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घंटों तड़पती रही विधायक की बेटी, तीन घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार, जिला अस्पताल में डॉक्टरों का अभाव

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Published : Nov 19, 2019, 5:06 AM IST

Updated : Nov 19, 2019, 10:37 AM IST

श्योपुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के चलते विधायक की बेटी का प्रसव नहीं हो सका, जिसके बाद उसे शिवपुरी जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन वहां ले जाने के लिए भी परिजनों को तीन घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा.

विधायक की बेटी को नहीं मिला इलाज

श्योपुर। सरकारी दावों के बावजूद अस्पतालों की बदहाली दूर होने के आसार नहीं दिख रहे हैं, हालात ये हैं कि विधायक की बेटी का भी प्रसव सरकारी अस्पताल में नहीं हो सका. जिला अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने की वजह से विधायक की बेटी को शिवपुरी रेफर कर दिया गया. इतना ही नहीं पीड़िता को शिवपुरी ले जाने के लिए एंबुलेंस का तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा. इस दौरान विधायक की बेटी प्रसव पीड़ा से तड़पती रही. लेकिन उसे इलाज नहीं मिल सका.

विजयपुर विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार को सुबह 11 बजे जिला अस्पताल ले जाया गया था. जहां सिविल सर्जन के अनुसार पीड़िता के प्रसव में समस्याएं थी और उसे सर्जरी की आवश्यकता थी, लेकिन डॉक्टरों के नसबंदी कैंप में चले जाने की वजह से सर्जरी नहीं हो सका. वहीं बीजेपी विधायक का कहना है कि मरीज परेशान हो रहे हैं, लेकिन अस्पताल में कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

सरकारी अस्पतालों के हालात इतने भयावह हैं कि विधायक की बेटी को भी इलाज नहीं मिल सका. इस हालत में कितने मरीज और प्रसूताएं उपचार के अभाव में दम तोड़ते होंगे, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.

श्योपुर। सरकारी दावों के बावजूद अस्पतालों की बदहाली दूर होने के आसार नहीं दिख रहे हैं, हालात ये हैं कि विधायक की बेटी का भी प्रसव सरकारी अस्पताल में नहीं हो सका. जिला अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने की वजह से विधायक की बेटी को शिवपुरी रेफर कर दिया गया. इतना ही नहीं पीड़िता को शिवपुरी ले जाने के लिए एंबुलेंस का तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा. इस दौरान विधायक की बेटी प्रसव पीड़ा से तड़पती रही. लेकिन उसे इलाज नहीं मिल सका.

विजयपुर विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार को सुबह 11 बजे जिला अस्पताल ले जाया गया था. जहां सिविल सर्जन के अनुसार पीड़िता के प्रसव में समस्याएं थी और उसे सर्जरी की आवश्यकता थी, लेकिन डॉक्टरों के नसबंदी कैंप में चले जाने की वजह से सर्जरी नहीं हो सका. वहीं बीजेपी विधायक का कहना है कि मरीज परेशान हो रहे हैं, लेकिन अस्पताल में कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

सरकारी अस्पतालों के हालात इतने भयावह हैं कि विधायक की बेटी को भी इलाज नहीं मिल सका. इस हालत में कितने मरीज और प्रसूताएं उपचार के अभाव में दम तोड़ते होंगे, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.

