शहडोल। एक ओर जहां देश में कहीं-कहीं पर कोरोना वायरस के केस मिलने फिर से शुरू हो गए हैं, तो वहीं दूसरी ओर कोरोना वैकसीन लगवाने को लेकर जो उत्साह पहले लोगों में देखा जा रहा था, इसके उलट अब कोरोना वैकसीन लगवाने को लेकर लोगों में सुस्ती नजर आ रही है. खासकर बूस्टर डोज को लेकर तो लोग बिल्कुल भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इन दिनों कोरोना वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर नजर डालें, तो वो हैरान करने वाले हैं.
शहडोल में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर स्थिति : शहडोल जिले में कोरोना वैकसीनेशन के आंकड़ों पर नजर डालें तो 12 से 14 साल के एज वर्ग में जिले में 43,715 लोगों को कोरोना की वैकसीन लगनी थी, जिसमें से 35, 091 लोगों को कोरोना वैकसीन कि पहली डोज लग चुकी है. ये करीब 80.27 % है. वहीं, दूसरी डोज अभी महज 1500 लोगों को ही लग पाई है, यह करीब 3.43% है.
15 से 17 साल के एज ग्रुप: इसी तरह 15 से 17 साल के एज ग्रुप के लोगों की बात करें तो 66, 844 लोगों को कोरोना की वैकसीन लगनी थी, जिसमें से 55, 126 लोगों को पहली डोज लग चुकी है, जो करीब 82.47% है. वहीं, 31,039 लोगों को वैकसीन की दूसरी डोज लग गई है, जो करीब 47 प्रतिशत है.
18 प्लस वालों का वैक्सीनेशन: 18 प्लस वालों की बात करें तो 7,91,363 लोगों को इस एज ग्रुप में कोरोना की वैकसीन लगनी थी, जिसमें से 97.12% लोगों को कोरोना वैकसीन की पहली डोज लग चुकी है, तो वहीं 96.90 प्रतिशत लोगों को कोरोना वैकसीन की दूसरी डोज लग चुकी है.
बूस्टर डोज़ को लेकर सुस्ती: बूस्टर डोज पर नजर डालें तो जिले में बूस्टर डोज लगवाने को लेकर लोगों में सुस्ती नजर आ रही है या यूं कहें कि जो उत्साह शुरुआत में 60 प्लस उम्र वालों में दिख रहा था वो बूस्टर डोज में देखने को नहीं मिल रहा है. जिले में देखा जाए करीब 17,000 लोग ड्यू हैं जिन्हें वैकसीन की बूस्टर डोज लगनी थी, जिसमें से महज 12% लोगों को ही अब तक कोरोना वैकसीन कि बूस्टर डोज़ लग पाई है.
हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर : बूस्टर डोज को लेकर फ्रंट लाइन वर्कर और हेल्थ वर्कर के आंकड़ों पर नज़र डालें तो, इन दोनों ही वर्ग के लोगों में करीब 85 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन कि डोज़ लग चुकी है. (booster dose Vaccination Drive slowed)