इंदौर : क्या आप कभी शौचालय पर अपना ऑफिस या दुकान बनाना चाहेंगे? शायद नहीं, पर इंदौर में कुछ अधिकारियों और तथाकथित नेताजी की मिलिभगत से शौचालय पर कब्जा कर लिया गया और उसपर एक ऑफिस भी तान दिया गया. जब निगम प्रशासन को इस बात का पता चला तो भवन अधिकारी को सस्पेंड करते हुए शौचालय तोड़कर उसमें अपना ऑफिस बनाने वाले नेता के खिलाफ भी FIR करने के आदेश दे दिए गए.
क्या है शौचालय में ऑफिस का पूरा मामला?
दरअसल, ये पूरा मामला शहर के चिमनबाग मैदान से सटी नगर निगम की दुकानों का है. यहां दुकानों के बीच में निगम द्वारा सार्वजनिक शौचालय बनवाया गया था. सार्वजनिक शौचालय के पास ही एक दुकान बनी हुई थी, आरोप है कि हेमंत चौरसिया नामक एक तथाकथित नेता ने दुकान को बड़ा करने के लिए शौचालय के यूरिनल तोड़कर दुकान बड़ी कर ली और दुकान के ऊपर शटर लगा लिया था. इसके बाद नगर निगम एक्शन में आया और अवैध निर्माण को तोड़कर हटा दिया गया.
निगम प्रशासन ने लिया एक्शन
आरोप है कि हेमंत चौरसिया ने यहां एक मार्केटिंग कंपनी का भव्य ऑफिस तैयार करवाया और सार्वजनिक शौचालय पर भी कब्जा कर ऑफिस बड़ा कर लिया. सोमवार को नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा को जब इस मामले की शिकायत मिली तो उन्होंने जांच कराई, जिसमें आरोप सही पाए गए. इसके बाद नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा के निर्देश पर चिमनबाग स्थित सार्वजनिक शौचालय पर अवैध कब्जा कर बनाई गई दुकान को निगम रिमूवल टीम द्वारा तोड़ा गया. वहीं अवैध कब्जा हटाने के बाद सार्वजनिक शौचालय बनाने का कार्य शुरू किया गया. इसके साथ ही आयुक्त ने सार्वजनिक शौचालय तोड़ने व अवैध रूप से शौचालय पर कब्जा करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व अवैध कब्जा करने पर एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं.
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इतना ही नहीं, इस मामले में जोन क्रमांक-3 के भवन अधिकारी धीरेंद्र बायस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और सीटीपीटी सुपरवाइजर सागर गावड़े की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं.