जबलपुर/ शहडोल/विदिशा। Farms Laws Repeal: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने प्रकाश पर्व (Prakash Parv) और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीनों नए कृषि कानूनों (krishi bill) को वापस लेने का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री ने देशवासियों से क्षमा मांगते हुए कहा है कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी, उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को समझा नहीं पाए,इधर प्रधानमंत्री के कृषि कानून बिल वापस लेने पर मध्यप्रदेश के किसान भी खुश हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी है, साथ ही कहा है कि ये सिर्फ किसानों की नहीं बल्कि प्रधानमंत्री की भी जीत है कि बड़ा दिल करते हुए यह फैसला लिया है.
भारत कृषक समाज महाकौशल प्रान्त के अध्यक्ष केके अग्रवाल ने तीनों कृषि कानून बिल (krishi bill) वापस लेने पर नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को धन्यवाद दिया है, उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 2020 को किसानों ने आंदोलन शुरू किया था, इस आंदोलन में साढ़े सात सौ किसान शहीद भी हुए हैं,आज उनकी शहादत का दिन है,आंदोलन को एक साल होने को थे कि प्रकाश पर्व के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि बिल वापस ले लिए है.अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) से मांग की है कि कृषि कानून बिल वापस लेने के बाद अब सरकार किसानों के लिए एमएसपी खरीद पर कानून भी बनाएं जिससे कि किसानों का भला हो सके.
विदिशा में आतिशबाजी
विदिशा के किसानों ने भी पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के फैसले का स्वागत करते हुए जश्न मनाया. पिछले 1 वर्ष में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विदिशा में भी अनेकों किसानों से धरना दिया. उन्होंने इसे किसानों के संघर्षों की जीत बताते हुए विदिशा के माधवगंज चौक पर जश्न मनाया और आतिशबाजी की. किसान नेता आनंद प्रताप सिंह ने कहा कि आज किसान संघर्ष की बड़ी जीत हुई है. किसानों के संघर्ष के आगे सरकार झुक गई कानून वापस लिया है. लेकिन अभी msp की लड़ाई जारी रहेगी.
शहडोल के किसान बोले- देर आएं दुरुस्त आएं
शहडोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के तीनों किसान कानून वापस लेने के ऐलान के बाद किसानों में खुशी की लहर है. पीएम के इस फैसले के सवाल पर ज्यादातर किसानों का यही कहना था कि उनका यह फैसला स्वागत योग्य है. साथ ही कुछ किसानों ने तो यह भी कहा कि यह फैसला जो प्रधानमंत्री ने अभी लिया है थोड़ी और पहले ले लेते तो यह और अच्छा होता, इतना ही नहीं कुछ किसानों का कहना था कि जब किसान ही उस कानून (krishi bill) को नहीं चाह रहे थे, तो फिर इतने दिन तक खींचना सही नहीं था. जब इतना प्रदर्शन हो रहा था और किसान ही विरोध कर रहे थे तो इस कानून को पहले ही वापस लेने ले लेना था. हालांकि देर ही सही दुरुस्त आएं.