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शिवपुरी: सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सुविधाएं - शिवपुरी जिला अस्पताल

शिवपुरी जिला अस्पताल में मरीजों के साथ इलाज के नाम पर भद्दा मजाक किया जा रहा है. मरीज का आरोप है कि अस्पताल में दो दिन बीत जाने के बाद भी उसके पैर का प्लास्टर नहीं हुआ.

Shivpuri District Hospital
शिवपुरी जिला अस्पताल
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Published : Jan 2, 2021, 7:12 PM IST

शिवपुरी। भले ही प्रदेश सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के दावे करती हो, लेकिन जमीनी हकिकत इसके बिल्कुल उलट है. ऐसा ही मामला शिवपुरी जिला अस्पताल से सामने आया है. जहां मरीज के साथ प्लास्टर के नाम पर भद्दा मजाक किया जा रहा है. मरीज का आरोप है कि वो दिन से दर्द से कहराता रहा लेकिन यहां डॉक्टर ने इलाज के नाम पर उसे एक इंजेक्शन और दवाई दे दी. जबकि उसे ठीक से पैर पर प्लास्टर होने की जरूरत है.

मरीज ने बताया कि शिवपुरी जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटिलेटर पर है. यहां गरीब मजदूर को ठीक से इलाज नहीं मिल पा रहा है. अगर उसके पास भी पैसे होते तो वह प्राइवेंट में अपना इलाज करा लेता लेकिन मजदूरी के चलते उसके पास उतने पैसे नहीं है. जिस वजह से वह सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए मजबूर है. मरीज का आरोप है कि एक बार डॉक्टर के देखने के बाद उसे कोई नर्स या डॉक्टर देखने नहीं आया.

इधर, इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर पीके खरे का कहना है कि इस बात की जानकारी उन्हें अभी मीडिया के माध्यम से हुई है अगर अस्पताल में ऐसी कोई अनियमितिता हो बरती गई तो कार्रवाई की जाएगी

शिवपुरी। भले ही प्रदेश सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के दावे करती हो, लेकिन जमीनी हकिकत इसके बिल्कुल उलट है. ऐसा ही मामला शिवपुरी जिला अस्पताल से सामने आया है. जहां मरीज के साथ प्लास्टर के नाम पर भद्दा मजाक किया जा रहा है. मरीज का आरोप है कि वो दिन से दर्द से कहराता रहा लेकिन यहां डॉक्टर ने इलाज के नाम पर उसे एक इंजेक्शन और दवाई दे दी. जबकि उसे ठीक से पैर पर प्लास्टर होने की जरूरत है.

मरीज ने बताया कि शिवपुरी जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटिलेटर पर है. यहां गरीब मजदूर को ठीक से इलाज नहीं मिल पा रहा है. अगर उसके पास भी पैसे होते तो वह प्राइवेंट में अपना इलाज करा लेता लेकिन मजदूरी के चलते उसके पास उतने पैसे नहीं है. जिस वजह से वह सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए मजबूर है. मरीज का आरोप है कि एक बार डॉक्टर के देखने के बाद उसे कोई नर्स या डॉक्टर देखने नहीं आया.

इधर, इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर पीके खरे का कहना है कि इस बात की जानकारी उन्हें अभी मीडिया के माध्यम से हुई है अगर अस्पताल में ऐसी कोई अनियमितिता हो बरती गई तो कार्रवाई की जाएगी

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