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शहद सेहत के लिए वरदान, इम्युनिटी बूस्ट करने के साथ बुढ़ापा देरी से लाने में कारगर, बस करें ये काम

Honey Benefits Remedies: अगर आप अपनी रोजमर्रा कि जिंदगी में शहद का उपयोग नहीं करते तो यह खबर आपके लिए है. यहां पढ़िए शहद का कैसे और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करना है. आपके स्वास्थ्य से लेकर आपकी त्वचा तक के लिए शहद काफी फायदेमंद है. पढ़िए शहद के बारे में क्या कहते हैं आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव.

Significance of Honey
शहद का महत्व
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 3, 2024, 3:41 PM IST

Updated : Jan 3, 2024, 5:35 PM IST

सेहत के लिए वरदान है शहद

शहडोल। आम जनजीवन में शहद का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेद में शहद का बहुत ज्यादा महत्व है और सेहत के लिए भी शहद को काफी गुणकारी माना गया है. ज्यादातर लोग अपने दैनिक जीवन में शहद का इस्तेमाल जरूर करते हैं. कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति शहद का सेवन किसी न किसी तरीके से प्रतिदिन करता है. वो पूरी तरह से स्वस्थ रहता है. बीमारियां उसे छू भी नहीं सकती. साथ ही उसकी इम्यूनिटी भी बूस्ट हो जाती है. शहद सेहत के लिए कितना गुणकारी है, सर्दी में शहद क्यों लाभकारी है. साथ ही शहद का किस-किस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं. यह बताया है आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव ने...

शहद सेहत के लिए है अमृत: आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव शहद को लेकर कहते हैं कि शहद को आयुर्वेद में अमृत बोला गया है. अमृत की संज्ञा शहद को इसीलिए दी गई है, क्योंकि ये बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर किसी के लिए फायदेमंद है. शहद से इम्युनिटी बढ़ती है, क्योंकि शहद रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए हर एक सिस्टम के लिए फायदेमंद होता है. बेसिकली शहद दो तरह का होता है, एक वाइल्ड हार्वेस्ट हनी जो कि जंगलों से प्राप्त होता है. दूसरा कंट्रोल्ड फार्मिंग के थ्रू प्राप्त होने वाला हनी, जो कि किसान अपने खेतों में मधुमक्खी के छत्ते लगाकर पैदा करते हैं.

Significance of Honey
शहद निकालने की प्रक्रिया

शहद सेहत के लिए कितना गुणकारी: आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव कहते हैं कि बात अगर शहद के बेनिफिट की करें तो शहद डायरेक्ट लेने से भी मेडिसिन का काम करता है. मेडिसिन के साथ लेने से उसके असर को बढ़ाता है. हनी को बायो एनहेंसर बोला जाता है. एलोपैथ चिकित्सा में इसे बायो एनहेंसर बोलते हैं. किसी भी मेडिसिन के साथ देते हैं तो वो उसके रिजल्ट को बढ़ा देता है. खांसी या सूखी खांसी है, 5 एमएल, एक चम्मच दिन में शहद को चार से पांच बार अगर दिया जाए तो उससे बहुत फायदा मिलता है. इसे अगर दूध में घोलकर पिया जाए तो बच्चों के ग्रोथ के लिए बढ़ने के लिए बहुत उपयोगी है. बुजुर्गों में दूध के साथ हनी का इस्तेमाल सुबह के वक्त किया जाए तो उनको भी सेहत में लाभ होता है.

हनी को अगर गुनगुने पानी में घोलकर पिया जाए तो यह शरीर के अतिरिक्त वसा को निकालकर शरीर को हल्का करता है और वजन कम करता है. इसी तरह से हनी हर तरह से उपयोगी है. चूंकि ये नेचुरल प्रोडक्ट है इसलिए बेनिफिशियल तो होगा ही. जो भी चीज शरीर को बैलेंस रखेगा और एनर्जी प्रोवाइड कराएगा. वो इम्यूनिटी तो बढ़ाएगा ही, खासतौर पर अदरक के रस के साथ अगर शहद का इस्तेमाल किया जाए. तो ये खांसी में बहुत अच्छा काम करता है.

इतनी मात्रा में ले सकते हैं हनी: इसमें डिपेंड करता है की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए हनी लेना है, या फिर किसी डिजीज को ठीक करने के लिए हनी लेना है. 10 एमएल से 50 एमएल तक हनी दिन में लिया जा सकता है. डिवाइडेड डोज में जैसे खांसी के लिए हनी लेना है, तो दिन में चार बार लिया जा सकता है. जैसे कि अगर खांसी की प्रॉब्लम है तो बच्चों के लिए 5 एमएल हनी दिन में चार बार लिया जा सकता है. बड़े लोगों में 10 एमएल दिन में चार बार लिया जा सकता है. दूध के साथ पीना है तो 200 एमएल दूध में 20 एमएल हनी घोलकर पी लें तो बहुत बेहतर होगा.

