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मुरैना में चंबल नदी में छपाक से कूदे घड़ियाल के बच्चे, मोहन यादव नदी किनारे खड़े देखते रहे - 10 ALLIGATOR RELEASED IN CHAMBAL

सीएम मोहन यादव ने चंबल में घड़ियाल के 10 बच्चों को रिलीज किया. बोले ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की रणनीति बन रही है.

MOHAN YADAV 10 Alligator RELEASED IN CHAMBAL RIVER
चंबल नदी में 10 घड़ियाल के बच्चे रिलीज किए गए (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 17, 2025, 11:02 PM IST

मुरैना: प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर मुरैना पहुंचे. जहां उन्होंने सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया. उसके बाद चम्बल राजघाट पहुंचकर चम्बल नदी में 10 घड़ियाल शावकों को रिलीज करते हुए कहा कि "चम्बल अभ्यारण्य हमारे देश की प्राकृतिक संपदा है. यहां दुर्लभ प्रकार की प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है.

बदलते हुए जलवायु के दुष्परिणामों के कारण इन प्रजातियों को नुकसान पहुंच रहा है. आज चम्बल में की गोद में सबसे अधिक 2456 घड़ियाल पल रहे हैं. घड़ियालों की इतनी संख्या देश की किसी भी अन्य नदी में नहीं है. मध्य प्रदेश हमेशा से जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण प्रजातियों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिये तत्पर रहा है."

10 घड़ियाल के बच्चे चम्बल नदी छोड़े गए (ETV Bharat)

10 घड़ियाल के बच्चे चम्बल नदी छोड़े गए

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 30 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. जिसके बाद चम्बल नदी के राजघाट से विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना की मौजूदगी में चंबल नदी में वोटिंग कर जेतपुर घाट पर पहुंचे. यहां उन्होंने 10 घड़ियाल के बच्चे चम्बल नदी में रिलीज किए.

10 crocodiles released in Chambal
चंबल में 10 घड़ियाल छोड़े गए (ETV Bharat)

रिलीज किए गए घड़ियालों में 1 नर और 9 मादा घड़ियाल के बच्चे थे. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि "435 किलो मीटर एरिया में फैले चम्बल घड़ियाल सेंचुरी की स्थापना 1978 में कई गई थी. वर्ष 2024 की जनगणना के अनुसार आज चम्बल में सबसे अधिक 2456 घड़ियाल हैं."

Chambal 10 crocodiles released
चंबल में घड़ियाल किए गए रिलीज (ETV Bharat)

उन्होंने रोजगार की बात करते हुए कहा कि "यहां पर रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. किस तरह से यहां पर पर्यटकों की संख्या बढ़े और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके, इसकी योजना बनाई जा रही है. वर्तमान में चम्बल नदी में जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छ व कछुओं के अलावा देशी व विदेशों पक्षी भी यहां भ्रमण करने आते हैं.

Mohan Yadav unveiling the statue of former PM
पूर्व पीएम की प्रतिमा का अनावरण करते मोहन यादव (ETV Bharat)

3 साल पालने के बाद चंबल में छोड़े जाते हैं घड़ियाल

सीएम मोहन यादव ने बताया कि "1978 में मध्य प्रदेश सरकार ने इसे वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा दिया. इसका मुख्य उद्देश्य लुप्तप्राय घड़ियाल, लाल मुकुट वाले कछुआ और गांगेय डॉल्फिन का संरक्षण है. यह घड़ियाल अभ्यारण 435 किमी एरिया में मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा में फैला हुआ है.

हर साल चंबल नदी से 200 अंडे लाए जाते हैं, जिनमें से लगभग 180 घड़ियाल निकलते हैं. मई के महीने में चंबल नदी से अंडों को देवरी घड़ियाल पालन केंद्र में हेचरी सेंटर पर रखा जाता है. उसके बाद 3 साल उन्हें पाला जाता है. उसके बाद इन नन्हे घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा जाता है. घड़ियाल के अलावा 103 गंगेटिक डॉल्फिन पाई जाती है और रेड क्राउन रूप कछुए पाए जाते है.

Atal Bihari Vajpayee Unveiling statue
अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण (ETV Bharat)

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के प्रतिमा का अनावरण

मुरैना शहर के बैरियर चौराहे के पास कुछ महीने पहले नगर निगम ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की 30 फ़ीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करवाई थी. यह प्रतिमा काफी समय से अनावरण की बाट जोह रही थी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को इस प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा कि "पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पार्टी के ही नहीं, बल्कि सभी के लोकप्रिय नेता थे.

