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देखरेख के अभाव में नपा का बनाया गया पार्क हो रहा है बदहाल

श्योपुर में हाल ही में नगर पालिका द्वारा बनाए गए पार्क में नगर पालिका की अनदेखी और लापरवाही के चलते पार्क में बच्चों के खेलने के लिए लगाए गए झूलें और अन्य सामग्री क्षतिग्रस्त हो गई है. यहां बच्चों के लिए लगाए गए झूलों के उपयोग बड़े लोगों द्वारा किया जा रहा है जिससे ये झूले टूट गए है.

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श्योपुर नगर पालिका की लापरवाही
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Published : Jan 9, 2021, 10:34 PM IST

श्योपुर। शहर के बच्चों के लिए पहली पसंद बन चुका एकमात्र पार्क को भी नगर पालिका सहेज नहीं पा रही है और इसी अनदेखी व उदासीनता के चलते पार्क धीरे-धीरे बदहाल होता जा रहा है. न तो पार्क की हरियाली को बचाने के प्रयास हो रहे हैं और ना ही यहां लगे झूलों की टूट-फूट पर ध्यान दिया जा रहा है. फिलहाल पट्टीयों व अन्य सजावटी चीजों की भी नपा द्वारा अनदेखी की जा रही है.

श्योपुर नगर पालिका की लापरवाही

बता दें कि हाल ही में नपा द्वारा बायपास पर एक उत्कृष्ट पार्क बनाया गया था, जिसमें रंगीन लाइटिंग के साथ बेहतरीन फुब्बारे सहित अन्य सजावटी व फूल वाले पौधे लगाए गए थे. उसके बाद से बड़ी संख्या में यहां बच्चों के अलावा वृद्ध व युवा भी पहुंचते हैं. बच्चों के खेलने, युवाओं के टहलने, योग करने आदि के लिए पसंदीदा स्थान बना गया, लेकिन अभी से इसमें बच्चों की खेलने वाली चीजों को उम्र दराज के लोगों के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है, जिस कारण से हाल ही में लगाई गई खेल सामग्री क्षतिग्रस्त हो गई है.

कहां गए पार्क के चौकीदार

कहने को तो यहां चौकीदार व पार्क की देखरेख करने वाले तैनात हैं, लेकिन न तो इन्हें पार्क के उजड़ने की चिंता है और न ही नपा के जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को किसी प्रकार की परवाह, जिस वजह से कुछ दिनों में पार्क अपना अस्तित्व खो देने की कगार पर आ चुका है.

टूट गए झूले व फिसल पट्टी

पार्क में बच्चों की मनोरंजन व खेलने के लिए लगाए गए झूले वह फिसल पट्टियां भी टूट-फूट चुकी है, जिससे बच्चों को चोट लगने का खतरा बना रहता है, लेकिन नपा द्वारा न तो झूलों को बदला जा रहा है और ना ही उन्हें सही करवाया जा रहा है. टूटे झूलों से गिरकर या टकराकर बच्चे के चोटिल होने का खतरा भी बना रहता है.

सूख रहे पेड़-पौधे

पार्क में लगे सजावटी फूलदार पौधे की देखरेख न होने के कारण वे सूख रहे हैं. अधिकांश पौधे सूख चुके हैं और कुछ सूखने की कगार पर हैं, वहीं पार्क में लगी दूब भी कहीं जगह से गायब हो चुकी है, लेकिन इस पर न तो पार्क प्रबंधन का ध्यान है न हीं नगर पालिका का.

पार्क में घूमने आए पर्यटकों की माने तो नगर पालिका द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है. यह पार्क जिले में बच्चों के खेलने के लिए इकलौता पार्क था, जो देख-रेख के अभाव में अपना अस्तित्व खो रहा है और उन्होंने बताया कि जिस तरह से नगर पालिका के चौकीदारों द्वारा निगरानी रहनी चाहिए, वो नहीं रखी जा रही है.

