शहडोल। जिले में बड़ी मात्रा में उड़द, तिल और सोयाबीन की खेती की जाती है, लेकिन अतिवृष्टि ने इन फसलों को बर्बाद कर दिया. मुआवजा मिलना तो दूर की बात अतिवृष्टि से बर्बाद हुई खरीफ की फसलों का अभी तक सर्वे भी नहीं किया गया. जबकि रवि सीजन की खेती शुरू हो चुकी है.
एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रही बीजेपी और कांग्रेस
अतिवृष्टि से बर्बाद हुई किसानों की फसल का मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है, कांग्रेस इसके लिए केंद्र की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बता रही है, तो वहीं बीजेपी प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगा रही है. शहडोल जिले में किसानों के साथ मिलकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, साथ ही जल्द से जल्द किसानों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की है. कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि केंद्र ने मध्यप्रदेश के हिस्से का 22 हजार करोड़ रुपया काट लिया है, साथ ही उनका कहना है कि इसी वजह से प्रदेश सरकार किसानों को मुआवजा नहीं दे पा रही है.
इस मामले पर कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष आज़ाद बहादुर सिंह ने कहा कि जिले में अतिवृष्टि हुई. जिसके चलते सोयाबीन, तिल और उड़द की फसल बर्बाद हुई है. जिसके आधार पर किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए. लेकन केंद्र सरकार ने पैसा नहीं दिया, साथ ही उन्होंने ने सफाई देते हुए कहा कि सर्वे हो गया है. जिसके आधार पर मुआवजा भी तय हो गया है, ऐसे में यदि कहीं सर्वे नहीं हुआ तो संज्ञान में लेंगे.