शिवपुरी। प्रदेश की पोहरी तहसील के पहाड़ों में बसे महादेव की छोटी सी गुफा का प्राकृतिक सौंदर्य खुद में ही आकर्षण का केंद्र हैं. पर्यटन नगरी शिवपुरी के जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ों के बीचोंबीच स्थित ये गुफा 'केदारेश्वर महादेव धाम' के नाम से जानी जाती है. इस गुफा के अंदर प्राचीन शिवलिंग है, जिसका अभिषेक खुद पहाड़ से निकली शीतल जलधारा साल भर करती है.
भक्त नहीं यहां प्रकृति करती है शिवलिंग का जलाभिषेक, अद्भुत है केदारेश्वर धाम - madhyapradesh
शिवपुरी में पहाड़ों के बीचोंबीच स्थित है केदारेश्वर महादेव मंदिर, जहां छोटी सी गुफा के अंदर भगवान शिव का प्राचीन शिवलिंग है. इसके ऊपरी हिस्से पर पहाड़ से निकली हुई शीतल जलधारा सालभर भगवान शिव का प्राकृतिक जलाभिषेक करती है. यहां का प्राकृतिक सौंदर्य अत्यंत मनमोहक है.
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केदारेश्वर महादेव मंदिर
शिवपुरी। प्रदेश की पोहरी तहसील के पहाड़ों में बसे महादेव की छोटी सी गुफा का प्राकृतिक सौंदर्य खुद में ही आकर्षण का केंद्र हैं. पर्यटन नगरी शिवपुरी के जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ों के बीचोंबीच स्थित ये गुफा 'केदारेश्वर महादेव धाम' के नाम से जानी जाती है. इस गुफा के अंदर प्राचीन शिवलिंग है, जिसका अभिषेक खुद पहाड़ से निकली शीतल जलधारा साल भर करती है.
शिवपुरी के पहाड़ों में है केदारेश्वर महादेव मंदिर
शिवपुरी के पहाड़ों में है केदारेश्वर महादेव मंदिर
Intro:स्लग- केदारेश्वर धाम
अद्भुत स्थान केदारेश्वर धाम जहां प्रकृति स्वयं 12 महीने करती है भगवान शिव का जलाभिषेक
एंकर- मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी शिवपुरी जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर की दूरी पर प्राकृतिक स्थल केदारेश्वर धाम जो कि पोहरी तहसील मुख्यालय से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस प्राकृतिक स्थल की सुंदरता में यहां पर स्थित हरे भरे जंगल और पहाड़ चार चांद लगा रहे हैं पहाड़ी के बीचोंबीच स्थित केदारेश्वर महादेव का मंदिर जिसमें प्राकृतिक छोटी गुफा के अंदर भगवान शिव का प्राचीन शिवलिंग बना है और इसी छोटी गुफा के ऊपरी हिस्से पर पहाड़ से निकली हुई शीतल जलधारा वर्ष भर भगवान शिव का प्राकृतिक जलाभिषेक करती है।
Body:यहां प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर धार्मिक मेला लगता है और दूरदराज से भक्तजन हजारों की संख्या में यहां उमडते हैं। वही भक्त गणों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए पुलिस एवं प्रशासन द्वारा मेले से पूर्व सुरक्षा की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाती हैं जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो। कहा जाता है कि यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है वहीं जिसके दूसरी ओर पोहरी हुआ करती थी जो आज बूढ़ी पोहरी के नाम से विख्यात है। केदारेश्वर धाम प्राचीन मंदिर जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जिले सहित प्रदेश में भी विख्यात है यहां वर्षों से अनवरत जल धारा बह रही है यह जल पहाड़ियों से निकल कर आने के कारण अनेक जड़ी बूटियों का मिश्रण होने के कारण इसे स्वास्थ्य के लिए अमृत के समान माना जाता है लोगों की मानें तो इस जल के निरंतर सेवन से व्यक्ति हमेशा निरोगी बना रहेगा और हमेशा स्वस्थ रहेगा।
Conclusion:व्हिओ_ प्रकृति स्वयं भगवान शिव का जलाभिषेक कर रही है।
बाइट-पुजारी
अद्भुत स्थान केदारेश्वर धाम जहां प्रकृति स्वयं 12 महीने करती है भगवान शिव का जलाभिषेक
एंकर- मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी शिवपुरी जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर की दूरी पर प्राकृतिक स्थल केदारेश्वर धाम जो कि पोहरी तहसील मुख्यालय से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस प्राकृतिक स्थल की सुंदरता में यहां पर स्थित हरे भरे जंगल और पहाड़ चार चांद लगा रहे हैं पहाड़ी के बीचोंबीच स्थित केदारेश्वर महादेव का मंदिर जिसमें प्राकृतिक छोटी गुफा के अंदर भगवान शिव का प्राचीन शिवलिंग बना है और इसी छोटी गुफा के ऊपरी हिस्से पर पहाड़ से निकली हुई शीतल जलधारा वर्ष भर भगवान शिव का प्राकृतिक जलाभिषेक करती है।
Body:यहां प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर धार्मिक मेला लगता है और दूरदराज से भक्तजन हजारों की संख्या में यहां उमडते हैं। वही भक्त गणों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए पुलिस एवं प्रशासन द्वारा मेले से पूर्व सुरक्षा की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाती हैं जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो। कहा जाता है कि यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है वहीं जिसके दूसरी ओर पोहरी हुआ करती थी जो आज बूढ़ी पोहरी के नाम से विख्यात है। केदारेश्वर धाम प्राचीन मंदिर जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जिले सहित प्रदेश में भी विख्यात है यहां वर्षों से अनवरत जल धारा बह रही है यह जल पहाड़ियों से निकल कर आने के कारण अनेक जड़ी बूटियों का मिश्रण होने के कारण इसे स्वास्थ्य के लिए अमृत के समान माना जाता है लोगों की मानें तो इस जल के निरंतर सेवन से व्यक्ति हमेशा निरोगी बना रहेगा और हमेशा स्वस्थ रहेगा।
Conclusion:व्हिओ_ प्रकृति स्वयं भगवान शिव का जलाभिषेक कर रही है।
बाइट-पुजारी