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सामरसा का अनोखा मेला जहां नदी में छलांग लगते ही लिपट जाता है सांप - Teja Dashmi

श्योपुर जिले के सामरसा गांव में हर साल लगने वाला मेला इस बार भी आयोजित किया गया. जहां कोरोना संक्रमण के चलते कम लोग देखने को मिले. इस मेले में हर साल की तरह मंदिर के चमत्कारी पुजारी ने सर्पदंश पीड़ितों का इलाज किया.

Unique fair for Snakebite victims in sheopur
ग्राम सामरसा में लगता है अनोखा मेला
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Published : Aug 29, 2020, 12:21 AM IST

श्योपुर। श्योपुर जिले के ग्राम सामरसा में हर साल तेजा दशमी के दिन अनोखा मेला लगाया जाता है. इस मेले में सर्पदंश पीड़ितों का इलाज किया जाता है. मेले की खास बात यह है कि एक बुजुर्ग व्यक्ति मंदिर से उठकर चंबल नदी में छलांग लगाता है. इसके बाद एक सर्फ कहीं से आकर उसके गले में लिपट जाता है, फिर मेले में मौजूद श्रद्धालु तेजा बाबा और माता पार्वती की जय जयकार करने लग जाते हैं.

जिले से 22 किलोमीटर दूर स्थित सामरसा गांव में हर साल तेजा दशमी के दिन मेला आयोजित किया जाता है. लेकिन कोरोना काल के चलते इस बार मेले में काफी कम संख्या में लोग पहुंचे. जहां नदी में डुबकी लगाकर मंदिर के पुजारी के गले में सांप लिपट कर मंदिर पर आने की परंपरा हर बार की तरह इस बार भी देखने को मिली.

नदी में डुबकी लगाते ही लिपटा काला सांप

शुक्रवार को आयोजित हुए मेले में तेजाजी मंदिर के पुजारी ने हर बार की तरह माता की चुनरी उड़ी मुंह में नींबू लगे दो त्रिशूल लगाए फिर नाचते गाते हुए चंबल नदी में छलांग लगा दी. इस दौरान आश्चर्यजनक नजारा यह देखने को मिला के नदी के पानी में डुबकी लगाते ही पुजारी के गले में एक काला सांप लिपट गया. इसके बाद पुजारी मंदिर पर आकर बैठ गया. फिर सर्प दंश पीड़ितों का इलाज किया.

माना जाता है कि पुजारी के शरीर में तेजा दशमी के दिन कोई दिव्य आत्मा प्रवेश करती है, जिसके बाद इस तरीके का चमत्कार वहां देखने को मिलता है गले में पड़ा सांप पुजारी को काटने की बजाए आराम से लिपटा रहता है और श्रद्धालु माता और तेजा बाबा के दर्शनों का लाभ लेते हैं. इसे आश्चर्य कहिए या चमत्कार लेकिन पुजारी के गले में नदी में डुबकी लगाते ही हर बार की तरह इस बार भी काला सर्प लिपटा देखने को मिला.

श्योपुर। श्योपुर जिले के ग्राम सामरसा में हर साल तेजा दशमी के दिन अनोखा मेला लगाया जाता है. इस मेले में सर्पदंश पीड़ितों का इलाज किया जाता है. मेले की खास बात यह है कि एक बुजुर्ग व्यक्ति मंदिर से उठकर चंबल नदी में छलांग लगाता है. इसके बाद एक सर्फ कहीं से आकर उसके गले में लिपट जाता है, फिर मेले में मौजूद श्रद्धालु तेजा बाबा और माता पार्वती की जय जयकार करने लग जाते हैं.

जिले से 22 किलोमीटर दूर स्थित सामरसा गांव में हर साल तेजा दशमी के दिन मेला आयोजित किया जाता है. लेकिन कोरोना काल के चलते इस बार मेले में काफी कम संख्या में लोग पहुंचे. जहां नदी में डुबकी लगाकर मंदिर के पुजारी के गले में सांप लिपट कर मंदिर पर आने की परंपरा हर बार की तरह इस बार भी देखने को मिली.

नदी में डुबकी लगाते ही लिपटा काला सांप

शुक्रवार को आयोजित हुए मेले में तेजाजी मंदिर के पुजारी ने हर बार की तरह माता की चुनरी उड़ी मुंह में नींबू लगे दो त्रिशूल लगाए फिर नाचते गाते हुए चंबल नदी में छलांग लगा दी. इस दौरान आश्चर्यजनक नजारा यह देखने को मिला के नदी के पानी में डुबकी लगाते ही पुजारी के गले में एक काला सांप लिपट गया. इसके बाद पुजारी मंदिर पर आकर बैठ गया. फिर सर्प दंश पीड़ितों का इलाज किया.

माना जाता है कि पुजारी के शरीर में तेजा दशमी के दिन कोई दिव्य आत्मा प्रवेश करती है, जिसके बाद इस तरीके का चमत्कार वहां देखने को मिलता है गले में पड़ा सांप पुजारी को काटने की बजाए आराम से लिपटा रहता है और श्रद्धालु माता और तेजा बाबा के दर्शनों का लाभ लेते हैं. इसे आश्चर्य कहिए या चमत्कार लेकिन पुजारी के गले में नदी में डुबकी लगाते ही हर बार की तरह इस बार भी काला सर्प लिपटा देखने को मिला.

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