शहडोल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा भी संभाल लिया है और आए दिन मध्यप्रदेश का दौरा कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मध्यप्रदेश में एक्टिव होने जा रहे हैं. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि किस तरह से मध्य प्रदेश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है और दोनों ही पार्टियों में एक बात जो कॉमन देखने को मिल रही है वह है आदिवासियों को साधने के लिए हर जतन करना. इसी के तहत कांग्रेस आदिवासियों को साधने अब एक बड़ी यात्रा भी निकालने जा रही है.
कांग्रेस की आदिवासी स्वाभिमान यात्रा: कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुभाष गुप्ता के मुताबिक, 'आदिवासी स्वाभिमान यात्रा' की शुरुआत 19 जुलाई से होने जा रही है. यात्रा शहडोल के पड़ोसी जिले सीधी जिले से शुरू होगी और प्रदेश के 17 जिलों की 36 विधानसभाओं से होकर गुजरेगी. आदिवासी स्वाभिमान यात्रा का समापन झाबुआ में 7 अगस्त को किया जाएगा.''
शहडोल में आदिवासी स्वाभिमान यात्रा: आदिवासी स्वाभिमान यात्रा जो कि 19 जुलाई से सीधी से चलेगी वह शहडोल जिले और ब्यौहारी में 20 जुलाई को और 21 जुलाई को जयसिंहनगर और जैतपुर विधानसभा से होकर गुजरेगी. इस यात्रा के लिए पूर्व ब्यौहारी विधायक रामपाल सिंह को ब्यौहारी, शीतल सिंह टेकाम को जयसिंह नगर और ओमकार सिंह को जैतपुर विधानसभा का प्रभारी नियुक्त किया गया है. यात्रा में प्रेम धारी सिंह मार्को और रेवा सिंह को समन्वयक बनाया गया है.
यात्रा को लेकर कांग्रेस ने कही ये बात: जिला कांग्रेस कमेटी शहडोल के जिला अध्यक्ष सुभाष गुप्ता के मुताबिक, ''सीधी में आदिवासी समाज के व्यक्ति के साथ बीजेपी के विधायक प्रतिनिधि ने जो कृत्य किया है, उसे लेकर पूरा आदिवासी समाज आक्रोशित है. इसी आक्रोश को देखते हुए अब कांग्रेस इस तरह की घटनाओं से जो लोग पीड़ित हैं उनसे मिलने के लिए यह यात्रा निकाल रही है. यात्रा में आदिवासियों के हित के जुड़े मुद्दों को भी समाहित किया जाएगा और उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस के चुनावी वचन पत्र में भी शामिल किया जाएगा.''
कितना सफल हो पाएगी ये यात्रा? सीधी मूत्र कांड के बाद अब सीधी राजनीति का बड़ा अखाड़ा बन चुका है और आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब आदिवासी वोटर्स को साधने के लिए सीधी से ही राजनीति की शुरुआत हो रही है. कांग्रेस सीधी से ही आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकालने जा रही है. जिसे लेकर वह काफी तैयारी भी कर रही है और जहां जहां से होकर यह यात्रा गुजरेगी उन विधानसभा क्षेत्रों में भी इसके लिए विशेष तैयारी की जा रही है. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस यात्रा को सफल बनाने में जुट सकें. बहरहाल यात्रा की सफलता तभी मानी जाएगी जब आदिवासी समाज के वोटर्स का झुकाव कांग्रेस की ओर होगा और कांग्रेसी भी हर जतन कर रही है कि कैसे भी आदिवासी वोटर्स का झुकाव उनकी ओर हो जाए. क्योंकि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की जीत की चाबी आदिवासी वोटर्स से ही होकर गुजरती है.
शहडोल आदिवासी बाहुल्य संभाग: शहडोल आदिवासी बाहुल्य संभाग है और इस संभाग में अनूपपुर और उमरिया जिले आते हैं. यहां टोटल 8 विधानसभा सीटें आती हैं. जिसमें से अनूपपुर जिले के कोतमा विधानसभा सीट को छोड़ दें तो सभी विधानसभा सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, मतलब आदिवासी सीट है. शहडोल संभाग में अभी खास बात यह भी है कि यहां 8 विधानसभा सीटों में महज 2 विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है, बाकी 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. हालांकि 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने संभाग के 8 विधानसभा सीटों में से 3 विधानसभा सीटों में जीत हासिल की थी. अनूपपुर जिले के तीनों विधानसभा सीट में कांग्रेस को जीत मिली थी. लेकिन अनुपपुर विधानसभा सीट में बिसाहूलाल के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद से उपचुनाव में यह सीट बीजेपी के पाले में चली गई, और इसीलिए अब कांग्रेस इस आदिवासी क्षेत्र में ज्यादा मेहनत कर रही है.