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जानवरों के लिए 'काल' बन रहा ये संक्रामक रोग, कहीं- आपके पशुओं में भी तो नहीं हैं ये लक्षण! - उपसंचालक डॉक्टर बीबीएस चौहान

शहडोल संभाग में इस समय एक वायरस जनित बीमारी मवेशियों में तेजी से फैल रही है, जिसे लंपी स्किन डिसीज कहते हैं. इसके लक्षण और बचाव के उपाय जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर.

Lumpy skin disease
लंपी स्किन डिसीज
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Published : Sep 2, 2020, 12:01 PM IST

शहडोल। गोवंश में एक अजब-गजब वायरस जनित बीमारी फैल रही है. जिसका नाम लंपी चर्म रोग है. ये पशुओं में होने वाली एक ऐसी बीमारी है, जिससे पशुओं के पूरे शरीर में गांठ बन जाती है. पशु को तेज बुखार हो जाता है और उसके पैर और गर्दन में सूजन आ जाती है. पशु खाना-पीना बंद कर देते हैं. शहडोल संभाग में ये बीमारी तेजी से फैल रही है.

जानवरों में फैल रहा लंपी चर्म रोग

पशुपालकों की बढ़ी चिंता

ग्रामीण बताते हैं कि गाय, बैल, बछड़े में अजब-गजब बीमारी देखने को मिल रही है. दूध देने वाली गायें इन दिनों कम दूध दे रही हैं. पशुपालक इन दिनों बहुत परेशान हैं, गोवंश को लेकर चिंतित हैं क्योंकि इस तरह के खतरनाक वायरस से उनके पशु लगातार संक्रमित होते जा रहे हैं.

बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं

उप संचालक डॉक्टर बीबीएस चौहान ने बताया कि लंपी स्किन डिसीज एक वायरस जनित बीमारी है. इसका कोई स्पेसिफिक ट्रीटमेंट नहीं है. मवेशियों का खून चूसने वाले मच्छर और मक्खियों से इस वायरस का संचरण होता है. ऐसे में पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि वो बीमार पशुओं को अलग रखकर उसकी उचित देखभाल करें. चारागाह में भी स्वस्थ पशुओं को अलग रखें. जिससे बीमारी कम फैलेगी और कंट्रोल हो जाएगी.

संक्रमित गाय का दूध कितना सुरक्षित

पशुपालन विभाग के उप संचालक कहते हैं कि इस वायरस से संक्रमित गाय का दूध उपयोग किया जा सकता है. दूध को उबाल कर उपयोग करने में संक्रमण को कोई खतरा नहीं रहता है. चूंकि ये वायरस जनित बीमारी है, इसलिए कुछ समय बाद अपने-आप ही ठीक होने लगती है. बस जरूरत है कि संक्रमित मवेशी की उचित देखभाल की जाए.

उड़ीसा से आया वायरस

वैसे ये बीमारी मवेशियों की विदेशी नस्ल में पाई जाती थी. लेकिन अब देसी नस्ल भी इसकी चपेट में आने लगी है. ये बीमारी पिछले साल उड़ीसा से मध्यप्रदेश तक पहुंची है. नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में इस बीमारी पर रिसर्च भी किया जा रहा है. ताकि इसका सटीक इलाज ढूंढ़ा जा सके.

शहडोल। गोवंश में एक अजब-गजब वायरस जनित बीमारी फैल रही है. जिसका नाम लंपी चर्म रोग है. ये पशुओं में होने वाली एक ऐसी बीमारी है, जिससे पशुओं के पूरे शरीर में गांठ बन जाती है. पशु को तेज बुखार हो जाता है और उसके पैर और गर्दन में सूजन आ जाती है. पशु खाना-पीना बंद कर देते हैं. शहडोल संभाग में ये बीमारी तेजी से फैल रही है.

जानवरों में फैल रहा लंपी चर्म रोग

पशुपालकों की बढ़ी चिंता

ग्रामीण बताते हैं कि गाय, बैल, बछड़े में अजब-गजब बीमारी देखने को मिल रही है. दूध देने वाली गायें इन दिनों कम दूध दे रही हैं. पशुपालक इन दिनों बहुत परेशान हैं, गोवंश को लेकर चिंतित हैं क्योंकि इस तरह के खतरनाक वायरस से उनके पशु लगातार संक्रमित होते जा रहे हैं.

बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं

उप संचालक डॉक्टर बीबीएस चौहान ने बताया कि लंपी स्किन डिसीज एक वायरस जनित बीमारी है. इसका कोई स्पेसिफिक ट्रीटमेंट नहीं है. मवेशियों का खून चूसने वाले मच्छर और मक्खियों से इस वायरस का संचरण होता है. ऐसे में पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि वो बीमार पशुओं को अलग रखकर उसकी उचित देखभाल करें. चारागाह में भी स्वस्थ पशुओं को अलग रखें. जिससे बीमारी कम फैलेगी और कंट्रोल हो जाएगी.

संक्रमित गाय का दूध कितना सुरक्षित

पशुपालन विभाग के उप संचालक कहते हैं कि इस वायरस से संक्रमित गाय का दूध उपयोग किया जा सकता है. दूध को उबाल कर उपयोग करने में संक्रमण को कोई खतरा नहीं रहता है. चूंकि ये वायरस जनित बीमारी है, इसलिए कुछ समय बाद अपने-आप ही ठीक होने लगती है. बस जरूरत है कि संक्रमित मवेशी की उचित देखभाल की जाए.

उड़ीसा से आया वायरस

वैसे ये बीमारी मवेशियों की विदेशी नस्ल में पाई जाती थी. लेकिन अब देसी नस्ल भी इसकी चपेट में आने लगी है. ये बीमारी पिछले साल उड़ीसा से मध्यप्रदेश तक पहुंची है. नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में इस बीमारी पर रिसर्च भी किया जा रहा है. ताकि इसका सटीक इलाज ढूंढ़ा जा सके.

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