शहडोल। जिले के विराट शिव मंदिर के सामने अब बड़ा खतरा मंडरा रहा है. यह खतरा कुछ और नहीं बल्कि मंदिर परिसर से लगी बस्तियों के सीवेज का पानी है जो मंदिर के आसपास की भूमि के पास जमा हुआ है और इसे दलदल बना रहा है. इससे मंदिर के नींव के धंसने का खतरा पैदा हो गया है. सीवेज का पानी अब मंदिर परिसर के अंदर भी जा रहा है. इस खतरे को भापने के बाद एएसआई ने नगर पालिका शहडोल सहित जिला प्रशासन को भी एक पत्र लिखा है. इसमें सीवेज का पानी मंदिर परिसर में आने को रोकने को कहा गया है. (virat mandir shahdol history) (virat shiv temple shahdol)
मंदिर को कितना खतरा: इस विराट शिव मंदिर के आसपास जो पानी जमा हो रहा है उससे इस ऐतिहासिक धरोहर को कितना खतरा हो सकता है. इसे जानने के लिए जब ईटीवी भारत ने जिले के पुरातत्वविद रामनाथ सिंह परमार से बात की तो उन्होंने भी माना है कि, अगर समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो मंदिर को क्षति पहुंच सकती है. पुरातत्वविद रामनाथ सिंह परमार कहते हैं कि, विराटेश्वर मंदिर शहडोल जिला ही नहीं बल्कि शहडोल संभाग की अमूल्य धरोहर है, यह पुरातत्वीय स्मारक एएसआई द्वारा संरक्षित भी है. परिसर के पश्चिमी भाग से गंदे नाले का पानी पहुंच रहा है. अंडर ग्राउंड रिसाव भी चल रहा है. इससे परिसर दूषित हो रहा है. मंदिर में अंडरग्राउंड पानी का सीवरेज चल रहा है. इससे वर्तमान और भविष्य में मंदिर में क्षति पहुंचने की प्रबल संभावना है. इस पर अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो अमूल्य धरोहर को बड़ी क्षति हो सकती है.
शहडोल का अद्भुत विराट शिव मंदिर
पुरातत्व विभाग से अपील: विराट शिव मंदिर के आसपास पानी जमा होने को लेकर नगर पालिका शहडोल के सीएमओ अमित तिवारी कहते हैं कि, हमने उसमें अपने इंजीनियरों के माध्यम से देखा है कि, हाईवे की ओर से पूरा पानी मंदिर के दीवार की तरफ आता है. यहां पर लोगों से बात कर पानी को डायवर्ट करने का प्रयास किया जा रहा है, यहां पर एक तालाब भी है. यहां पर व्यवस्था करने का प्रयास किया गया था. पुरातत्व विभाग से भी अनुरोध है कि, मंदिर की दीवार साइड से कुछ ऐसी व्यवस्था करने की कोशिश करें जिससे पानी अंदर ना जाए.
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गर्भ गृह में शिवलिंग: शहडोल जिले का विराट शिव मंदिर कलचुरी कालीन ऐतिहासिक पुरातत्व महत्व का मंदिर है. अपने अंदर अद्भुत कलाकृतियां समेटे हुए है. यह विराट ईश्वर शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर का निर्माण कलचुरी नरेश युवराज देव प्रथम ने 10वीं 11वीं सदी ईसवीं में कराया था, यहां इतने बड़े मंदिर के गर्भ गृह में छोटे से शिवलिंग हैं जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है. यह विराट शिव मंदिर पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित है, मंदिर की लंबाई 46 फीट चौड़ाई 34 फीट और ऊंचाई 72 फीट है. यह ऐतिहासिक मंदिर शहडोल जिला ही नहीं बल्कि विंध्य क्षेत्र का या यूं कहें कि मध्य प्रदेश का एक अमूल्य और ऐतिहासिक धरोहर है. ऐसे में इस मंदिर के सामने जो संकट मंडरा रहा है अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो इस ऐतिहासिक धरोहर को क्षति हो सकती है. (virat mandir shahdol history) (virat shiv temple shahdol)