामले की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए गवाहों के बयान करवाये . न्यायालय में यह साबित किया कि परवेज ने बलात्कार में विफल होने पर मासूम पीड़िता की हत्या कर दी थी. न्यायाधीश ने आरोपी को आजीवन कारावास और दस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.