बुरहानपुर: भारत में खासकर हिंदी बेल्ट में कुश्ती के प्रति युवाओं में रुझान बढ़ता जा रहा है. युवा खिलाड़ी देसी अखाड़े में दांव-पेंच सीखकर कुश्ती प्रतियोगिता में जौहर दिखा रहे हैं. अब युवतियां भी इस खेल में काफी आगे हो गई हैं. पहलवानी को बढ़ावा देने के मकसद से बुरहानपुर के उपनगर क्षेत्र में स्व.पहलवान नरेंद्र शंकरलाल चंदन की स्मृति में कुश्ती दंगल प्रतियोगिता आयोजन किया गया.
दंगल प्रतियोगिता में 200 से ज्यादा पहलवान
प्रतियोगिता में इंदौर, उज्जैन, दिल्ली, यूपी, बिहार सहित महाराष्ट्र से आए 200 से ज्यादा पहलवानों की 100 जोड़ियों ने मिट्टी के अखाड़े में दांव-पेंच दिखाए. इस दंगल में दिल्ली की दिशा और इंदौर की कशिश के बीच मुकाबला हुआ, जहां दोनों महिला पहलवानों ने दमखम दिखाया. महिला खिलाड़ियों की कुश्ती देख लोग हैरत में पड़ गए. पूरा परिसर तालियों की आवाज से गूंज उठा. लोगों ने दोनों खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया. दरअसल, बुरहानपुर के इतिहास में पहली बार महिला पहलवानों की कुश्ती प्रतियोगिता कराई गई, जो कुश्ती प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी.
दंगल में 8 जोड़ी महिला पहलवानों ने हिस्सा लिया
दंगल की खासियत यह रही कि इसमे 8 जोड़ी महिला पहलवानों ने एक-दूसरे को पछाड़कर जीत हासिल की. आयोजकों ने पहलवानों को 11 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक के इनाम दिए. कुश्ती प्रतियोगिता में पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, यूपी, बिहार सहित अन्य राज्यों के 200 नामचीन खिलाड़ियों ने भाग लिया, इस दौरान बड़ी संख्या कुश्ती प्रेमियों ने भी शिरकत की. यह दंगल रविवार देर रात तक चला. दंगल में सुरक्षा व्यवस्था के लिए लालबाग पुलिस के जवान तैनात किए गए.
- एमपी यूपी के पहलवानों ने ठोकी ताल, धरमपुर में आयोजित हुआ ऐतिहासिक कुश्ती दंगल
- पन्ना की ऐतिहासिक कुश्ती में पहलवानों का जलवा, विधायक भी देखकर बोले- गजब कर दिया
दिल्ली की दिशा और इंदौर की कशिश ने दिखाई बाजुओं की ताकत
दिल्ली की 13 साल की बेटी दिशा ने देसी पहलवानी को अपनाया है. उसने फ़िल्मों के अलावा अपने पिता से पहलवानी की बारीकियां सीखी हैं. दिशा ने खुद को तैयार करके मिट्टी के अखाड़े में कदम रखा है, यहां की मिट्टी में कोच से दांव-पेंच सीखकर देश के कई हिस्सों में आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता में अपनी पहलवानी का लोहा मनवा चुकी हैं. वह दिल्ली, यूपी बिहार में कुश्ती लड़ चुकी हैं, इसमें उसे कई पुरस्कार मिल चुके हैं. वह राज्य और नेशनल में कुश्ती लड़कर अपने देश और माता पिता का नाम रोशन करना चाहती है. इंदौर की कशिश वर्मा भी देशभर में 20 से ज्यादा कुश्ती लड़ चुकी हैं.