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल की चर्चा करते हुए कहा कि, उस समय रक्षा के मामले में भारत की स्थिति बहुत खराब थी, तब वाजपेयी ने एक के बाद एक चार बार पोखरण में परमाणु परीक्षण कर विश्व में तहलका मचा दिया था.

former PM Atal Bihari Vajpayee Unveiling statue
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण (ETV Bharat)

वर्ष 1999 में सरकार बनाने के लिए उनको सिर्फ एक सांसद की आवश्यकता थी, लेकिन उन्होंने कोई समझौता नहीं किया. इससे यह बात साबित होती है कि, वे सही मायनों में लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी थे. वे कोमल हृदय वाले व्यक्ति भले ही थे, लेकिन उनकी इच्छा शक्ति बहुत ही दृढ़ थी. यही नहीं उन्होंने नदी जोड़ो योजना शुरू कर एक नए युग का प्रारंभ किया है. इस योजना से न सिर्फ सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा, बल्कि उद्योग-धंधों की रफ्तार भी बढ़ेगी."

विकास के लिए 30 लाख रुपये देने की घोषणा

इस दौरान उन्होंने 13 नए वार्डों के विकास और एमएस रोड के सौंदर्यीकरण के लिए 30 लाख रुपये देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि "जिस चंबल की धरती पर कभी बंदूकों की ठांय-ठांय सुनाई देती थी, आज यहां पर खेतों से होकर विकास निकल रहा है. मुरैना में विचार परिवर्तन व नौकायन के लिए वोट क्लब और गीता भवन बनवाने की बात भी कही.

करह धाम में गौ माता का पूजन किया

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव चंबल राजघाट से करह धाम पहुंचे. जहां उन्होंने आश्रम पर गौशाला में गौ माता का पूजन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने करह धाम आश्रम में चल रहे सियपिय मिलन समारोह में शामिल होकर संत शिरोमणि हरिगिरी महाराज और दीनबंधु दास महाराज को सम्मान पत्र और पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि "लोग गौपालन करेंगे, उन गौवंशों का दूध शासन द्वारा खरीदा जाएगा. गौमाता के बिना घर सूना होता है, हर घर में गौ पालन को बढ़ावा देना चाहिए. जो भी व्यक्ति 10 से ज्यादा गौ पालन करेगा, उसे सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा और गोवंशों से प्राप्त दुग्ध को सरकार खरीद कर गौपालकों को अतिरिक्त अनुदान देगी."

मुरैना: प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर मुरैना पहुंचे. जहां उन्होंने सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया. उसके बाद चम्बल राजघाट पहुंचकर चम्बल नदी में 10 घड़ियाल शावकों को रिलीज करते हुए कहा कि "चम्बल अभ्यारण्य हमारे देश की प्राकृतिक संपदा है. यहां दुर्लभ प्रकार की प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है.

बदलते हुए जलवायु के दुष्परिणामों के कारण इन प्रजातियों को नुकसान पहुंच रहा है. आज चम्बल में की गोद में सबसे अधिक 2456 घड़ियाल पल रहे हैं. घड़ियालों की इतनी संख्या देश की किसी भी अन्य नदी में नहीं है. मध्य प्रदेश हमेशा से जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण प्रजातियों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिये तत्पर रहा है."

10 घड़ियाल के बच्चे चम्बल नदी छोड़े गए (ETV Bharat)

10 घड़ियाल के बच्चे चम्बल नदी छोड़े गए

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 30 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. जिसके बाद चम्बल नदी के राजघाट से विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना की मौजूदगी में चंबल नदी में वोटिंग कर जेतपुर घाट पर पहुंचे. यहां उन्होंने 10 घड़ियाल के बच्चे चम्बल नदी में रिलीज किए.

10 crocodiles released in Chambal
चंबल में 10 घड़ियाल छोड़े गए (ETV Bharat)

रिलीज किए गए घड़ियालों में 1 नर और 9 मादा घड़ियाल के बच्चे थे. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि "435 किलो मीटर एरिया में फैले चम्बल घड़ियाल सेंचुरी की स्थापना 1978 में कई गई थी. वर्ष 2024 की जनगणना के अनुसार आज चम्बल में सबसे अधिक 2456 घड़ियाल हैं."

