ETV Bharat / state

Maghi Purnima 2023: माघी पूर्णिमा का खास संयोग, सटीक समय पर स्नान नहीं किया तो सूर्य-चंद्रमा बिगाडेंगे बने काम

देश में माघ पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 को है. इस साल माघ पूर्णिमा पर बेहद ही शुभ संयोग बन रहा है. मगर पूर्णिमा की तिथी और शुभ समय को लेकर अगर कोई भ्रम है तो इस बारे में बता रहे हैं देश के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य सुशील शुक्ला शास्त्री कि कितने बजे से व्रत त्योहार की शुरुआत करें. क्या समय है पूजा का और साथ ही दान और अर्ध्य देने का विधान क्या है. पूरी जानकारी लें ज्योतिषाचार्य से. Magh Purnima Snan Samay

Magh Purnima Snan Samay
माघी पूर्णिमा का स्नान समय
author img

By

Published : Jan 28, 2023, 10:11 PM IST

Updated : Feb 4, 2023, 4:37 PM IST

माघी पूर्णिमा 2023 का स्नान दान समय

Magh Purnima Rituals: भारतीय हिंदू पंचांग में गणना के मुताबिक माघ पूर्णिमा का टाइम 04 फरवरी 2023 को रात्रि साढ़े 9 बजे से शुरु है (9.29 PM) साथ ही शुभ समय 05 फरवरी को रात 11.58 PM तक होगा. मगर लोगों के लिए यह जानना जरुरी है कि उदयातिथि में ही माघी पूर्णिमा तो मनाएं. यह 05 फरवरी 2023 को होगा और इसे उदयातिथि के अनुसार मनाने की सलाह दी जाती है. माघी पूर्णिका को लेकर स्नान का काफी महत्व है जिसमें खासकर उन लोगों के लिए जिन्हे चंद्रमा या फिर सूर्य का कोप भाजन बनना पड़ता है. इसलिए सही समय आपके लिए जानना बेहद जरुरी है कि कब स्नान करना है? स्नान का सर्वश्रेष्ठ समय है 5 फरवरी को सुबह 5 बजकर 20 मिनट से 6 बजे तक. इसके अलावा भी कुछ समय है जिसे बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य सुशील शुक्ला शास्त्री.

किस मुहूर्त में करें स्नान, क्या करें दान? ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि माघी पूर्णिमा के दिन प्रातः कालीन ब्रह्म मुहूर्त में 4:00 बजे से लेकर 6:00 बजे के बीच में जो गंगा, संगम में जाकर स्नान करता है उसे पूरे माघ महीने में स्नान करने का फल मिल जाता है. 1 माह तक जो गंगा किनारे कल्पवास करके स्नान करते हैं उनको तेल, साबुन लगाना, श्रृंगार करना यह सब वर्जित रहता है, लेकिन माघी पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद तिल का तेल लगाएं, चंदन लगाएं, जल के किनारे खड़े होकर सूर्य भगवान को तर्पण करें, बाहर आकर गरीबों को जितना हो सके तिल, चावल, आटा, गन्ना या कोई फल बांटे. इसके बाद अगर और अधिक दान करना है तो गरीबों को काला कंबल बांटे. यह सब दान करने से माघ पूर्णिमा का पूरा फल मिलता है.

वैसे तो माघ का पूरा महीना ही काफी पवित्र माना जाता है और इस विशेष महीने में ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करने का भी विशेष महत्व है. कई लोग तो गंगा किनारे कल्पवास करके माघ का पूरे महीना स्नान करते हैं, लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का भी विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन को लेकर लोगों में काफी आस्था है. इस विशेष दिन सूर्य की विशेष पूजा होती है. माघी पूर्णिमा का क्या विशेष महत्व है, सूर्य को किस तरह से अर्घ्य देने से भाग्योदय होता है, माघी पूर्णिमा में किस विशेष मुहूर्त में स्नान करें, जिससे पूरे महीने भर स्नान करने का फल मिलता है. इस विशेष दिन क्या दान करें क्या न दान करें यह जानना बेहद जरुरी होता है.

माघी पूर्णिमा का है विशेष महत्व: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक, माघ पूर्णिमा का ये पर्व इस बार 5 फरवरी 2023 को पड़ रहा है. माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व स्नान है. जो लोग पूरे माघ महीने में गंगा जी के किनारे कल्पवास करके प्रातकाल स्नान करते हैं उन्हें पुण्य मिलता है. वहीं जो लोग पूरे महीने गंगा जी में स्नान नहीं कर पाते हैं अगर वो माघ पूर्णिमा के दिन गंगा में डुबकी लगा लेते हैं, तो सारा पुण्य उन्हें मिल जाता है. माघ पूर्णिमा माघी पूर्णिमा के नाम से भी प्रसिद्ध है.

