शहडोल। आदिवासी बाहुल्य जिला शहडोल के लिए साल 2021 काफी खास रहा. कुछ कड़वी तो कुछ अच्छी यादें देकर साल बीत गया. इस साल शहडोल जिले में कोरोना का तांडव देखने को मिला, तो ऑक्सीजन की अहमियत क्या होती है इस साल आदिवासी इलाके में लोगों ने बड़े करीब से जाना. देखिए 2021 में शहडोल में हुई बड़ी घटनाओं (Shahdol Headlines 2021) की रिपोर्ट.
आदिवासी बाहुल्य जिला शहडोल जब जिले में दिखा कोरोना का तांडव साल 2021 कोरोना के भयावहता के लिए भी याद किया जाएगा. शहडोल जिला भी कोरोना के तांडव को देखने से बच नहीं सका. ये वही साल है जब जिले में कोरोना का असली कहर देखने को मिला. जिस तेजी के साथ जिले में कोरोना के मरीज बढ़ रहे थे, उसी तेजी के साथ अस्पतालों की स्थिति भी डगमगाती जा रही थी, ऑक्सीजन की कमी किसी से छिपी नहीं थीय कोरोना के कारण बहुतों ने अपनों को खोया.समाजसेवियों का दिखा एक अलग रूप
साल 2021 में जब जिले में कोरोना रूपी आपदा आई तो जिले के समाजसेवियों की दरियादिली भी देखने को मिली. जिस तरह से जिले के समाजसेवी लोगों की मदद करने के लिए एक पैर से खड़े हुए थे, जिले का कोई भी व्यक्ति हो जिससे जो बन पा रहा था, वह मदद कर रहा था. कोई पैसे से मदद कर रहा था, कोई खाने से मदद कर रहा था कोई खुद अपनी मेहनत से मदद करने के लिए तैयार रहता था. समाजसेवियों का एक अलग ही रूप साल 2021 में शहडोल जिले में देखने को मिला.समाजसेवियों का दिखा एक अलग रूप ऑक्सीजन की कमी से मचा था हड़कम्प साल 2021 शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी को लेकर भी याद किया जाएगा. वह दिन शायद ही कोई भूले जब अचानक ही मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और एक पल के लिए वहां भर्ती मरीज और परिजनों के बीच हड़कंप मच जाता है. इस दौरान कईयों ने अपनी जान भी गवांई. जिले को मिले कई ऑक्सीजन प्लांट जिले को मिले कई ऑक्सीजन प्लांट
साल 2021 शहडोल जिले में कई ऑक्सीजन प्लांट के लिए भी याद किया जाएगा, क्योंकि मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल ब्यौहारी में कई जगहों पर शहडोल जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए, जिससे ऑक्सीजन की दिक्कतों की समस्या का समाधान हुआ. शहडोल मेडिकल कॉलेज में एक पीएसए प्लांट चल रहा है जो वातावरण से वहां की हवा से ही ऑक्सीजन बनाता है, ढाई सौ जम्बो सिलेंडर प्रति दिन भरने की इसकी क्षमता है, ये प्लांट एक मिनट में एक हज़ार लीटर ऑक्सीजन बनाता है. एक एलएमओ प्लांट तैयार है 10 हज़ार लीटर का, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक चालू है और एक 20 हज़ार एलएमओ का एक टैंक आ चुका है. पाइपलाइन में कई ऑक्सीजन प्लांटइसके अलावा जिला चिकित्सालय में भी दो ऑक्सीजन प्लांट लगने थे, जिसमें पीएम केयर फंड से 71 लाख की लागत से एक हज़ार एलपीएम के पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगना था, जो पूरी तरह से लगकर तैयार भी है और जिला चिकित्सालय के वार्डों में पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई की तैयारी भी है इसके लिए वार्डों में लगभग 240 पॉइंट भी बनाए गए हैं. इसके अलावा शहडोल जिला चिकित्सालय में एक और 570 एलपीएम का ऑक्सीजन प्लांट लगना था, जिसके लिए जिला चिकित्सालय के पीछे की तरफ काफी पहले प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया था, और अब मशीनें भी आ गई हैं, अब बस इन्हें सेट करने का इंतजार है.