Chambal 10 crocodiles released
चंबल में घड़ियाल किए गए रिलीज (ETV Bharat)

उन्होंने रोजगार की बात करते हुए कहा कि "यहां पर रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. किस तरह से यहां पर पर्यटकों की संख्या बढ़े और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके, इसकी योजना बनाई जा रही है. वर्तमान में चम्बल नदी में जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छ व कछुओं के अलावा देशी व विदेशों पक्षी भी यहां भ्रमण करने आते हैं.

Mohan Yadav unveiling the statue of former PM
पूर्व पीएम की प्रतिमा का अनावरण करते मोहन यादव (ETV Bharat)

3 साल पालने के बाद चंबल में छोड़े जाते हैं घड़ियाल

सीएम मोहन यादव ने बताया कि "1978 में मध्य प्रदेश सरकार ने इसे वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा दिया. इसका मुख्य उद्देश्य लुप्तप्राय घड़ियाल, लाल मुकुट वाले कछुआ और गांगेय डॉल्फिन का संरक्षण है. यह घड़ियाल अभ्यारण 435 किमी एरिया में मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा में फैला हुआ है.

हर साल चंबल नदी से 200 अंडे लाए जाते हैं, जिनमें से लगभग 180 घड़ियाल निकलते हैं. मई के महीने में चंबल नदी से अंडों को देवरी घड़ियाल पालन केंद्र में हेचरी सेंटर पर रखा जाता है. उसके बाद 3 साल उन्हें पाला जाता है. उसके बाद इन नन्हे घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा जाता है. घड़ियाल के अलावा 103 गंगेटिक डॉल्फिन पाई जाती है और रेड क्राउन रूप कछुए पाए जाते है.

Atal Bihari Vajpayee Unveiling statue
अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण (ETV Bharat)

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के प्रतिमा का अनावरण

मुरैना शहर के बैरियर चौराहे के पास कुछ महीने पहले नगर निगम ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की 30 फ़ीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करवाई थी. यह प्रतिमा काफी समय से अनावरण की बाट जोह रही थी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को इस प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा कि "पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पार्टी के ही नहीं, बल्कि सभी के लोकप्रिय नेता थे.

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल की चर्चा करते हुए कहा कि, उस समय रक्षा के मामले में भारत की स्थिति बहुत खराब थी, तब वाजपेयी ने एक के बाद एक चार बार पोखरण में परमाणु परीक्षण कर विश्व में तहलका मचा दिया था.

former PM Atal Bihari Vajpayee Unveiling statue
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण (ETV Bharat)

वर्ष 1999 में सरकार बनाने के लिए उनको सिर्फ एक सांसद की आवश्यकता थी, लेकिन उन्होंने कोई समझौता नहीं किया. इससे यह बात साबित होती है कि, वे सही मायनों में लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी थे. वे कोमल हृदय वाले व्यक्ति भले ही थे, लेकिन उनकी इच्छा शक्ति बहुत ही दृढ़ थी. यही नहीं उन्होंने नदी जोड़ो योजना शुरू कर एक नए युग का प्रारंभ किया है. इस योजना से न सिर्फ सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा, बल्कि उद्योग-धंधों की रफ्तार भी बढ़ेगी."

विकास के लिए 30 लाख रुपये देने की घोषणा

इस दौरान उन्होंने 13 नए वार्डों के विकास और एमएस रोड के सौंदर्यीकरण के लिए 30 लाख रुपये देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि "जिस चंबल की धरती पर कभी बंदूकों की ठांय-ठांय सुनाई देती थी, आज यहां पर खेतों से होकर विकास निकल रहा है. मुरैना में विचार परिवर्तन व नौकायन के लिए वोट क्लब और गीता भवन बनवाने की बात भी कही.

करह धाम में गौ माता का पूजन किया

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव चंबल राजघाट से करह धाम पहुंचे. जहां उन्होंने आश्रम पर गौशाला में गौ माता का पूजन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने करह धाम आश्रम में चल रहे सियपिय मिलन समारोह में शामिल होकर संत शिरोमणि हरिगिरी महाराज और दीनबंधु दास महाराज को सम्मान पत्र और पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि "लोग गौपालन करेंगे, उन गौवंशों का दूध शासन द्वारा खरीदा जाएगा. गौमाता के बिना घर सूना होता है, हर घर में गौ पालन को बढ़ावा देना चाहिए. जो भी व्यक्ति 10 से ज्यादा गौ पालन करेगा, उसे सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा और गोवंशों से प्राप्त दुग्ध को सरकार खरीद कर गौपालकों को अतिरिक्त अनुदान देगी."

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