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जमीनी स्तर पर जांच कर रही एनएचएम की टीम, एमडी छवि भारद्वाज संभाल रहीं जिम्मेदारी

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Published : Dec 10, 2020, 3:51 AM IST

Updated : Dec 10, 2020, 9:52 AM IST

शहडोल में लगातार हो रही बच्चों की मौतों के चलते हेल्थ सिस्टम सवालों के घेरे में हैं. लिहाज खुद एनएचएम की एमडी छवि भारद्वाज ग्राउंड पर मौजूद हैं और जांच पड़ताल कर रहीं हैं.

Chhavi Bhardwaj
छवि भारद्वाज

शहडोल। शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत का मामला इस कदर तूल पकड़ चुका है कि अब राजनीतिक और प्रशासन हलकों में भी इसका असर दिखाई दे रहा है. सभी अपने-अपने स्तर पर पूरे घटनाक्रम को कवर करने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में बीते दिन स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी भी यहां पहुंचे थे.एनएचएम की टीम भी ग्राउंड लेवल पर अपना काम शुरू कर चुकी है. जमीनी स्तर पर मामले की बड़ी बारीकी से जांच कर रही है. कहां चूक हो गई. व्यवस्थाओं में कहां कमी थी और उन्हें दुरुस्त कैसे किया जाए. इन मसलों पर काम कर रही है. इसके लिए एनएचएम की एमडी छवि भारद्वाज खुद भी मैदान पर उतर में हैं. वे अधिकारियों से पूरी ब्रीफिंग ले रहीं हैं.

एमडी छवि भारद्वाज

तीन में दो सेंटर में, एक की स्थिति खराब

एनएचएम की एमडी छवि भारद्वाज ने बताया कि अभी तीन सेंटर्स विजिट किए हैं. उनेमें दो सेंटर पर व्यवस्था ठीक थी. जो एंट्री की गई थी उसमें गर्भवती महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी थी. एक सेंटर में स्थिति बहुत खराब थी. आज के टूर के आधार पर यहां पर, बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र में जो व्यवस्थाएं हैं उसके आधार पर कुछ कार्रवाईयां हम लोग करेंगे, कुछ फैसले लेंगे.

एनएचएम की एमडी ने कही ये बात

एक बात जरूर है कि जो व्यवस्थाएं हमने राज्य से बनाकर दी हैं, उनको जमीनी स्तर पर उतारने के लिए बहुत और ज्यादा मेहनत किए जाने की आवश्यकता है, ताकि गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से नवजात बच्चे जो हैं, उनको हम एक सस्केसफुली जो उनका एक रिस्क पीरियड होता है, उससे निकालकर के स्वस्थ्य माता और स्वस्थ्य बच्चे की दिशा में हम लोग उनको लेकर जा सकें.

उन्होंने कहा कि देखिए सिर्फ कार्रवाई जरूरी नहीं है. सिस्टम में जगह-जगह पर कमियां दिखती हैं, तो पूरी रणनीति को दोबारा सोचना पड़ता है. जो कार्रवाई करनी है वो तो करेंगे ही, लेकिन लॉग टर्म जो सेवाएं मजबूत कर सकें, उसके लिए रणनीति बनाना जरूरी है.

अब तक 18 बच्चों ने तोड़ा दम

शहडोल जिला चिकित्सालय में 26 नवंबर से अब तक 18 बच्चों की मौत हो चुकी है. जिसके चलते कहीं ना कहीं सीएमएचओ राजेश पांडे के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी. कांंग्रेस व अन्य दल के नेताओं ने भी सीएमएचओ हटाने की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा था. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी अस्पताल का निरीक्षण कर सीएमएचओ राजेश पांडे और सिविल सर्जन वीएस बारिया को हटाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद सीएमएचओ राजेश पांडे को पद से हटा दिया गया है. मामला बिगड़ता देख स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी शहडोल जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे, जहां का जायजा लेने के बाद उन्होंने जिला अस्पताल को क्लीन चिट दे दी है. साथ ही जिला अस्पताल में 20 बेड का एक और SCNU (Special Care Newborn Unit) वार्ड बनाने की बात कही.

शहडोल। शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत का मामला इस कदर तूल पकड़ चुका है कि अब राजनीतिक और प्रशासन हलकों में भी इसका असर दिखाई दे रहा है. सभी अपने-अपने स्तर पर पूरे घटनाक्रम को कवर करने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में बीते दिन स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी भी यहां पहुंचे थे.एनएचएम की टीम भी ग्राउंड लेवल पर अपना काम शुरू कर चुकी है. जमीनी स्तर पर मामले की बड़ी बारीकी से जांच कर रही है. कहां चूक हो गई. व्यवस्थाओं में कहां कमी थी और उन्हें दुरुस्त कैसे किया जाए. इन मसलों पर काम कर रही है. इसके लिए एनएचएम की एमडी छवि भारद्वाज खुद भी मैदान पर उतर में हैं. वे अधिकारियों से पूरी ब्रीफिंग ले रहीं हैं.

एमडी छवि भारद्वाज

तीन में दो सेंटर में, एक की स्थिति खराब

एनएचएम की एमडी छवि भारद्वाज ने बताया कि अभी तीन सेंटर्स विजिट किए हैं. उनेमें दो सेंटर पर व्यवस्था ठीक थी. जो एंट्री की गई थी उसमें गर्भवती महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी थी. एक सेंटर में स्थिति बहुत खराब थी. आज के टूर के आधार पर यहां पर, बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र में जो व्यवस्थाएं हैं उसके आधार पर कुछ कार्रवाईयां हम लोग करेंगे, कुछ फैसले लेंगे.

एनएचएम की एमडी ने कही ये बात

एक बात जरूर है कि जो व्यवस्थाएं हमने राज्य से बनाकर दी हैं, उनको जमीनी स्तर पर उतारने के लिए बहुत और ज्यादा मेहनत किए जाने की आवश्यकता है, ताकि गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से नवजात बच्चे जो हैं, उनको हम एक सस्केसफुली जो उनका एक रिस्क पीरियड होता है, उससे निकालकर के स्वस्थ्य माता और स्वस्थ्य बच्चे की दिशा में हम लोग उनको लेकर जा सकें.

उन्होंने कहा कि देखिए सिर्फ कार्रवाई जरूरी नहीं है. सिस्टम में जगह-जगह पर कमियां दिखती हैं, तो पूरी रणनीति को दोबारा सोचना पड़ता है. जो कार्रवाई करनी है वो तो करेंगे ही, लेकिन लॉग टर्म जो सेवाएं मजबूत कर सकें, उसके लिए रणनीति बनाना जरूरी है.

अब तक 18 बच्चों ने तोड़ा दम

शहडोल जिला चिकित्सालय में 26 नवंबर से अब तक 18 बच्चों की मौत हो चुकी है. जिसके चलते कहीं ना कहीं सीएमएचओ राजेश पांडे के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी. कांंग्रेस व अन्य दल के नेताओं ने भी सीएमएचओ हटाने की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा था. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी अस्पताल का निरीक्षण कर सीएमएचओ राजेश पांडे और सिविल सर्जन वीएस बारिया को हटाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद सीएमएचओ राजेश पांडे को पद से हटा दिया गया है. मामला बिगड़ता देख स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी शहडोल जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे, जहां का जायजा लेने के बाद उन्होंने जिला अस्पताल को क्लीन चिट दे दी है. साथ ही जिला अस्पताल में 20 बेड का एक और SCNU (Special Care Newborn Unit) वार्ड बनाने की बात कही.

Last Updated : Dec 10, 2020, 9:52 AM IST
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