Intro:ऐंकर
श्योपुर-सरकारी अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिलने की वजह से विधायक की बेटी का प्रसव नहीं हो सका। जब विधायक ने दूसरे शहर के अस्पताल के लिए अपनी बेटी को रेफर करवाया तो तीन घंटे तक एंबूलेंस भी उपलब्ध नहीं हो सकी। ऐसे में विधायक की बेटी दिन भर दर्द से कराहती रही। अधिकारियों से बात करने पर भी सुविधाएं नहीं मिली तो बेवस बेटी का विधायक पिता अस्पताल के बाहर खडी अपनी गाडी में बैठा रहा लेकिन देर रात 10 बजे तक उसकी बेटी का प्रसव नहीं हो सका....देखिए यह रिपोर्ट.... Body:वीओ-1
मामला शहर के जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड का है जहां जिले की विजयपुर विधानसभा से बीजेपी के विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी धोड़ीबाई आदिवासी को प्रसव पीडा होने पर सोमवार को सुबह 11 बजे प्रसव के लिए उसके ससुराली जन और उसका विधायक पिता उसे जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में लेकर पहुंचे। लेकिन विधायक ने अधिकारियों से कह सुनकर अपनी गर्भवती बेटी की सोनोग्राफी व अन्य जांचे तो करवाली। लेकिन प्रसव ऑपरेशन से होना था और अस्पताल के ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों से लेकर अन्य डॉक्टर विजयपुर में आयोजित किए गए नशबंदी शिविर में गए हुए थे। इस वजह से विधायक की बेटी का प्रसव नहीं हो सका। ऐसे हालातों में विधायक ने डॉक्टरों से कह सुनकर अपनी बेटी को शिवपुरी जिले के अस्पताल के लिए रेफर तो करवा लिया। लेकिन तीन घंटे से भी ज्यादा समय तक इंतजार के बाद एंबूलेंस नहीं पहुंची सकी। प्रसव रास्ते में भी हो सकता था। इस वजह से विधायक दूसरी गाडियों से अपनी बेटी को शिवपुरी नहीं ले जा सके और अपनी बेटी को मेटरनिटी वार्ड में भर्ती करवाकर दिन भर गाडी में बैठे रहे और डॉक्टरों के लौटने का इंतजार करते रहे। लेकिन देर रात 10 बजे तक डॉक्टर अस्पताल में नहीं पहुंचे। इस वजह से विधायक की बेटी का सीजर नहीं हो सका। दर्द से कराह रही विधायक की बेटी अपनी मां के साथ अस्पताल से अंदर बाहर आती-जाती रही और बेबस प्रसूता का विधायक पिता अपनी गाडी में बैठकर अस्पताल के हालातों पर बेबस दिखाई दिया। जिसे आप भी इन तस्वीरों में देख सकते है कि किस तरह से एक विधायक की बेटी का जिले के जिला अस्पताल में प्रसव नहीं हो सका। तो आप समझ ही सकते है कि अन्य प्रसूताओं और मरीजों की इस अस्पताल में क्या दुर्दशा होती होंगी....

वीओ-2
खुद की बेटी का प्रसव नहीं करवा सके बीजेपी के विधायक सीताराम आदिवासी से जब मीडिया ने बात की तो वह जिला अस्पताल के बिगडे हुए हालातों का रोना रोते हुए बोले कि यहां कोई व्यवस्था नहीं है, न डॉक्टर है और नहीं कोई और व्यवस्था। जिससे मरीज परेशान हो रहे है। उनका कहना है कि...

बाईट सीताराम आदिवासी बीजेपी विधायक विजयपुर Conclusion:वीओ-3
जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड के बिगडे हुए हालातों की वजह से शहर की सैकडों प्रसूताएं दिन भर धक्के खा-खाकर डॉक्टरों से उपचार और परामर्श ले पाती है। ऐसे में विधायक की बेटी का प्रसव नहीं हो पाने को लेकर जब जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से बात की तो वह बोले कि व्यवस्थाएं सभी के लिए बराबर है चाहे विधायक हो या सामान्य मरीज। उन्होंने कहा कि ......

बाईट डॉ. आरवी गोयल सिविल सर्जन जिला अस्पताल श्योपुर

वीओ-4
जिला अस्पताल के हालात इतने भयाभय है कि यहां आए दिन मरीज और प्रसूताएं उपचार के अभाव में दम तोड़ देते है। गंभीर मरीजों को उपचार मुहैया कराने की बजाए जिला अस्पताल प्रबंधन उन्हे दूसरे शहरों के लिए रेफर कर देता है। जिससे रास्ते में ही उनकी मौत हो जाती है। शहर के मरीजों को ओपीडी में डॉक्टर नहीं बैठने की वजह से उपचार नहीं मिल पाता है और तो और एक विधायक की बेटी का प्रसव भी इस अस्पताल में नहीं हो पाता है। तो आप समझ ही सकते है कि इस अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं अब भगवान भरोषे ही चल रही है। क्योंकि नशबंदी शिविर आयोजित करना जितना जरुरी है उससे कही ज्यादा जरुरत इन प्रसूताओं को डॉक्टरों की होती है। जिन्हे समय पर डॉक्टर की मदद नहीं मिल पाने की वजह से जान से भी हाथ धोना पड सकता है। अब देखना होगा कि प्रदेश के आला अधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री इस पर क्या एक्शन लेंगे।

श्योपुर से अमित शर्मा की रिपोर्ट...
Last Updated : Nov 19, 2019, 10:37 AM IST
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