शहडोल। जिला मुख्यालय से लगे सिंहपुर रोड पर एक काफी खतरनाक नाला है, जिसे लोग पोंडा नाला के नाम से जानते हैं और यह नाला कुछ ही घंटे की बरसात में यह नाला उफान मारने लगता है, इस नाले का बहाव इतना ज्यादा हो जाता है कि लोगों के लिए यहां काफी ज्यादा खतरा उत्पन्न हो जाता है जिससे न केवल कोई भी अनहोनी होने का खतरा मंडराता रहता है.
बारिश के बाद शबाब पर नाला
आलम यह है कि कुछ ही घंटों की बरसात से लोग काफी परेशान हो जाते हैं, शहडोल जिले में आज सुबह से ही बरसात हो रही है और अच्छी बारिश हो रही है, जिसके चलते एक बार फिर से यह पोंडा नाला पूरे शबाब पर बह रहा है.
झमाझम बारिश से उफान पर नाला
शहडोल जिले में आज सुबह से ही झमाझम बरसात हुई और कुछ ही घंटे की बारिश से नदी नाले एक बार फिर से उफान पर आ गए, जिला मुख्यालय से लगे हुए सिंहपुर रोड पर पोंडा नाला भी अपने पूरे उफान पर रहा, बता दें कि यह वह मार्ग है जहां से हाईवे होकर गुजरती है, इस रास्ते से काफी लोग हर दिन गुजरते हैं, और यह सबसे व्यस्ततम मार्गों में से एक है.
लोगों के लिए आफत बना नाला
ऐसे में इस नाले के उफान में आ जाने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, तो वहीं कुछ लोग खतरों से भी खेलते हैं, नाला उफान पर रहता है, फिर भी उसे पार करने की कोशिश करते हैं, जिससे मुश्किल में फंस जाते हैं.
घंटों खड़े रहे लोग, कुछ ने खतरा लिया मोल
इस नाला के उफान पर आ जाने से दोनों तरफ घंटों लोग खड़े रहे, इस उम्मीद के साथ कि शायद नाला उतर जाए और फिर वह रास्ता पार करके अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़े, इतना ही नहीं कुछ लोग तो उस तेज बहाव नाले से ही अपनी गाड़ियों को निकालते भी नजर आए, कुछ की गाड़ियां निकल गई, तो कुछ की गाड़ियां बीच नाले में ही फंस गई, तो कुछ लोगों की गाड़ियां वही बंद भी हो गई, जिससे लोग परेशान भी होते नजर आए हालांकि कुछ बड़ी गाड़ियां जरूर वहां से निकलती दिखी.
बता दें कि यह नाला जब अपने उफान पर होता है, तो काफी खतरनाक होता है और जिस तरह से व्यस्ततम मार्गों में से एक है, इस नाले से लोग रास्ता पार करने की कोशिश करते हैं और यह लोगों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है, कभी भी कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
इस मार्ग से छोटे-छोटे बच्चे भी स्कूल जाते हैं, मरीज भी इधर से उधर जाते हैं, बड़े बुजुर्ग भी रास्ते को पार करते हैं ऐसे में लोगों के लिए बड़ी समस्या हो सकती है और कभी भी कोई भी बड़ी दुर्घटना यहां हो सकती है, अगर वक्त रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो बड़ा हादसा हो सकता है.
नागपुर, जबलपुर, छतीसगढ़ से जोड़ता है ये मार्ग
बता दें कि यह मार्ग इतना व्यस्ततम मार्गों में से एक है कि इसी रास्ते से होकर लोग महाराष्ट्र के नागपुर जाते हैं, जबलपुर जाते हैं, मंडला डिंडोरी जाते हैं इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ जाने वाले लोग भी इसी हाईवे का इस्तेमाल करते हैं और यह नाला हाईवे से जोड़ता है और यहीं से जिला मुख्यालय के लोग भी जुड़ते हैं, इतना ही नहीं करीब 30 से 40 गांव के लोग हर दिन शहडोल जिला मुख्यालय आते हैं.
कोई इलाज के लिए आता है कोई किसी काम के लिए आता है यहां से कर्मचारी छात्र भी हर दिन आना-जाना करते हैं, लेकिन अब तक इस विकट समस्या पर ना किसी जनप्रतिनिधि और ना ही किसी प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान गया है.
रेलवे की पटरी से भी गुजरते हैं लोग
जब भी यह नाला उफान पर आता है, लोग इस नाले के ऊपर से जाने वाली रेल की पटरियों से होकर गुजरते हैं, उसे पुल की तरह इस्तेमाल करने लगते हैं ऐसे में अगर उसी वक्त में कोई भी ट्रेन आ जाए, तो कभी भी कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
गौरतलब है कि शहडोल जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला यह मार्ग बहुत ही व्यस्ततम मार्गों में से एक है, यह नाला हाईवे से जोड़ता है, यहां से हर दिन काफी जरूरतमंद लोग गुजरते हैं, ऐसे में महज कुछ ही घंटे की बारिश में उफान पर आ जाने वाले नाले से लोगों को काफी खतरा बना रहता है.
उफनते नाले से बाइक निकालने को लगाई ₹10 की शर्त, फिर जो हुआ वह सोचा नहीं था
आलम यह है कि वर्षों की यह पुरानी समस्या इस 21वीं सदी में भी न तो यहां के नेताओं को ना ही यहां के जनप्रतिनिधियों को और ना ही प्रशासनिक अधिकारियों को या यूं कहें किसी भी जिम्मेदारों को नजर आया है ऐसा भी नहीं है कि लोगों के संज्ञान में नहीं है यह ऐसा मार्ग है कि यहां से बड़े-बड़े नेता भी होकर गुजरते हैं लेकिन इस विकट समस्या को लेकर अब तक वो भी ध्यान नहीं दे रहे हैं.