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Third Monday of Sawan: सावन के तीसरे सोमवार पर भगवान शिव को कराएं सरसों के तेल से स्नान, मिलेगा विशेष फल, जानें पूजा विधि

9 अगस्त को श्रावण का तीसरा सोमवार ( Third Monday of Sawan) है. इस सोमवार का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव को सरसों के तेल से स्नान कराना चाहिए.

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Published : Aug 8, 2021, 10:59 AM IST

third Monday of Sawan
सावन का तीसरा सोमवार

शहडोल। श्रावण का पावन महीना चल रहा है. इस महीने में हर कोई शिव आराधना में जुटा होता है और भगवान भोलनाथ को खुश करने में लगा होता है. अगर आप भी शिव भक्त हैं और सावन के सोमवार के दिन शिव जी को अपनी भक्ति से खुश करना चाहते हैं, तो ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया है कि श्रावण के तीसरे सोमवार को कुछ इस तरह से भगवान शिव की पूजा आराधना करें. ऐसा करने से विशेष फल मिलेगा. सावन के तीसरे सोमवार को शिव पूजा में सरसों तेल का विशेष महत्व होता है.

जानकारी देते ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री.

सरसों तेल का होता है विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया कि श्रावण मास के 9 अगस्त को श्रावण का तीसरा सोमवार है, जो विशेष है. इस दिन शिव की पूजा करने वाले सभी लोग प्रातः कालीन स्नान करें. स्नान करने के बाद काली मिट्टी लाकर शिव मूर्ति बनाएं. शिव मूर्ति बनानकर के 11, 21 या 51 रुद्र चारों ओर चिपका दें. इसके बाद जल से स्नान कराएं, फिर दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से स्नान कराने के बाद सरसों के तेल से विशेष स्नान कराएं.

सरसों के तेल से कराएं स्नान
शुक्ला शास्त्री ने बताया कि अगर पंडित बुलाते हैं तो रुद्रा अष्टक अध्यायी आठ अध्याय मंत्र पढ़कर के सरसों के तेल से स्नान कराएं. अगर पंडित नहीं है तो ओम नमः शिवाय कहते हुए एक लीटर सरसों के तेल से शिव जी को स्नान कराएं. ऐसा करने से तीसरे सोमवार का महत्व है कि जो सरसों के तेल से या गन्ने के रस से स्नान कराते हैं, ओम नमः शिवाय का उच्चारण करते हैं, तो उन पर कोई भी प्रकोप नहीं आ सकता जैसे- शत्रुओं का जलन, घात और कोई भी अलाय-बलाय घर में प्रवेश नहीं करती हैं.

Sawan Shivratri 2021 पर बाबा महाकाल की पूजा विधि-मुहूर्त और महत्व!, सब कुछ जानें यहां

सरसों के तेल से स्नान कराने के बाद सफेद वस्त्र पहनाकर चंदन लगा दें. इसके बाद फूल, बेलपत्र चढ़ा दें. विशेषकर धतूरा मदार हो ते वह भी चढ़ाएं. इसके बाद ओम जय शिव ओमकारा के मंत्रों से उनकी आरती करें. आरती करने के बाद प्रायश्चित यानी हाथ जोड़कर क्षमा प्रार्थना कर लें. इस तरह से पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है.

शहडोल। श्रावण का पावन महीना चल रहा है. इस महीने में हर कोई शिव आराधना में जुटा होता है और भगवान भोलनाथ को खुश करने में लगा होता है. अगर आप भी शिव भक्त हैं और सावन के सोमवार के दिन शिव जी को अपनी भक्ति से खुश करना चाहते हैं, तो ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया है कि श्रावण के तीसरे सोमवार को कुछ इस तरह से भगवान शिव की पूजा आराधना करें. ऐसा करने से विशेष फल मिलेगा. सावन के तीसरे सोमवार को शिव पूजा में सरसों तेल का विशेष महत्व होता है.

जानकारी देते ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री.

सरसों तेल का होता है विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया कि श्रावण मास के 9 अगस्त को श्रावण का तीसरा सोमवार है, जो विशेष है. इस दिन शिव की पूजा करने वाले सभी लोग प्रातः कालीन स्नान करें. स्नान करने के बाद काली मिट्टी लाकर शिव मूर्ति बनाएं. शिव मूर्ति बनानकर के 11, 21 या 51 रुद्र चारों ओर चिपका दें. इसके बाद जल से स्नान कराएं, फिर दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से स्नान कराने के बाद सरसों के तेल से विशेष स्नान कराएं.

सरसों के तेल से कराएं स्नान
शुक्ला शास्त्री ने बताया कि अगर पंडित बुलाते हैं तो रुद्रा अष्टक अध्यायी आठ अध्याय मंत्र पढ़कर के सरसों के तेल से स्नान कराएं. अगर पंडित नहीं है तो ओम नमः शिवाय कहते हुए एक लीटर सरसों के तेल से शिव जी को स्नान कराएं. ऐसा करने से तीसरे सोमवार का महत्व है कि जो सरसों के तेल से या गन्ने के रस से स्नान कराते हैं, ओम नमः शिवाय का उच्चारण करते हैं, तो उन पर कोई भी प्रकोप नहीं आ सकता जैसे- शत्रुओं का जलन, घात और कोई भी अलाय-बलाय घर में प्रवेश नहीं करती हैं.

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सरसों के तेल से स्नान कराने के बाद सफेद वस्त्र पहनाकर चंदन लगा दें. इसके बाद फूल, बेलपत्र चढ़ा दें. विशेषकर धतूरा मदार हो ते वह भी चढ़ाएं. इसके बाद ओम जय शिव ओमकारा के मंत्रों से उनकी आरती करें. आरती करने के बाद प्रायश्चित यानी हाथ जोड़कर क्षमा प्रार्थना कर लें. इस तरह से पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है.

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