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टूटी हड्डियों का रामबाण इलाज 'हडजोड़' - टूटी हड्डियों को जोड़ने का रामबाण इलाज शहडोल

टूटी हड्डियों को जोड़ने के लिए शहडोल के जंगलों में अद्भुत खजाना छिपा है. सैकड़ों सालों से यहां के लोग अंग्रेजी दवा की बजाय प्राकृतिक औषधि 'हडजोड़' का इस्तेमाल कर रहे हैं. जांचा और परखा ये नुस्खा इंसानों के लिए वरदान से कम नहीं है.

ramban treatment for brokenbones
टूटी हड्डियों को जोड़ने का रामबाण इलाज
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Published : Jan 10, 2021, 4:58 PM IST

शहडोल पर कुदरत की खास मेहरबानी है. चारों ओर जंगल, पहाड़, पानी, कल-कल बहती नदियां . क्या कुछ नहीं है शहडोल में. सेहत का खजाना भी छिपा है अपने शहडोल में. यहां के जंगलों में कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जो प्रकृति का वरदान हैं. यहां के जंगलों में एक खास औषधि मिलती है. स्थानीय लोग इस हड़जोड़ कहते हैं. नाम से ही पता चलता है कि इससे टूटी हुई हड्डियां जोड़ी जाती हैं.

टूटी हड्डियों का रामबाण इलाज 'हडजोड़'

इंसान ही नहीं जानवरों पर भी कारगर

आज की पीढ़ी को शायद इसके बारे में पता नहीं हो. लेकिन आयुर्वेदिक में हड़जोड़ एक चमत्कारिक औषधि है. अगर किसी की हड्डी टूट जाती है . तो लोग हड़जोड़ की तलाश में निकल पड़ते हैं. छल्कू बैगा काफी समय से इस औषधि पर काम कर रहे हैं.. छल्कू बताते हैं वे हजारों लोगों पर ये दवा इस्तेमाल कर चुके हैं. इंसान ही नहीं जानवरों पर भी ये दवा उतनी ही कारगर है.

hadjod miracle
आयुर्वेद का खजाना


क्या है हड़जोड़ ?

स्थानीय लोग इसे कई नामों से जानते हैं.जैसे अस्थिसंहार, हड़जोड़, हडजुड़ी. इसका वानस्पतिक नाम Cissus quadrangularis है. इसका इस्तेमाल प्राचीन समय से हो रहा है. ये अंगूर की प्रजाति का पौधा है. कैक्टस की तरह दिखता है.खास बात ये है कि इसकी पत्तियां और तना दोनों काफी काम के हैं. इस पौधे की ज्यादा देखभाल की भी जरूरत नहीं पड़ती है. बारह महीने ये पौधा हरा भरा रहता है. इसके तने को तोड़कर जमीन में आसानी से लगा सकते हैं.

panacea for broken bones
अचूक है हड़जोड़

अचूक है हड़जोड़

गांव के ही भैयालाल बैगा बताते हैं कि कुछ साल पहले उनके एक पैर में फ्रैक्चर हो गया था. प्लास्टर लगवाया और अंग्रेजी दवा की बजाय हड़जोड़ खाना शुरु कर दिया. कुछ दिन में उनका पैर पूरी तरह से जुड़ गया . आज भैयालाल अपना पूरा काम खुद कर करते हैं. एक बार उनके बच्चे का भी हाथ टूट गया था. तब भी उन्होंने प्लास्टर लगवाने के साथ ही बच्चे को हड़जोड़ खिलाया. आज उनके बच्चे का हाथ भी पूरी तरह से ठीक है.

हड़जोड़ पर क्या कहता है आयुर्वेद?

आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह बताते हैं कि हड़जोड़ प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि है. इसे गाय के दूध के साथ खाली पेट खिलाया जाता है. आमतौर पर 5 से 10 एमएल की मात्रा काफी हो ती है. अगर इसे ज्यादा मात्रा में ले लिया जाए तो दस्त भी हो सकते हैं.
शहडोल आदिवासी जिला है. यहां के जंगलों में प्राकृतिक संपदाओं का अकूत भंडार है. हड़जोड़ जैसी कई औषधियों का यहां खजाना है. बस जरूरत है सटीक जानकारी और विश्वास की.

शहडोल पर कुदरत की खास मेहरबानी है. चारों ओर जंगल, पहाड़, पानी, कल-कल बहती नदियां . क्या कुछ नहीं है शहडोल में. सेहत का खजाना भी छिपा है अपने शहडोल में. यहां के जंगलों में कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जो प्रकृति का वरदान हैं. यहां के जंगलों में एक खास औषधि मिलती है. स्थानीय लोग इस हड़जोड़ कहते हैं. नाम से ही पता चलता है कि इससे टूटी हुई हड्डियां जोड़ी जाती हैं.

टूटी हड्डियों का रामबाण इलाज 'हडजोड़'

इंसान ही नहीं जानवरों पर भी कारगर

आज की पीढ़ी को शायद इसके बारे में पता नहीं हो. लेकिन आयुर्वेदिक में हड़जोड़ एक चमत्कारिक औषधि है. अगर किसी की हड्डी टूट जाती है . तो लोग हड़जोड़ की तलाश में निकल पड़ते हैं. छल्कू बैगा काफी समय से इस औषधि पर काम कर रहे हैं.. छल्कू बताते हैं वे हजारों लोगों पर ये दवा इस्तेमाल कर चुके हैं. इंसान ही नहीं जानवरों पर भी ये दवा उतनी ही कारगर है.

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आयुर्वेद का खजाना


क्या है हड़जोड़ ?

स्थानीय लोग इसे कई नामों से जानते हैं.जैसे अस्थिसंहार, हड़जोड़, हडजुड़ी. इसका वानस्पतिक नाम Cissus quadrangularis है. इसका इस्तेमाल प्राचीन समय से हो रहा है. ये अंगूर की प्रजाति का पौधा है. कैक्टस की तरह दिखता है.खास बात ये है कि इसकी पत्तियां और तना दोनों काफी काम के हैं. इस पौधे की ज्यादा देखभाल की भी जरूरत नहीं पड़ती है. बारह महीने ये पौधा हरा भरा रहता है. इसके तने को तोड़कर जमीन में आसानी से लगा सकते हैं.

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अचूक है हड़जोड़

अचूक है हड़जोड़

गांव के ही भैयालाल बैगा बताते हैं कि कुछ साल पहले उनके एक पैर में फ्रैक्चर हो गया था. प्लास्टर लगवाया और अंग्रेजी दवा की बजाय हड़जोड़ खाना शुरु कर दिया. कुछ दिन में उनका पैर पूरी तरह से जुड़ गया . आज भैयालाल अपना पूरा काम खुद कर करते हैं. एक बार उनके बच्चे का भी हाथ टूट गया था. तब भी उन्होंने प्लास्टर लगवाने के साथ ही बच्चे को हड़जोड़ खिलाया. आज उनके बच्चे का हाथ भी पूरी तरह से ठीक है.

हड़जोड़ पर क्या कहता है आयुर्वेद?

आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह बताते हैं कि हड़जोड़ प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि है. इसे गाय के दूध के साथ खाली पेट खिलाया जाता है. आमतौर पर 5 से 10 एमएल की मात्रा काफी हो ती है. अगर इसे ज्यादा मात्रा में ले लिया जाए तो दस्त भी हो सकते हैं.
शहडोल आदिवासी जिला है. यहां के जंगलों में प्राकृतिक संपदाओं का अकूत भंडार है. हड़जोड़ जैसी कई औषधियों का यहां खजाना है. बस जरूरत है सटीक जानकारी और विश्वास की.

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