शहडोल। जिले में इस बार बेमौसम बारिश का दौर जारी है. बारिश ही नहीं जमकर हुई ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान हो रहा है, जिससे वे बेहद परेशान हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें हर बार राजनीति का केंद्र बनाया जाता है. प्राकृतिक आपदा से जूझने के बाद भी अब तक कोई भी प्रशासनिक अमला नहीं पहुंचा है.
प्रदेश में इन दिनों सियासत गर्म है. सरकार बचाने से लेकर गिराने तक राजनीति हो रही है, लेकिन किसानों के खराब फसलों को देखने के लिए कोई नहीं पहुंच रहा है, लेकिन ओलावृष्टि के बाद से ही ईटीवी भारत लगातार किसानों के पास जाकर उनके दर्द को आपके सामने ला रहा है. ऐसे ही एक किसान के खेत में पहुंचा ईटीवी भारत, जहां किसान शीतेश जीवन पटेल एक दो एकड़ नहीं बल्कि 25 से 26 एकड़ में सिर्फ अलग-अलग सब्जियों की खेती करता है. लेकिन इस साल शीतेश को मुनाफा नहीं हुआ. मौसम की मार इनके फसलों पर भी हुई.
किसान शीतेश जीवन पटेल का कहना है कि अभी 12 से 13 एकड़ में कलिंदर की खेती हुई थी. बीज के लिए 35 से 36 हजार रुपए किलो मिला था, लेकिन लगातार हुई ओलावृष्टि ने पूरे फसल को खराब कर दिया. इसके अलावा टमाटर भी बर्बाद हो गए. दूसरी बार भी कलिंदर लगाए गए थे, पर मौसम की मार का असर फसलों पर दिखा. उनका कहना है कि 17 से 18 लाख का नुकसान हुआ है.