Significance of Honey
शहद सेहत के लिए वरदान

1 साल से 5 साल के बच्चे के लिए 10 एमएल हनी पर्याप्त होता है. 5 साल से 10 साल के बच्चे के लिए 15 एमएल हनी पर्याप्त होता है. 10 साल से 15 साल के लिए 20 एमएल हनी पर्याप्त होता है. यूजुअली ऐड ऑन किया जा सकता है.

हनी का इस्तेमाल बुढापा देर से लाता है: स्वस्थ व्यक्ति हो या फिर कोई बीमार व्यक्ति हो हर किसी को अपने नियमित दिनचर्या में शहद को शामिल करना चाहिए, क्योंकि नेचुरल प्रोडक्ट है. इसको हर किसी को उपयोग करना चाहिए, सुबह सुबह 8:00 से 9:00 बजे के बीच में अगर 10 एमएल हनी हर दिन पिया जाए तो यह एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है. एंटी एजिंग है और एजिंग रिलेटेड जितने भी डिसऑर्डर होते हैं चाहे वह पार्किंसो निज़्मस हो, या याददाश्त कम होना हो उन सारे बीमारियों में हनी बहुत अच्छा काम करता है.

इनके साथ मिलाकर लेने में गुणकारी: इसमें अन्य चीजों को मिलकर भी सेवन कर सकते हैं. जैसे 5 से 10 बूंद तुलसी का रस लेने से जैसे श्वसन का समस्या हो,भूख जिनको नहीं लगती, वो लोग अदरक के साथ ले सकते हैं. त्रिकटु के पाउडर और काली मिर्च के पाउडर के साथ ले सकते हैं. इस तरह से जिस भी चीज में हनी मिलता है, उसकी गुणवत्ता बढ़ा देता है.

यहां पढ़ें...

चेहरे के लिए भी गुणकारी: शहद में नेचुरली एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स विटामिंस होते हैं. अपनी स्किन जो है, इन सब चीजों को ऑब्ज़र्व भी करती है, तो इसे चेहरे पर लगाने के लिए लेप आदि में मिलाकर लगाने के लिए बेहतर होता है. मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर लगाने के लिए हनी सबसे बेस्ट होता है. आयुर्वेद में जो भी लेपन का डिस्क्रिप्शन है, उसमें बहुत सारे लेपन में हनी को मिलना अच्छा माना गया है. हनी को शक्कर के कुछ दानों के साथ मिला करके चेहरे पर स्क्रब करने से डेड स्किन भी निकलती है. इसलिए हनी लोकल एप्लीकेशन में और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में काफी इस्तेमाल होता है. बहुत सारे साबुन में हनी डला हुआ होता है, बहुत सारे आपके लोशन में, शैंपू में भी हनि का उपयोग होता है.

सेहत के लिए वरदान है शहद

शहडोल। आम जनजीवन में शहद का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेद में शहद का बहुत ज्यादा महत्व है और सेहत के लिए भी शहद को काफी गुणकारी माना गया है. ज्यादातर लोग अपने दैनिक जीवन में शहद का इस्तेमाल जरूर करते हैं. कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति शहद का सेवन किसी न किसी तरीके से प्रतिदिन करता है. वो पूरी तरह से स्वस्थ रहता है. बीमारियां उसे छू भी नहीं सकती. साथ ही उसकी इम्यूनिटी भी बूस्ट हो जाती है. शहद सेहत के लिए कितना गुणकारी है, सर्दी में शहद क्यों लाभकारी है. साथ ही शहद का किस-किस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं. यह बताया है आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव ने...

शहद सेहत के लिए है अमृत: आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव शहद को लेकर कहते हैं कि शहद को आयुर्वेद में अमृत बोला गया है. अमृत की संज्ञा शहद को इसीलिए दी गई है, क्योंकि ये बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर किसी के लिए फायदेमंद है. शहद से इम्युनिटी बढ़ती है, क्योंकि शहद रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए हर एक सिस्टम के लिए फायदेमंद होता है. बेसिकली शहद दो तरह का होता है, एक वाइल्ड हार्वेस्ट हनी जो कि जंगलों से प्राप्त होता है. दूसरा कंट्रोल्ड फार्मिंग के थ्रू प्राप्त होने वाला हनी, जो कि किसान अपने खेतों में मधुमक्खी के छत्ते लगाकर पैदा करते हैं.

