शहडोल। किसानों को फसल के लिए पर्याप्त यूरिया नहीं मिल पा रहा है. यह हर बार की समस्या है. जब जिसकी जरूरत होती है वही नहीं मिलता. किसानों ने कहा कि ये हर बार की समस्या बन गई है. जब जिस खाद की जरूरत होती है तो पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती है. इन दिनों बारिश हुई है. धान की फसलों को यूरिया की जरूरत है. जब यूरिया लेने पहुंच रहे हैं तो एक या दो बोरी से ज्यादा नहीं मिल पा रहा है. कहा जा रहा है कि सभी किसानों को थोड़ी-थोड़ी दिया जाएगा.
खाद को लेकर दुकानों पर लग रही लाइन : सेवा सहकारी समितियों में इन दिनों खाद को लेकर अच्छी खासी लाइन लग रही है, क्योंकि ज्यादातर किसान खाद लेने के लिए पहुंच रहे हैं. बारिश होने के बाद अब किसानउत्साहित हो चुके हैं और धान की फसल में खाद के लिए किसान यूरिया की तलाश में पहुंच रहे हैं. दुकानों पर लंबी लाइनें लग रही हैं. किसानों का कहना है कि जब सोसाइटी से हमें पर्याप्त यूरिया खाद नहीं मिल पाती है तो हम बाजार की ओर रुख करते हैं. लेकिन वहां भी इन दिनों यूरिया की क्राइसिस का फायदा उठाते हुए 2 गुना दाम वसूला जा रहा है.
सरकारी गोडाउन में खाद का स्टॉक खत्म, घंटों लाइन में खड़े रहने पर मिल रहा मात्र 2 बोरी यूरिया
बाजार में डबल रेट पर मिल रही यूरिया : यूरिया का शासकीय रेट ₹270 प्रति बोरी तय किया गया है लेकिन निजी विक्रेता 350 रुपये से ₹400 तक में इसे बेच रहे हैं. किसानों का कहना है कि इन दिनों फसल के बेहतर उत्पादन के लिए यूरिया डालना जरूरी है. ऐसे समय में अब व्यापारी भी दोगुना रेट वसूलने में लगे हुए हैं. वहीं, आत्मा विभाग के परियोजना संचालक आरपी झारिया का कहना है कि इस समय हमारे पास फ़र्टिलाइज़र पर्याप्त मात्रा में हैं. 2250 मेट्रिक टन यूरिया है. डीएपी 945 मेट्रिक टन है. एनपीके 1707 मेट्रिक टन है, सुपर फास्फेट 578 मेट्रिक टन है और, पोटाश 128 मेट्रिक टन उपलब्ध है. किसानों को आवश्यकता के अनुरूप खाद का उठाव मिल रहा है. MP Shahdol Urea crisis, farmers in tension, Double rate in market