शहडोल। इसे कोरोना का डर कहें या फिर समय की जरुरत, लेकिन कोरोना काल में गांव से लेकर शहर तक एक नई डिजिटल क्रांति देखने को मिल रही है. टेक्नोलॉजी का अविष्कार तो पहले से ही हो गया था. लेकिन इसका सही इस्तेमाल कोरोना काल में हो रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, तो सरकारी कामकाज के साथ व्यवसायी और सामाजिक कार्यक्रम भी हर जगह टेक्नोलॉजी के जरिए ही हो रहे हैं.
कोरोना काल में एक नई डिजिटल क्रांति
कोरोना संकट में सब कुछ थम गया, तमाम गतिविधियां रूक गई थी. लेकिन जैसे ही लॉकडाउन से रियायत मिली. सब कुछ फिर से शुरु तो होने लगा, लेकिन अब माहौल बदल गया. जिसमें टेक्नोलॉजी का बड़ा रोल रहा, मीटिंग के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू हुआ. सरकारी दफ्तरों का कामकाज, ऑनलाइन प्लानिंग, ऑनलाइन अटेंडेंस हर काम अब टेक्नालॉजी के जरिए ही किया जा रहा है. गूगल मीट के जरिए लोग अपनी मीटिंग कर रहे हैं, प्रेजेंटेशन दिये जा रहे हैं.
शिक्षा की डिजिटल क्रांति
डिजिटल क्रांति का सबसे ज्यादा इस्तेमाल शिक्षा विभाग में देखने को मिला है. स्कूल बंद हुए तो बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने की व्यवस्था की गई. यानि बच्चे घर बैठे ही पढ़ाई में जुटे हैं स्कूल तो अभी खुल नहीं रहे. कोई यूट्यूब के माध्यम से पढ़ रहा तो कहीं टीचर व्हाट्सअप में जानकारी भेज रहे हैं. मतलब टेक्नोलॉजी के सहारे डिजिटल पढ़ाई अब घर-घर में हो रही है.
किसान भी हुए डिजिटल
कोरोना काल की आवश्यकता थी की, लोग एक दुसरे से दूर ही रहें, ज्यादा गेदरिंग एक जगह पर न हो. इसके लिये अब कृषि विज्ञान केंद्र में भी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. किसानों के लिए गूगल मीट एप के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम भी हो रहे हैं. ज्यादातर मौके पर अब किसान अपने खेत से फसलों की समस्या को लेकर व्हाट्सप के माध्यम से वीडियो बनाकर भेज रहा और उसी माध्यम से कृषि वैज्ञानिक उसका निराकरण भी कर रहे हैं.
सेमिनार बन गया वेबिनार
इस कोरोना काल में अब सेमिनार नहीं होते हैं, बल्कि वेबिनार होने लगा है. लोग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके अब वेबिनार करने लगे हैं. क्योंकि इस माहौल में एक जगह से दूसरे जगह जाना आसान नहीं है. इसलिए सरकारी दफ्तर, स्कूल-कॉलेज में होने वाले सभी सेमिनार अब वेव के जरिए ही किए जा रहे हैं. खास बात यह है कि, देश में डिजिटल क्रांति तो पहले ही आ चुकी है, लेकिन इसका सही इस्तेमाल कोरोना काल में ही देखने को मिल रहा है. जहां गांव- गांव तक एक अलग और नई डिजिटल क्रांति पहुंच गई है.