शहडोल। कैदियों की अदला-बदली को लेकर हुए समझौते के बाद सोमवार को पाकिस्तान की जेल से एक भारतीय सिविल कैदी को रिहा किया गया है, मध्य प्रदेश का रहने वाला 30 वर्षीय राजू 13 साल पहले गलती से पाकिस्तान चला गया था. जिसके बाद पाकिस्तान की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. बस यहीं से शुरू हो गया, राजू को थर्ड डिग्री टॉर्चर देना.
थर्ड डिग्री टॉर्चर के बाद खो बैठा आवाज
पाकिस्तान की जेल में बंद राजू ने कई तरह के जतन झेले, उसके साथ पाकिस्तानी पुलिस लगातार मारपीट करती रही, मिली जानकारी के मुताबिक उसे थर्ड डिग्री का टॉर्चर दिया जाता था, जिसकी वजह से उसकी मानसिक हालत भी बिगड़ चुकी है. फिलहाल राजू कुछ भी बताने में असमर्थ है, क्योंकि उसके साथ हुए टॉर्चर ने उसकी आवाज तक छीन ली है. फिलहाल राजू को मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जा रहा है.
लगभग 15 सालों से पाकिस्तान की जेल में बंद था राजू
राजू के मुताबक उसे पाकिस्तान गए 10-15 साल हो गए थे और वह तभी से वहां की जेल में बंद था. आज उसे पाकिस्तान की तरफ से रिहा गया है. उसे अटारी-बाघा बॉर्डर भारतीय रेंजरों के हवाले किया गया, जिसके बाद जवानों ने उसे पुलिस को सौंपा.पुलिस अधिकारी अरुण पाल ने बताया कि पाकिस्तान की जेल से छूटने वाला राजू मध्य प्रदेश का रहने वाला है, इसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है.
वतन वापसी के बाद राजू का हुआ मेडिकल टेस्ट
वतन वापसी के बाद राजू इस बात को दोहराता रहा कि उसके तीन भाई बहन हैं और उसका भाई रिक्शा चलाता है, पुलिस के जवान राजू को पहले अस्पताल ले गए, और उसकी जांच कराई. हालांकि पुलिस पूछताछ में राजू कुछ ज्यादा बता नहीं सका, क्योंकि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है, और वो ठीक से कुछ बोल भी नहीं पा रहा है.
राजू कैसे पहुंचा पाकिस्तान ?
राजू से पूछा गया कि वह पाकिस्तान कैसे पहुंचा, तो इस सवाल के जवाब में कभी वह कहता कि ट्रेन से गया, तो कभी पैदल ही पाकिस्तान जाने की बात कह रहा है, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि राजू किस अपराध में पाकिस्तान की जेल में 13 वर्ष तक बंद रहा, अस्पताल में उसकी मानसिक दशा ठीक होने के बाद पुलिस उससे जानकारी लेगी, इसके बाद मध्य प्रदेश में रहने वाले उसके स्वजनों की तलाश की जाएगी.