श्योपुर। मंगलवार को कांग्रेस नेताओं के साथ एसपी कार्यालय पहुंचे रजपुरा गांव के लोगों ने आवदा थाना के जवानों पर मारपीट करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने पैसों की मांग थी. जिसे मना करने पर उन्होंने मारपीट की. ग्रामीणों ने मामले की शिकायत एसपी संपत उपाध्याय से की है.
ग्रामीणों का आरोप है कि आवदा थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक रवि और लक्ष्मी ने 6 दिन पहले समरू आदिवासी की बेरहमी से पिटाई की थी. जिसकी तीन दिन पहले इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद इन्हीं पुलिसकर्मियों ने सोमवार की शाम को 2 हजार रुपये नहीं देने की बात पर इसी गांव के मुंशी आदिवासी को भी पीटा. इतना ही नहीं वे उसे बाइक पर जबरन बिठाकर नदी के पास लेकर गए, जहां उसे फिर से बेरहमी से पीटा.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये पुलिसकर्मी उनके गांव के ग्रामीणों को आए दिन बेवजह परेशान करते रहते हैं. उन्होंने एसपी से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि क्षेत्र के भोले-भाले लोगों को न्याय मिल सके.
पीड़ित मुंशी आदिवासी का कहना है कि आवदा थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी ग्रामीणों से जबरन वसूली करके उन्हें परेशान करते हैं. 3 दिन पहले एक युवक की मौत इन्हीं की पिटाई की वजह से हो चुकी है. उन्हें पुलिसवालों ने इसलिए पीटा है क्योंकि उन्होंने उन्हें 2 हजार रुपये नहीं दिए और उनकी अवैध वसूली का विरोध किया था.
मामल में कांग्रेस जिला अध्यक्ष अतुल सिंह चौहान का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों की बेरहमी से मारपीट की है. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, नहीं तो वे जनता के साथ आंदोलन करेंगे.
पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय का कहना है कि मुंशी आदिवासी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दोनों आरक्षक को निलंबित कर दिया है और जांच बड़ौदा एसडीओपी को सौंप दी है. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
आपदा थाना क्षेत्र की ये पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी पुलिस की इस तरीके की कई शिकायतें आ चुकी हैं, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. समरू की मौत पर जब पुलिस अधीक्षक से सवाल किया तो मामला संज्ञान में न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ते हुए नजर आए.