शहडोल। जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बदहाल है. या यूं कहें की पूरी तरह से चरमरा गया है. आलम यह है कि दूरांचल क्षेत्र के ग्रामीण आज भी झोलाछाप डॉक्टर्स से इलाज कराने के लिए मजबूर हैं और उसका खामियाजा उन्हें भुगतना भी पड़ जाता है. एक ऐसा ही मामला शहडोल जिले के सीधी थाना क्षेत्र से आया है. जहां एक 5 साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई, जिस पर परिजनों ने आरोप लगाया है की बच्ची की मौत गलत इलाज की वजह से हुई है.
मासूम की मौत, परिजनों का आरोप: पूरा मामला शहडोल जिले के सीधी थाना क्षेत्र अंतर्गत जमुडी गांव का है. जहां 5 साल की एक बच्ची जिसका नाम तान्या साकेत है, उसको सर्दी जुकाम और बुखार होता है. बीमारी को देखते हुए परिजनों ने गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर से 20 अक्टूबर को उसका इलाज कराया. डॉक्टर ने बच्ची को दो इंजेक्शन और कुछ टैबलेट दिए इसके बाद बच्ची की मौत हो गई. नाराज परिजनों ने इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस थाने में की है. परिजनों ने आरोप लगाया है, कि झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से बच्ची की मौत हुई है.
पुलिस ने किया केस दर्ज: परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और जांच भी शुरू कर दी है. इस पूरे मामले को लेकर संबंधित थाने की पुलिस का कहना है कि ''पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट हो सकेगा. मर्ग कायम कर जांच की जा रही है.'' वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर एस पांडे का कहना है कि ''झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से 5 वर्षीय मासूम की मौत का मामला सामने आया है, मामले की जांच कराई जा रही है.''
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जिले में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था: गौरतलब है कि स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी, शासन-प्रशासन भले ही कितनी भी बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के दावे करें लेकिन इस तरह की घटनाएं उनकी पोल खोल ही देती हैं. जिला मुख्यालय के दूरांचल क्षेत्र के हाल तो बेहाल हैं ही, स्वास्थ्य को लेकर जिले में कैसी लचर व्यवस्था है, अगर इसे जानना है तो जिला मुख्यालय के आसपास के ही उप स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अगर आप चले जाएं तो वहां के हालात स्वास्थ्य व्यवस्थों की पोल खोल देंगे. Poor health system in Shahdol