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शरीफ की बेटी का हनीट्रैप जाल! आशिक मिजाज लेखपाल का अश्लील वीडियो बना कर ठगे लाखों - शिवपुरी हनीट्रैप मामले में आरोपी गिरफ्तार

मध्य प्रदेश में हनीट्रैप के मामले नए नहीं है लेकिन हाल ही में एक ताजा मामला शिवपुरी के पोहरी का है. जहां एक हनीट्रैप गैंग ने बुजुर्ग लेखपाल को फंसाकर लाखों रूपये वसूले हैं. 19 साल की युवती ने पहले तो बुजुर्ग को अपने प्रेमजाल में फंसाया फिर गैंग के साथियों की मदद से अश्लील वीडियो बना लिया और पैसे ऐंठना शुरु कर दिया. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन गैंग की सरगना फरार है.

accused arrested in shivpuri honeytrap case
शिवपुरी हनीट्रैप मामले में आरोपी गिरफ्तार
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Published : Jan 18, 2022, 11:01 PM IST

शिवपुरी। पोहरी क्षेत्र में पदस्थ एक बुजुर्ग लेखपाल की आशिक मिजाजी उस पर भारी पड़ गई. जिसका फायदा उठाकर हनीट्रैप गैंग में शामिल एक 19 साल की युवती ने उससे मोबाइल पर बात कर दोस्ती की और फिर अश्लील बातें कर उसे अपने प्यार के जाल में फंसा लिया. जब लेखपाल लड़की की हर बात मानने लगा तो युवती ने उसे एक कमरे में बुलाया, जिसके बाद खुद को और बुजुर्ग को निर्वस्त्र कर लिया. जब दोनों आपत्तिजनक हालत में थे, तब षड्यंत्र के तहत युवती के अन्य साथियों ने दोनों का अश्लील वीडियो बना लिया.

आशिक मिजाज लेखपाल का अश्लील वीडियो बना कर लाखों ठगे

युवती के चार साथियों ने दिया साथ

लेखपाल को प्रेमजाल में फंसा कर वीडियो बनाने में युवती का साथ गैंग के 4 लोगों ने दिया. जब दोनों आपत्तिजनक स्थिति में थे, तब युवती के साथी साथी देवेंद्र पुत्र प्रकाश कुशवाह उम्र 23 साल निवासी पुराने थाने के पास बैराड़, मनीष पुत्र रमेश चंद्र माथुर उम्र 30 साल निवासी बैराड़ सहित मंजू नाम की महिला व एक अन्य व्यक्ति आ गए और दोनों का अश्लील वीडियो बना लिया. वीडियो बनने के बाद लेखपाल की ब्लैकमेलिंग शुरू हुई और पांच लाख रूपए मांगे. लेखपाल ने डर कर उन्हें 1 लाख 95 हजार रुपए दे दिए, लेकिन इसके बाद भी लेखपाल से ब्लैकमेलिंग का खेल जारी रहा. ब्लैकमेलिंग से तंग आकर लेखपाल ने पुलिस की शरण ली और मामले की शिकायत दर्ज कराई. मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल को दी गई इसके बाद गिरोह को पकड़ने का प्रयास शुरू हुआ. पुलिस ने युवती सहित उसके दो साथियों देवेंद्र व मनीष को पकड़ लिया है. खास बात यह है कि लेखपाल को उसी के एक मित्र ने इस गैंग का शिकार बनवाया था.

तीन किश्तों में लाखों वसूले

बदनामी के डर से लेखपाल ने अपने भाई से 75 हजार रूपए महिला द्वारा बताए गए सुनील गुप्ता के खाते में डलवाए. दूसरी बार 80 हजार रुपए देवेंद्र कुशवाह के खाते में और तीसरी बार 50 हजार रुपए राजेश गुप्ता के खाते में डलवाए. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 40 हजार रूपए बरामद भी कर लिए हैं. पुलिस को जांच में पता चला कि इस गैंग का संचालन मंजू नाम की एक महिला करती है, उसके गिरोह में कई खूबसूरत लड़कियां शामिल हैं. यह लड़कियां टारगेट किए गए लोगों को फोन कर पहले उनसे दोस्ती करती हैं, इसके बाद अश्लील बातें शुरू होती हैं और फिर वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हो जाता है. फिलहाल गैंग की सरगना फरार है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि गिरोह ने शहर के कई अन्य लोगों को भी हनीट्रैप के जाल में फंसा कर ब्लैकमेल किया है. पुलिस गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में लगी है, जल्द ही गिरोह द्वारा अंजाम दिए गए कुछ अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है.

यह भी पढ़ें - कल बांटा आत्महत्या का पर्चाः आज शहडोल कलेक्ट्रेट में खाया जहर, अस्पताल में भर्ती

शिवपुरी। पोहरी क्षेत्र में पदस्थ एक बुजुर्ग लेखपाल की आशिक मिजाजी उस पर भारी पड़ गई. जिसका फायदा उठाकर हनीट्रैप गैंग में शामिल एक 19 साल की युवती ने उससे मोबाइल पर बात कर दोस्ती की और फिर अश्लील बातें कर उसे अपने प्यार के जाल में फंसा लिया. जब लेखपाल लड़की की हर बात मानने लगा तो युवती ने उसे एक कमरे में बुलाया, जिसके बाद खुद को और बुजुर्ग को निर्वस्त्र कर लिया. जब दोनों आपत्तिजनक हालत में थे, तब षड्यंत्र के तहत युवती के अन्य साथियों ने दोनों का अश्लील वीडियो बना लिया.

आशिक मिजाज लेखपाल का अश्लील वीडियो बना कर लाखों ठगे

युवती के चार साथियों ने दिया साथ

लेखपाल को प्रेमजाल में फंसा कर वीडियो बनाने में युवती का साथ गैंग के 4 लोगों ने दिया. जब दोनों आपत्तिजनक स्थिति में थे, तब युवती के साथी साथी देवेंद्र पुत्र प्रकाश कुशवाह उम्र 23 साल निवासी पुराने थाने के पास बैराड़, मनीष पुत्र रमेश चंद्र माथुर उम्र 30 साल निवासी बैराड़ सहित मंजू नाम की महिला व एक अन्य व्यक्ति आ गए और दोनों का अश्लील वीडियो बना लिया. वीडियो बनने के बाद लेखपाल की ब्लैकमेलिंग शुरू हुई और पांच लाख रूपए मांगे. लेखपाल ने डर कर उन्हें 1 लाख 95 हजार रुपए दे दिए, लेकिन इसके बाद भी लेखपाल से ब्लैकमेलिंग का खेल जारी रहा. ब्लैकमेलिंग से तंग आकर लेखपाल ने पुलिस की शरण ली और मामले की शिकायत दर्ज कराई. मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल को दी गई इसके बाद गिरोह को पकड़ने का प्रयास शुरू हुआ. पुलिस ने युवती सहित उसके दो साथियों देवेंद्र व मनीष को पकड़ लिया है. खास बात यह है कि लेखपाल को उसी के एक मित्र ने इस गैंग का शिकार बनवाया था.

तीन किश्तों में लाखों वसूले

बदनामी के डर से लेखपाल ने अपने भाई से 75 हजार रूपए महिला द्वारा बताए गए सुनील गुप्ता के खाते में डलवाए. दूसरी बार 80 हजार रुपए देवेंद्र कुशवाह के खाते में और तीसरी बार 50 हजार रुपए राजेश गुप्ता के खाते में डलवाए. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 40 हजार रूपए बरामद भी कर लिए हैं. पुलिस को जांच में पता चला कि इस गैंग का संचालन मंजू नाम की एक महिला करती है, उसके गिरोह में कई खूबसूरत लड़कियां शामिल हैं. यह लड़कियां टारगेट किए गए लोगों को फोन कर पहले उनसे दोस्ती करती हैं, इसके बाद अश्लील बातें शुरू होती हैं और फिर वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हो जाता है. फिलहाल गैंग की सरगना फरार है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि गिरोह ने शहर के कई अन्य लोगों को भी हनीट्रैप के जाल में फंसा कर ब्लैकमेल किया है. पुलिस गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में लगी है, जल्द ही गिरोह द्वारा अंजाम दिए गए कुछ अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है.

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