Madhya Pradesh Highways NHAI Rules: देश में बड़ी संख्या में एक्सप्रेस वे और नेशनल हाईवे का निर्माण हो रहा है. लेकिन उनती ही अधिक तेजी से इन मार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ रहा है. दुनिया में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं. ऐसे में अब नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया यानि NHAI, एक्सप्रेसवे और एनएच पर साइनेज के लिए व्यापक दिशा-निर्देश लागू करने जा रहा है. जिससे सड़क दुर्घटनाओं में रोक लगाई जा सके. इसके लिए हर 10 किलोमीटर में बड़े साईन बोर्ड लगाने के साथ पशु आश्रय स्थल खोलने तक निर्णय लिया गया है. साइन बोर्ड लगने से मध्य प्रदेश में भी सड़क हादसों में कमी आएगी.
फरवरी 2025 से लागू होंगे नए दिशा-निर्देश
केंद्रीय सड़क राजमार्ग मंत्रालय ने एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर साइनेज के लिए व्यापक दिशानिर्देश अधिसूचित किए, जो फरवरी, 2025 से लागू होंगे. सुरक्षित ड्राइविंग के लिए साइनेज और सड़क चिह्न महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इन्हें सड़क की भाषा माना जाता है और सुरक्षित ड्राइविंग के लिए प्रत्येक चालक को इसकी अच्छी जानकारी होनी चाहिए. इसे देखते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब सड़क का मालिकाना हक रखने वाली एजेंसियों के लिए हर 10 किलोमीटर पर फुटपाथ पर वाहन लोगों के साथ गति सीमा को पेंट करना अनिवार्य कर दिया है.
हर 5 किलोमीटर में लगेंगे पार्किंग साइनेज
NHAI के रीजनल ऑफिसर एसके सिंह ने बताया कि, ''दिशा-निर्देशों के अनुसार स्पीड लिमिट गति सीमा के साइनेज को हर 5 किमी पर लगाया जाना है. राजमार्ग का मालिकाना हक रखने वाली एजेंसियों को ड्राइवरों को सूचित करने के लिए हर 5 किमी पर नो पार्किंग साइनेज लगाना सुनिश्चित करना होगा. दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि एमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर हर 5 किमी पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए.''
बता दें कि, दुनिया में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं. आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में देश में सड़क हादसों में 1,53,972 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 1,68,491 हो गया.
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आश्रय स्थल के साथ बनेंगे पशु चिकित्सालय
राष्ट्रीय राजमार्गों पर बेसहारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए NHAI ने एक महत्वपूर्ण पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला लिया है. इस प्रोजेक्ट के तहत राजमार्गों पर पशुओं के लिए आश्रय स्थल बनाए जाएंगे, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. यहां पशुओं के लिए उचित चारा और पानी की व्यवस्था होगी. अगर कोई पशु घायल हो जाता है, तो पहले इलाज की व्यवस्था भी की जाएगी.
आश्रय स्थलों में पशुओं की देखभाल करने के लिए कर्मचारी होंगे. आश्रय स्थलों में एंबुलेंस की व्यवस्था भी होगी, ताकि घायल पशुओं को इलाज के लिए अस्पताल भेजा जा सके. आश्रय स्थल के आसपास 50 किलोमीटर की दूरी पर एक पशु अस्पताल की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि तुरंत इलाज किया जा सके.