शहडोल। जैसे-जैसे खरीफ की फसलों से खेत खाली होते जा रहे हैं. रबी सीजन की फसलों की तैयारी में किसान लग गए हैं. जिले में भी रबी सीजन में कई फसलों की खेती की जाती है. जिसमें गेंहू की खेती मुख्य रूप से की जाती है. शहडोल संभाग में इस बार बारिश देर से होने से खरीफ के सीजन में खेती में देरी हुई. धान की फसल देर से लगाई गई. जिसके चलते धान के फसल की कटाई भी देरी से हो रही है. जिसके चलते किसान रबी की फ़सलें अपनी खेतों में लगा रहे हैं. जबकि नवंबर का महीना चल रहा है और रबी सीजन की खेती की तैयारी में किसान जुटा हुआ है. शहडोल जिले में भी रबी सीजन की खेती यहां का किसान करता है. रबी सीजन में इस बार प्रशासन को जिले में बोई जाने वाली हर फसल में रकबा बढ़ने की उम्मीद है. हालांकि अचानक बदले मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.
रबी सीजन की खेती में जुटा किसान
नवंबर का महीना चल रहा है और शहडोल जिले में रबी सीजन की खेती की तैयारी में किसान जुट चुका है. शहडोल जिले में रबी सीजन में गेहूं, चना, मटर, मसूर, सरसों, अलसी और अन्य फसलों की खेती प्रमुखता से की जाती है. शहडोल में रबी सीजन में सबसे ज्यादा रकबा गेहूं का होता है. वहीं कृषि विभाग के उप संचालक आरपी झारिया कहते हैं कि इस बार जिले में सामान्य बारिश हुई है, इसलिए सभी किसान खेतों तैयारी करके बोनी शुरू कर दें.
इन फसलों के रकबा बढ़ने की उम्मीद
शहडोल जिले में रबी के सीजन में सबसे ज्यादा रकबा गेहूं की फसल का होता है और इस बार भी प्रशासन को इस फसल के रकबा के बढ़ने की उम्मीद है, कृषि उप संचालक आरपी झारिया बताते हैं कि पिछली बार की तुलना में इस बार गेहूं का रकबा बढ़ेगा. पिछली बार गेहूं का रकबा जिले में 65,000 हेक्टेयर के आसपास था लेकिन इस बार 68,000 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है और कृषि उप संचालक ने उम्मीद जताई है कि सब कुछ ठीक रहा तो इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा. नवंबर का एक सप्ताह गुजरने वाला है और शहडोल में लगभग 7,000 हेक्टेयर रकबे में गेंहू की बोनी भी हो चुकी है.
बुआई का है उपयुक्त समय
इसी तरह जिले में चने का रकबा पिछले साल 6000 हेक्टेयर के आसपास था और जो इस बार 7000 हेक्टेयर तक पहुंचने की उम्मीद है. कृषि उप संचालक ने किसानों को कहा है कि चना, मटर, मसूर इसकी बोनी किसान तत्काल कर दे, बिना कोई देरी किए, क्योंकि इसके लिए समय एकदम उपयुक्त है. शहडोल जिले में इस बार अलसी का रकबा बढ़ने की उम्मीद है, अलसी का रकबा पिछली बार 3,800 हेक्टेयर था जो इस बार 5000 हेक्टेयर बढाने तक का लक्ष्य रखा गया है. जबकि सरसों का रकबा पिछले साल 32 सौ हेक्टेयर था लेकिन इस बार करीब 4 हजार साढ़े चार हज़ार हेक्टेयर के बीच रहने की उम्मीद जताई गई है.
इन फसलों की होती है खेती, बढ़ेगा इस फसल का रकबा
शहडोल संभाग में प्रमुख रूप से रबी सीजन में गेंहू की फसल लगाई जाती है. इसके अलावा चना, मटर, मसूर, सरसों, अलसी फसलें लगाई जाती हैं. गेंहू की फसल की सिंचाई के लिए इस बार पर्याप्त पानी है, जिसके चलते गेंहू के रकबे में वृद्धि होने की संभावना है. साथ ही इस बार अच्छी बारिश होने से सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी है.
जल्द करें बुआई, होगा बंपर उत्पादन
कृषि उपसंचालक ने किसानों को सलाह भी दी है कि धान की कटाई होते ही जैसे ही बुवाई के लिए स्वाईल कंडीशन सही हो जाये. वैसे ही बुवाई कर दें, ताकि जितनी जल्दी बुवाई हो जाएगी, रबी सीजन के फसलों की खेती शुरू हो जाएगी और उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी. साथ ही किसान जो भी बीज लगाएं उसके लिए बीजोपचार जरूर कर लें.
किसानों को सलाह
अचानक बदले हुए मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में कृषि उप संचालक आरपी झारिया ने किसानों को सलाह दी है कि धान की फसल की जो कटाई चल रही है. किसान घबराएं नहीं फसल की कटाई चल रही है, जो खेतों में कटी हुई पड़ी है उसे गीला फसल अभी समेटे नहीं, बल्कि धान की फसल कटाई करने के बाद तीन से चार दिन तक खेतों में ही धान की फसल को सूखने दें. जब सूख जाए तब उसे समेटकर उसकी गहाई की जाए और अच्छे से उसकी सफाई करने के बाद उपार्जन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो सूखने के पश्चात थी उपार्जन केंद्रों में बिक्री के लिए ले जाया जाए, जिससे किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा.