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मलेरिया ग्रस्त इलाकों में नहीं बांटी मच्छरदानी, सीएमएचओ ने मामले से झाड़ा पल्ला

मलेरिया विभाग द्वारा जिले वासियों को डेंगू-मलेरिया से बचाने के लिए जिले भर के ज्यादातर गांवों में मच्छरदानियां बांटी है. लेकिन जिस कस्बे में डेंगू और मलेरिया का सबसे ज्यादा प्रकोप रहता है वहां एक भी परिवार को मच्छरदानियां बांटी ही नहीं है.

मलेरिया ग्रस्त इलाकों में नहीं बांटी मच्छरदानी
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Published : Nov 3, 2019, 11:31 PM IST

श्योपुर। मलेरिया विभाग ने डेंगू, मलेरिया से बचने के लिए जिले के ग्रामीण इलाकों में मच्छरदानियां बांटी. लेकिन विभाग को जिस कस्बे में मच्छरदानी सबसे पहले बांटनी थीं. वहां विभाग ने अभी तक मच्छरदानियां नहीं बांटी हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने उस कस्बे में मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव तक नहीं कराया है.

मलेरिया ग्रस्त इलाकों में नहीं बांटी मच्छरदानी

मामला मानपुर कस्बे का है जहां पिछले साल मलेरिया और डेंगू के 15 मरीज चिन्हिंत किए गए थे. जिनका इलाज राजस्थान के सवाई माधौपुर, कोटा और जयपुर में करवाया गया था. सीएमएचओ ने इस मामले पर कहा है कि उन्हें मामले की कोई जानकारी नहीं है. अब मामला उनके पास आया है तो वो उसे देखेंगे.

श्योपुर। मलेरिया विभाग ने डेंगू, मलेरिया से बचने के लिए जिले के ग्रामीण इलाकों में मच्छरदानियां बांटी. लेकिन विभाग को जिस कस्बे में मच्छरदानी सबसे पहले बांटनी थीं. वहां विभाग ने अभी तक मच्छरदानियां नहीं बांटी हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने उस कस्बे में मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव तक नहीं कराया है.

मलेरिया ग्रस्त इलाकों में नहीं बांटी मच्छरदानी

मामला मानपुर कस्बे का है जहां पिछले साल मलेरिया और डेंगू के 15 मरीज चिन्हिंत किए गए थे. जिनका इलाज राजस्थान के सवाई माधौपुर, कोटा और जयपुर में करवाया गया था. सीएमएचओ ने इस मामले पर कहा है कि उन्हें मामले की कोई जानकारी नहीं है. अब मामला उनके पास आया है तो वो उसे देखेंगे.

Intro:एंकर
श्योपुर- मलेरिया विभाग द्वारा जिले वासियों को डेंगू-मलेरिया से बचाने के लिए जिले भर के ज्यादातर गांवों में मच्छरदानियां बांटी है। लेकिन जिस कस्बे में डेंगू और मलेरिया का सबसे ज्यादा प्रकोप रहता है वहां एक भी परिवार को मच्छरदानियां नहीं बांटी गई है और मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव भी नहीं करवाया गया है। इस वजह से हर साल की तरह इस साल भी यहां मलेरिया के अलावा डेंगू के मरीज भी चिन्हिंत होने लगे है।
         Body:विओ-1
मामला जिले के मानपुर कस्बे का है जहां पिछले साल एक सैकड़ा के करीब मलेरिया और करीब 15 डेंगू से पीडित मरीज चिन्हिंत किए गए थे। जिनका इलाज राजस्थान के सवाईमाधौपुर, कोटा और जयपुर में करवाया गया। जिसे दखते हुए इस साल मलेरिया विभाग को मानपुर कस्बे में सबसे ज्यादा ध्यान देकर यहां मच्छर दानियों का बितरण करवाया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसे कोई कदम नहीं उठाए गए और मानपुर कस्बे में मच्छरदानियां नहीं बांटी गई। इस वजह से मानपुर कस्बे में मच्छरों के बढ़ते हुए प्रकोप की वजह से इस साल भी मलेरिया के कई मरीज चिन्हिंत हो जाने के बाद अब डेंगू के मरीज भी चिन्हिंत होने लगे है। हालात ऐसे है कि मानपुर कस्बे में दो दर्जन से ज्यादा लोग बुखार से पीडित है। जबकि गोवरीलाल (42) पुत्र बिहारीलाल माहौर और बनवारीबाई (50) पत्नी चतुरुलाल बैरवा को डेंगू होने की पुष्टि भी हो चुकी है और उनका इलाज सवाईमाधौपुर के अस्पताल में चल रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग अमला गांव में बढ़ते हुए मलेरिया और डेंगू के प्रकोप को नियंत्रित करने की दिशा में अभी भी कोई पहल नहीं कर रहा है। इस वजह से मलेरिया और डेंगू के मरीजों की संख्या दिनों-दिन बढती जा रही है।

Conclusion:विओ-2
मच्छरदानी बांटी जाती तो नहीं फैलता डेंगू-मलेरिया मानपुर कस्बे में बढ़ते हुए डेंगू-मलेरिया के प्रकोप से नाराज स्थानीय रहवासी मलेरिया विभाग पर उनके कस्बे के साथ सौतेला व्यवहार करने और जानबूझकर मच्छरदानियां नहीं बांटे जाने का आरोप लगाकर इस साल मलेरिया और डेंगू का प्रकोप बढ़ने के पीछे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे है और उन्होंने मांग की है कि उनके कस्बे में दवा का छिड़काव करवाए जाने के साथ-साथ मच्छरदानियों का बितरण किए जाने की मांग की है हर घर में कोई न कोई बीमार
मानपुर कस्बे में मच्छरों के बढ़ते प्रकोप की वजह से हालत ऐसी हो गई है कि कस्बे के हर दूसरे- तीसरे घर में बीमार मरीज देखे जाने लगे है। अब डेंगू के मरीज चिन्हिंत हो जाने के बाद ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गांव में मलेरिया और डॉक्टरों की टीम भेजकर मरीजों का इलाज करवाए जाने और मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव तक नहीं करवा रहे है। जिससे ग्रामीण चिंतित है।
उपस्वास्थ्य केन्द्र में नहीं रहता स्टॉफ
मानपुर कस्बे में संचालित उपस्वास्थ्य केन्द्र में वहां पदस्थ एएनएम सहित अन्य स्टॉफ नहीं रहता है। इस वजह से बीमार मरीजों को गांव के अस्पताल में प्राथमिक इलाज भी नहीं मिल पाता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज किए जाने और गंभीर मरीजों को प्राथमिक इलाज की सुविधा मुहैया कराए जाने के लिए मानपुर कस्बे के अस्पताल में डॉक्टर सहित अन्य स्टॉफ की व्यवस्था की जाए। ताकि इलाके के लोगों को इलाज के लिए जिला मुख्यालय के अस्पताल नहीं जाना पड़े।
बाइट-ए डॉ एआर कारोरिया (CMHO)
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