श्योपुर। राष्ट्रीय कूनो पालपुर अभ्यारण में चीतों के लिए बनाए गए विशेष बाड़े से दूसरे हिंसक जानवरों को निकाला जा चुका है लेकिन एक तेंदुआ बाड़े में मौजूद है. जिसे निकालने के लिए वन विभाग के अधिकारी तमाम इंतजाम कर चुके हैं पर सफलता नहीं मिल रही है. हाथी के जोड़े से भी तेंदुए को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए एक बकरे को भी कई बार छोड़ा जा चुका है, लेकिन फिर भी तेंदुआ नहीं भाग रहा. ऐसी कई खबरें मीडिया में आईं. मगर क्या इनमें वाकई सच्चाई है या फिर नहीं हम आपको वन विभाग के अधिकारियों के हवाले से पूरा सच बताएंगे. (leopard in Kuno) (leopard in cheetah enclosure) (Goat released for leopard)
तेंदुए को रास आ रहा बाड़ा : तेंदुए को चीतों के लिए बनाए गए बाड़ा इतना रास आ रहा था कि वह बाहर निकले का नाम ही नहीं ले रहे. इससे वन विभाग के अधिकारियों के हाथ-पैर भी फूल गए. बताया जा रहा है कि चीतों के लिए बनाए गए बाड़े में पांच तेंदुए घुसे थे. जिसमें से चार को बाहर कर दिया गया. लेकिन एक तेंदुआ अभी तक बाहर नही निकाला जा सका है. अफ्रीका के नामीबिया से आए 8 चीतों को फ़िलहाल कूनो में बनाए गए छोटे बाड़े में एक महीने के लिए क्वारंटाइन रखा गया है.
PM नरेंद्र मोदी ने MP के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को विशेष बाड़े में छोड़ा
डीएफओ ने किया इनकार : बकरे के 20 बार बांधे जाने पर DFO प्रकाश वर्मा का कहना है कि अभी तक कोई बकरा नहीं छोड़ा गया. तेंदुए के लिए लगाए गए पिंजरे में जरूर कुछ बकरों को बांधा गया था ताकि वो इस लालच में कि शिकार सामने है आए और फंस जाए. लेकिन तेंदुए नहीं आए. जहां तक एक ही बकरी को बार बार बांधे जाने की बात है तो इसमें सच्चाई नहीं है. इसे सोशल मीडिया पर लोग अपने अपने हिसाब से कहानी बनाकर शेयर कर रहे हैं.
फिलहाल जिस एनक्लोजर में चीते बंद हैं उसके बाद इन्हे बड़े इलाके वाले बाड़े में छोड़ा जाना है. इन चीतों की फिलहाल देखरेख हो रही है और ये क्वारंटाइन हैं. तब तक अगर ये तेंदुआ बाहर नहीं निकाला गया तो चीतों के लिए बड़ा खतरा भी हो सकता है. क्योकि चीतें और तेंदुए में पुरानी दुश्मनी बताई जाती है. चीता दौड़ने में भले ही सबसे तेज हो लेकिन तेंदुआ चीतें पर भारी पड़ता है. (leopard in Kuno) (leopard in cheetah enclosure) (Goat released for leopard)