माघ पूर्णिमा पर नर्मदा नदी में स्नान का विशेष महत्व

इस दिन सूर्य की पूजा का विशेष महत्व: ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि माघी पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद हाथ में पानी, चावल या लाल फूल लेकर सूर्य भगवान की ओर देखकर 7 अंजुली या 5 अंजुली, जितनी बार कर सकते हैं अर्घ्य दें. इससे पूरे परिवार का कल्याण होता है. उस परिवार का भाग्योदय भी होता है. दूसरा अगर पांच अंजुली गंगाजल में दूध मिलाकर और थोड़ा तिल डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें तो ऐसा करने से पूरे परिवार का कल्याण होता है. निवृत्ति हो जाती है और भाग्य उदय होता है, रुके हुए कार्य सभी बनते हैं.

माघी पूर्णिमा 2023 का स्नान दान समय

Magh Purnima Rituals: भारतीय हिंदू पंचांग में गणना के मुताबिक माघ पूर्णिमा का टाइम 04 फरवरी 2023 को रात्रि साढ़े 9 बजे से शुरु है (9.29 PM) साथ ही शुभ समय 05 फरवरी को रात 11.58 PM तक होगा. मगर लोगों के लिए यह जानना जरुरी है कि उदयातिथि में ही माघी पूर्णिमा तो मनाएं. यह 05 फरवरी 2023 को होगा और इसे उदयातिथि के अनुसार मनाने की सलाह दी जाती है. माघी पूर्णिका को लेकर स्नान का काफी महत्व है जिसमें खासकर उन लोगों के लिए जिन्हे चंद्रमा या फिर सूर्य का कोप भाजन बनना पड़ता है. इसलिए सही समय आपके लिए जानना बेहद जरुरी है कि कब स्नान करना है? स्नान का सर्वश्रेष्ठ समय है 5 फरवरी को सुबह 5 बजकर 20 मिनट से 6 बजे तक. इसके अलावा भी कुछ समय है जिसे बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य सुशील शुक्ला शास्त्री.

किस मुहूर्त में करें स्नान, क्या करें दान? ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि माघी पूर्णिमा के दिन प्रातः कालीन ब्रह्म मुहूर्त में 4:00 बजे से लेकर 6:00 बजे के बीच में जो गंगा, संगम में जाकर स्नान करता है उसे पूरे माघ महीने में स्नान करने का फल मिल जाता है. 1 माह तक जो गंगा किनारे कल्पवास करके स्नान करते हैं उनको तेल, साबुन लगाना, श्रृंगार करना यह सब वर्जित रहता है, लेकिन माघी पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद तिल का तेल लगाएं, चंदन लगाएं, जल के किनारे खड़े होकर सूर्य भगवान को तर्पण करें, बाहर आकर गरीबों को जितना हो सके तिल, चावल, आटा, गन्ना या कोई फल बांटे. इसके बाद अगर और अधिक दान करना है तो गरीबों को काला कंबल बांटे. यह सब दान करने से माघ पूर्णिमा का पूरा फल मिलता है.

वैसे तो माघ का पूरा महीना ही काफी पवित्र माना जाता है और इस विशेष महीने में ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करने का भी विशेष महत्व है. कई लोग तो गंगा किनारे कल्पवास करके माघ का पूरे महीना स्नान करते हैं, लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का भी विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन को लेकर लोगों में काफी आस्था है. इस विशेष दिन सूर्य की विशेष पूजा होती है. माघी पूर्णिमा का क्या विशेष महत्व है, सूर्य को किस तरह से अर्घ्य देने से भाग्योदय होता है, माघी पूर्णिमा में किस विशेष मुहूर्त में स्नान करें, जिससे पूरे महीने भर स्नान करने का फल मिलता है. इस विशेष दिन क्या दान करें क्या न दान करें यह जानना बेहद जरुरी होता है.

माघी पूर्णिमा का है विशेष महत्व: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक, माघ पूर्णिमा का ये पर्व इस बार 5 फरवरी 2023 को पड़ रहा है. माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व स्नान है. जो लोग पूरे माघ महीने में गंगा जी के किनारे कल्पवास करके प्रातकाल स्नान करते हैं उन्हें पुण्य मिलता है. वहीं जो लोग पूरे महीने गंगा जी में स्नान नहीं कर पाते हैं अगर वो माघ पूर्णिमा के दिन गंगा में डुबकी लगा लेते हैं, तो सारा पुण्य उन्हें मिल जाता है. माघ पूर्णिमा माघी पूर्णिमा के नाम से भी प्रसिद्ध है.

माघ पूर्णिमा पर नर्मदा नदी में स्नान का विशेष महत्व

इस दिन सूर्य की पूजा का विशेष महत्व: ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि माघी पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद हाथ में पानी, चावल या लाल फूल लेकर सूर्य भगवान की ओर देखकर 7 अंजुली या 5 अंजुली, जितनी बार कर सकते हैं अर्घ्य दें. इससे पूरे परिवार का कल्याण होता है. उस परिवार का भाग्योदय भी होता है. दूसरा अगर पांच अंजुली गंगाजल में दूध मिलाकर और थोड़ा तिल डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें तो ऐसा करने से पूरे परिवार का कल्याण होता है. निवृत्ति हो जाती है और भाग्य उदय होता है, रुके हुए कार्य सभी बनते हैं.

Last Updated : Feb 4, 2023, 4:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.