ETV Bharat / state

MP Shahdol इलाज के नाम पर 3 माह की मासूम को गर्म सलाखों से दागा, हालत गंभीर - shahdol latest news

शहडोल जिले के एक गांव में बीमार हुई 3 माह की बच्ची को इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दागा गया. मासूम की हालत गंभीर है. उसका उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा है.

month old innocent burnt with hot rods
3 माह की मासूम को गर्म सलाखों से दागा
author img

By

Published : Feb 4, 2023, 12:06 PM IST

Updated : Feb 4, 2023, 12:30 PM IST

शहडोल। शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य है. जिले में दगना कुप्रथा का प्रचलन बहुत ज्यादा है. इसी वजह से आए दिन दगना कुप्रथा के केस आते रहते हैं. हाल ही में शहडोल जिला कठौतिया गांव एक मासूम बच्ची को दागने को लेकर सुर्खियों में बना हुआ था. अब एक बार फिर से शहडोल जिले के सामतपुर गांव से नया केस सामने आया है, जहां एक और मासूम बच्ची को इलाज के नाम पर दागा गया है. उसका इलाज अब एक निजी अस्पताल में डॉक्टर्स की टीम कर रही है.

मासूम निजी अस्पताल में भर्ती : सूत्रों के अनुसार इस 3 महीने की बच्ची को कई बार गर्म सलाखों से दागा गया, जब हालत बिगड़ने लगी तो मासूम को शहडोल मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां हालत नाजुक थी. बाद में परिजन उस मासूम को अपनी रिस्क पर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज से निजी अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि इस मासूम बच्ची को सांस लेने में समस्या थी. दगना कुप्रथा के बाद सांस लेने में दिक्कत होने की वजह से मासूम को दाग तो दिया गया लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ने लग गई तो उसके मां-बाप तुरंत उसे एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले कर गए.

गांवों में इलाज की बेहतर सुविधा नहीं : परिजनों के मुताबिक गांव में उन्हें इलाज की बेहतर सुविधा नहीं मिली, जिसकी वजह से वो पास के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए. यहां पर जब हालत में सुधार नहीं आया तो परिजन बुढार लेकर पहुंचे. जहां से मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया. मासूम के शरीर में दागने के कई घाव हैं. मासूम की हालत जब लगातार बिगड़ती गई तो परिजनों ने उसे मेडिकल कॉलेज से ले जाकर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.

Ratlam MP News : इलाज के नाम पर 7 साल के मासूम को गर्म सलाखों से दागा, हालत गंभीर, अस्पताल में वेंटीलेटर पर

जिला प्रशासन गंभीर नहीं : गौरतलब है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जमाना कितना भी बदल चुका हो लेकिन गांवों में अत्याधुनिक सुविधाएं नहीं बढ़ी हैं. शहडोल जिले के गांवों में दगना जैसी कुप्रथा आज भी प्रचलन में है. मासूम बच्चों तक को इस कुप्रथा का शिकार होना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि ऐसे में दगना कुप्रथा के खिलाफ प्रशासन को भी सख्त से सख्त एक्शन लेना होगा. साथ ही ग्रामीण अंचलों में जागरूकता भी फैलाना होगी. हालांकि कुछ साल पहले तक दगना के केस आने के बाद प्रशासन ने ग्रामीण अंचलों में लोगों को जागरूक किया था.

शहडोल। शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य है. जिले में दगना कुप्रथा का प्रचलन बहुत ज्यादा है. इसी वजह से आए दिन दगना कुप्रथा के केस आते रहते हैं. हाल ही में शहडोल जिला कठौतिया गांव एक मासूम बच्ची को दागने को लेकर सुर्खियों में बना हुआ था. अब एक बार फिर से शहडोल जिले के सामतपुर गांव से नया केस सामने आया है, जहां एक और मासूम बच्ची को इलाज के नाम पर दागा गया है. उसका इलाज अब एक निजी अस्पताल में डॉक्टर्स की टीम कर रही है.

मासूम निजी अस्पताल में भर्ती : सूत्रों के अनुसार इस 3 महीने की बच्ची को कई बार गर्म सलाखों से दागा गया, जब हालत बिगड़ने लगी तो मासूम को शहडोल मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां हालत नाजुक थी. बाद में परिजन उस मासूम को अपनी रिस्क पर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज से निजी अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि इस मासूम बच्ची को सांस लेने में समस्या थी. दगना कुप्रथा के बाद सांस लेने में दिक्कत होने की वजह से मासूम को दाग तो दिया गया लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ने लग गई तो उसके मां-बाप तुरंत उसे एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले कर गए.

गांवों में इलाज की बेहतर सुविधा नहीं : परिजनों के मुताबिक गांव में उन्हें इलाज की बेहतर सुविधा नहीं मिली, जिसकी वजह से वो पास के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए. यहां पर जब हालत में सुधार नहीं आया तो परिजन बुढार लेकर पहुंचे. जहां से मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया. मासूम के शरीर में दागने के कई घाव हैं. मासूम की हालत जब लगातार बिगड़ती गई तो परिजनों ने उसे मेडिकल कॉलेज से ले जाकर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.

Ratlam MP News : इलाज के नाम पर 7 साल के मासूम को गर्म सलाखों से दागा, हालत गंभीर, अस्पताल में वेंटीलेटर पर

जिला प्रशासन गंभीर नहीं : गौरतलब है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जमाना कितना भी बदल चुका हो लेकिन गांवों में अत्याधुनिक सुविधाएं नहीं बढ़ी हैं. शहडोल जिले के गांवों में दगना जैसी कुप्रथा आज भी प्रचलन में है. मासूम बच्चों तक को इस कुप्रथा का शिकार होना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि ऐसे में दगना कुप्रथा के खिलाफ प्रशासन को भी सख्त से सख्त एक्शन लेना होगा. साथ ही ग्रामीण अंचलों में जागरूकता भी फैलाना होगी. हालांकि कुछ साल पहले तक दगना के केस आने के बाद प्रशासन ने ग्रामीण अंचलों में लोगों को जागरूक किया था.

Last Updated : Feb 4, 2023, 12:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.