पूरी क्षमता से मेडिकल कॉलेज शुरू पूरी क्षमता से मेडिकल कॉलेज शुरू आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले के लिए साल 2021 इसलिए भी खास है, क्योंकि शहडोल मेडिकल कॉलेज अब पूरी क्षमता के साथ शुरू हो चुका है और यहां अब ओपीडी भी शुरू हो चुकी है. इसके साथ ही संभाग के लिए बड़ी मेडिकल सुविधा शुरू हो चुकी है जिसकी दरकार लोगों को कई सालों से थी. यहां तरह-तरह की जांच भी शुरू हो चुकी हैं जो साल 2021 में शहडोल जिले वासियों के लिए एक यह बहुत बड़ा उपहार रहा.जिले में दिखा कोरोना का तांडव जिला चिकित्सालय में भी जुड़ी कई अहम सुविधाएं साल 2021 शहडोल जिला चिकित्सालय में भी इलाज के लिए कई सुविधाओं के जुड़ने के लिए याद किया जाएगा, शहडोल जिला चिकित्सालय में अब सीटी स्कैन की व्यवस्था हो गई जो गरीबों के इलाज में बहुत मदद आएगी. बता दें कि शहडोल जिले में ही बहुत कम जगह पर सीटी स्कैन की व्यवस्था है, इसके लिए लोगों को बाहर तक जाना पड़ता था, लेकिन अब शहडोल जिला चिकित्सालय में ही ये सुविधा अब शुरू हो चुकी है. इसके अलावा शहडोल जिला चिकित्सालय के पैथोलॉजी में 101 प्रकार की जांच भी शुरू हो गई है जो इस जिले के लिए उपहार से कम नहीं है.
इस दर्द के लिए भी याद किया जाएगा ये साल
जाते-जाते साल 2011 शहडोल जिले को एक दर्द भी देकर गया. देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का देहांत हो गया एक दर्दनाक प्लेन क्रैश में देहांत हो गया, जिसके चलते शहडोल सुर्खियों में रहा. वजह थी कि मधुलिका रावत शहडोल की बेटी थी. मधुलिका रावत का घर शहडोल के सोहागपुर गढ़ी में था कुल मिलाकर साल 2021 में शहडोल ने अपनी एक बेटी और दामाद को भी खोया.सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की मौत सूदखोरी और नशा कारोबारियों पर कसा शिकंजा क्राइम की दुनिया पर नजर डालें तो, साल 2021 में वैसे तो कई तरह के क्राइम इस जिले में भी हुए. लेकिन सूदखोरी और नशा के कारोबारियों पर पुलिस ने जमकर शिकंजा कसा और बड़ी-बड़ी कार्रवाई और खुलासे किए, इसके लिए भी यह साल याद किया जाएगा. शहडोल जिले में साल 2021 में पहली बार सूदखोरों पर इतनी बड़ी तादाद में पुलिस ने कार्रवाई की. इतना ही नहीं साल 2021 में नशा के खिलाफ भी शहडोल पुलिस का एक्शन जारी रहा और जिस तरह से आदिवासी बाहुल्य इलाके में युवा नशे के जाल में फंसते जा रहे हैं उसे देखते हुए यह कार्रवाई अहम मानी जा रही थी.कोरोना वैक्सीनेशन में भी जिले ने किया कमाल
कोरोना वैक्सीनेशन में भी किया कमाल
साल 2021 में जब कोरोना वैकसीनेशन का महा अभियान शुरू हुआ तो शहडोल आदिवासी बाहुल्य जिला होते हुए भी पूरे प्रदेश में यह सुर्खियों में रहा, शहडोल जिले का जमुई ग्राम पंचायत प्रदेश में पहला ऐसा ग्राम पंचायत बना जिसने प्रदेश में सबसे पहले शत-प्रतिशत कोरोना वैक्सीनेशन कराने का कारनामा किया. इसे लेकर भी जिले की खूब वाहवाही हुई (Shahdol Headlines 2021) (Shahdol Year Ender 2021).