शाजापुर। जिले की शुजालपुर तहसील के ग्राम कोहलिया के एक किसान को खुद को जीवित साबित करने के लिए दो सालों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाना पड़ रहे हैं. लेकिन कागजों में दुनिया छोड़ चुके किसान की सुनवाई करने को कोई तैयार नहीं है. दो सालों से खुद को जिंदा साबित करने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है. जब हर जगह नजरअंदाज किया गया तो किसान ने कलेक्टर जनसुनवाई में गुहार लगाई है. उसने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर खुद को जीवित साबित करने और पीएम किसान सम्मान निधि की राशि दिलाने की मांग की है, जो उसे मृत बताकर बंद कर दी गई थी.
कलेक्टर से लगाई गुहार: दरअसल ग्राम कोहलिया तहसील शुजालपुर के किसान भोजराज पिता जसमतसिंह मेवाड़ा के पास 0.497 हैक्टेयर कृषि भूमि है. कृषि भूमि के आधार पर उसे पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिलने लगा और उसके खाते में राशि आने लगी. लेकिन 8 सितंबर 2021 को उक्त किसान को मृत घोषित कर सम्मान निधि की राशि देना बंद कर दी. उसके बाद से ही किसान शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाकर खुद को जिंदा साबित करने और राशि पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है. जब काम नहीं हुआ और वह खुद को जिंदा साबित नहीं कर पाया तो मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचा. जहां उसने कलेक्टर को आवेदन देकर शिकायत की.
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आधार कार्ड वाला आपके सामने खड़ा है: किसान भोजराज ने बताया कि ''जब मेरे खाते में पीएम किसान सम्मान निधि की राशि नहीं डली तो मैं जांच करने के लिए अधिकारियों के पास गया. जब उन्होंने मेरा आधार कार्ड देखा तो कहा कि आप तो मर चुके हो. इस पर भोजराज ने कहा कि आधार कार्ड वाला आपके सामने खड़ा है, फिर यह कैसे संभव है. लेकिन अधिकारियों ने खुद को असहाय बताते हुए मेरी मदद नहीं की. जिसके चलते मंगलवार को जनसुनवाई में मैंने कलेक्टर साहब को शिकायत की है.'' भोजराज ने बताया कि ''मैंने कलेक्टर से ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की भी मांग की है.''