शहडोल। कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में जारी है, शहडोल जिले में भी कोरोना वायरस के मरीज मिल चुके हैं, जिसके बाद से जिले में काफी खौफ का माहौल है. गांवों में लोग काफी दहशत में हैं, मोहल्लों में सन्नाटा पसरा रहता है. इतना ही नहीं मई के महीने से किसान अपनी अगली फसलों की तैयारी में जुट जाते हैं. ऐसे में इस कोरोना काल में अभी किसान फिलहाल अपने घरों पर हैं, खेतों में सन्नटा पसरा है और उसे अब बस डर सता रहा है कि आखिर इस कोरोना काल में इस बार कैसे करेंगे खरीफ की खेती. ईटीवी भारत ने कोरोना वायरस के इस खौफ के बीच जाना किसानों का हाल.
खतरा लेने का कोई मतलब नहीं
किसानों का कहना है मजदूर भी घरों से निकल नहीं रहे हैं. ऐसे में अकेले वो खेतों में जाकर क्या करेंगे. वैसे भी कोरोना वायरस फैला हुआ है, तो रिस्क लेने से भी कोई मतलब नहीं. जब कोरोना वायरस खत्म हो जाए या फिर इसका कोई तोड़ निकल जाए तो फिर देखते हैं. इस कोरोना काल में कुछ किसानों ने तो साफ कहा कि जिस तरह के हालात नजर आ रहे हैं उसे देखते हुए इस बार खरीफ की फसल भगवान भरोसे ही है.
मई से इन कामों पर किसानों का रहता है फोकस
गौरतलब है कि खरीफ की फसल के लिए किसान मई के महीने से तैयारी शुरू कर देता है. कोई अपने घरों की सफाई शुरू कर देता है, कोई अपने खपरैल घरों के छप्पर सुधारने शुरू कर देता है. कोई हल के लिए अपने नए बैलों को ट्रेनिंग देना शुरू कर देता है तो कोई खेतों की मरम्मत शुरू कर देता है. कुल मिलाकर किसान खरीफ की फसल की खेती से पहले अपनी तैयारी शुरू कर देता है, जिससे वो बरसात शुरू होते ही अपने फसलों की बुवाई खेतों में समय से कर सके. लेकिन कोरोना के इस ख़ौफ के बीच किसान चिंतित है की इस बार खेती का काम कैसे शुरू करेगा.