वहीं नगर पालिका सीएमओ मिनी अग्रवाल का कहना है कि या शिकायत और भी एक दो लोगों के द्वारा की गई है की झूले पर बड़े-बड़े चार-चार लोग बैठ जाते हैं, जिस कारण से वह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इस पर कार्य किया जा रहा है झूलों को फिर से लगाने और ठीक करवाने के लिए भी कहा गया है. सीएमओ का कहना है कि उनके द्वारा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं उस आधार पर जांच की जाएगी और उसे नोटिस जारी किया जाएगा और आगे के लिए चेतावनी का बैनर लगाकर जुर्माने का प्रावधान लाया जाएगा.

श्योपुर। शहर के बच्चों के लिए पहली पसंद बन चुका एकमात्र पार्क को भी नगर पालिका सहेज नहीं पा रही है और इसी अनदेखी व उदासीनता के चलते पार्क धीरे-धीरे बदहाल होता जा रहा है. न तो पार्क की हरियाली को बचाने के प्रयास हो रहे हैं और ना ही यहां लगे झूलों की टूट-फूट पर ध्यान दिया जा रहा है. फिलहाल पट्टीयों व अन्य सजावटी चीजों की भी नपा द्वारा अनदेखी की जा रही है.

श्योपुर नगर पालिका की लापरवाही

बता दें कि हाल ही में नपा द्वारा बायपास पर एक उत्कृष्ट पार्क बनाया गया था, जिसमें रंगीन लाइटिंग के साथ बेहतरीन फुब्बारे सहित अन्य सजावटी व फूल वाले पौधे लगाए गए थे. उसके बाद से बड़ी संख्या में यहां बच्चों के अलावा वृद्ध व युवा भी पहुंचते हैं. बच्चों के खेलने, युवाओं के टहलने, योग करने आदि के लिए पसंदीदा स्थान बना गया, लेकिन अभी से इसमें बच्चों की खेलने वाली चीजों को उम्र दराज के लोगों के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है, जिस कारण से हाल ही में लगाई गई खेल सामग्री क्षतिग्रस्त हो गई है.

कहां गए पार्क के चौकीदार

कहने को तो यहां चौकीदार व पार्क की देखरेख करने वाले तैनात हैं, लेकिन न तो इन्हें पार्क के उजड़ने की चिंता है और न ही नपा के जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को किसी प्रकार की परवाह, जिस वजह से कुछ दिनों में पार्क अपना अस्तित्व खो देने की कगार पर आ चुका है.

टूट गए झूले व फिसल पट्टी

पार्क में बच्चों की मनोरंजन व खेलने के लिए लगाए गए झूले वह फिसल पट्टियां भी टूट-फूट चुकी है, जिससे बच्चों को चोट लगने का खतरा बना रहता है, लेकिन नपा द्वारा न तो झूलों को बदला जा रहा है और ना ही उन्हें सही करवाया जा रहा है. टूटे झूलों से गिरकर या टकराकर बच्चे के चोटिल होने का खतरा भी बना रहता है.

सूख रहे पेड़-पौधे

पार्क में लगे सजावटी फूलदार पौधे की देखरेख न होने के कारण वे सूख रहे हैं. अधिकांश पौधे सूख चुके हैं और कुछ सूखने की कगार पर हैं, वहीं पार्क में लगी दूब भी कहीं जगह से गायब हो चुकी है, लेकिन इस पर न तो पार्क प्रबंधन का ध्यान है न हीं नगर पालिका का.

पार्क में घूमने आए पर्यटकों की माने तो नगर पालिका द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है. यह पार्क जिले में बच्चों के खेलने के लिए इकलौता पार्क था, जो देख-रेख के अभाव में अपना अस्तित्व खो रहा है और उन्होंने बताया कि जिस तरह से नगर पालिका के चौकीदारों द्वारा निगरानी रहनी चाहिए, वो नहीं रखी जा रही है.

वहीं नगर पालिका सीएमओ मिनी अग्रवाल का कहना है कि या शिकायत और भी एक दो लोगों के द्वारा की गई है की झूले पर बड़े-बड़े चार-चार लोग बैठ जाते हैं, जिस कारण से वह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इस पर कार्य किया जा रहा है झूलों को फिर से लगाने और ठीक करवाने के लिए भी कहा गया है. सीएमओ का कहना है कि उनके द्वारा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं उस आधार पर जांच की जाएगी और उसे नोटिस जारी किया जाएगा और आगे के लिए चेतावनी का बैनर लगाकर जुर्माने का प्रावधान लाया जाएगा.

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