उज्जैन: महाशिवरात्रि महापर्व के पहले महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे शिवनवरात्रि महोत्सव के दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर अपने भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन दे रहे हैं. शिवनवरात्रि के आठवें दिन संध्या पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर व मां भगवती पार्वती ने सभी भक्तों को श्री उमा-महेश स्वरूप में दर्शन दिए.
मंदिर प्रांगण में भक्तों ने लगाया जयकारा
मान्यता है कि उज्जैन परम पिता परमेश्वर शिव और जगदम्बा माता श्री पार्वती के श्री उमा-महेश स्वरूप के दर्शन करने से सभी भक्तों को मनवांछित फल प्राप्त होता है. उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. भगवान शिव त्याग, तपस्या, वात्सल्य व करुणा की मूर्ति हैं, जो सहज ही प्रसन्न हो जाते है और मनोवांछित फल देते हैं. सोमवार को फाल्गुन कृष्ण एकादशी के दिन महाकालेश्वर के उमा-महेश स्वरूप में दर्शन दिया. प्रांगण में मौजूद भक्तों ने इस दौरान जयकारा लगया.
शिव नवरात्रि के सातवें दिन बाबा महाकाल ने श्री मनमहेश स्वरूप में भक्तों को दिए दर्शन
शिव नवरात्रि का छठवां दिन, बाबा महाकाल ने धारण किया होलकर स्वरूप, भगवान के करें दर्शन
महाकाल का किया गया था विशेष श्रृंगार
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के नेवैद्य कक्ष में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन किया गया. कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थापित कोटेश्वर महादेव के पूजन के बाद मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों द्वारा महाकालेश्वर का अभिषेक, एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया. संध्या पूजन के बाद महाकालेश्वर व मां उमा को नए वस्त्र धारण करवाए गए.
साथ ही महाकालेश्वर के श्री उमा-महेश स्वरूप का श्रृंगार कर बाबा को मुकुट, मुण्ड माला व फलों की माला धारण करायी गयी. मंगलवार, फाल्गुन कृष्ण द्वादशी तिथि प्रदोष पर्व पर महाकालेश्वर श्री शिव तांडव के रूप में दर्शन देंगे. इसके बाद 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जायेगा.