Significance of Honey
शहद निकालने की प्रक्रिया

शहद सेहत के लिए कितना गुणकारी: आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव कहते हैं कि बात अगर शहद के बेनिफिट की करें तो शहद डायरेक्ट लेने से भी मेडिसिन का काम करता है. मेडिसिन के साथ लेने से उसके असर को बढ़ाता है. हनी को बायो एनहेंसर बोला जाता है. एलोपैथ चिकित्सा में इसे बायो एनहेंसर बोलते हैं. किसी भी मेडिसिन के साथ देते हैं तो वो उसके रिजल्ट को बढ़ा देता है. खांसी या सूखी खांसी है, 5 एमएल, एक चम्मच दिन में शहद को चार से पांच बार अगर दिया जाए तो उससे बहुत फायदा मिलता है. इसे अगर दूध में घोलकर पिया जाए तो बच्चों के ग्रोथ के लिए बढ़ने के लिए बहुत उपयोगी है. बुजुर्गों में दूध के साथ हनी का इस्तेमाल सुबह के वक्त किया जाए तो उनको भी सेहत में लाभ होता है.

हनी को अगर गुनगुने पानी में घोलकर पिया जाए तो यह शरीर के अतिरिक्त वसा को निकालकर शरीर को हल्का करता है और वजन कम करता है. इसी तरह से हनी हर तरह से उपयोगी है. चूंकि ये नेचुरल प्रोडक्ट है इसलिए बेनिफिशियल तो होगा ही. जो भी चीज शरीर को बैलेंस रखेगा और एनर्जी प्रोवाइड कराएगा. वो इम्यूनिटी तो बढ़ाएगा ही, खासतौर पर अदरक के रस के साथ अगर शहद का इस्तेमाल किया जाए. तो ये खांसी में बहुत अच्छा काम करता है.

इतनी मात्रा में ले सकते हैं हनी: इसमें डिपेंड करता है की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए हनी लेना है, या फिर किसी डिजीज को ठीक करने के लिए हनी लेना है. 10 एमएल से 50 एमएल तक हनी दिन में लिया जा सकता है. डिवाइडेड डोज में जैसे खांसी के लिए हनी लेना है, तो दिन में चार बार लिया जा सकता है. जैसे कि अगर खांसी की प्रॉब्लम है तो बच्चों के लिए 5 एमएल हनी दिन में चार बार लिया जा सकता है. बड़े लोगों में 10 एमएल दिन में चार बार लिया जा सकता है. दूध के साथ पीना है तो 200 एमएल दूध में 20 एमएल हनी घोलकर पी लें तो बहुत बेहतर होगा.

Significance of Honey
शहद सेहत के लिए वरदान

1 साल से 5 साल के बच्चे के लिए 10 एमएल हनी पर्याप्त होता है. 5 साल से 10 साल के बच्चे के लिए 15 एमएल हनी पर्याप्त होता है. 10 साल से 15 साल के लिए 20 एमएल हनी पर्याप्त होता है. यूजुअली ऐड ऑन किया जा सकता है.

हनी का इस्तेमाल बुढापा देर से लाता है: स्वस्थ व्यक्ति हो या फिर कोई बीमार व्यक्ति हो हर किसी को अपने नियमित दिनचर्या में शहद को शामिल करना चाहिए, क्योंकि नेचुरल प्रोडक्ट है. इसको हर किसी को उपयोग करना चाहिए, सुबह सुबह 8:00 से 9:00 बजे के बीच में अगर 10 एमएल हनी हर दिन पिया जाए तो यह एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है. एंटी एजिंग है और एजिंग रिलेटेड जितने भी डिसऑर्डर होते हैं चाहे वह पार्किंसो निज़्मस हो, या याददाश्त कम होना हो उन सारे बीमारियों में हनी बहुत अच्छा काम करता है.

इनके साथ मिलाकर लेने में गुणकारी: इसमें अन्य चीजों को मिलकर भी सेवन कर सकते हैं. जैसे 5 से 10 बूंद तुलसी का रस लेने से जैसे श्वसन का समस्या हो,भूख जिनको नहीं लगती, वो लोग अदरक के साथ ले सकते हैं. त्रिकटु के पाउडर और काली मिर्च के पाउडर के साथ ले सकते हैं. इस तरह से जिस भी चीज में हनी मिलता है, उसकी गुणवत्ता बढ़ा देता है.

यहां पढ़ें...

चेहरे के लिए भी गुणकारी: शहद में नेचुरली एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स विटामिंस होते हैं. अपनी स्किन जो है, इन सब चीजों को ऑब्ज़र्व भी करती है, तो इसे चेहरे पर लगाने के लिए लेप आदि में मिलाकर लगाने के लिए बेहतर होता है. मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर लगाने के लिए हनी सबसे बेस्ट होता है. आयुर्वेद में जो भी लेपन का डिस्क्रिप्शन है, उसमें बहुत सारे लेपन में हनी को मिलना अच्छा माना गया है. हनी को शक्कर के कुछ दानों के साथ मिला करके चेहरे पर स्क्रब करने से डेड स्किन भी निकलती है. इसलिए हनी लोकल एप्लीकेशन में और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में काफी इस्तेमाल होता है. बहुत सारे साबुन में हनी डला हुआ होता है, बहुत सारे आपके लोशन में, शैंपू में भी हनि का उपयोग होता है.

Last Updated : Jan 3, 2024, 5:35 PM IST
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