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शहडोल में 15 से 18 साल के बच्चों को लगेगी वैक्सीन, जानें जिले में क्या है तैयारी

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Published : Jan 1, 2022, 2:41 PM IST

शहडोल जिले में टीकाकरण को लेकर लिए तरह की तैयारी हैं, इस बारे में ईटीवी भारत ने जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे से बात कीं. जिले में 181 स्कूल के छात्र छात्राओं की जानकारी मिली है.

Vaccination in Shahdol
शहडोल में वैक्सीनेशन

शहडोल। कोरोना की तीसरी लहर (corona third wave) की संभावनाएं लगातार जताई जा रही हैं. ऐसे में सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाने की अपील भी की जा रही है. 3 जनवरी से 15 से 18 साल के उम्र वर्ग के किशोर और किशोरियों को भी कोरोना वैक्सीन (corona vaccination in shahdol) लगाई जाएगी. शहडोल जिले में टीकाकरण को लेकर लिए तरह की तैयारी हैं, इस बारे में ईटीवी भारत ने जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे से बात कीं.

क्या कहते हैं जिला टीकाकरण अधिकारी

अब 15 से 18 वालों को लगेगी वैक्सीन
जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे बताते हैं कि कोरोना वैकसीनेशन के लिए अभी जो नए आदेश आए हैं, उसमें 15 से 18 वर्ष के किशोर किशोरियों को टीके लगाने हैं. इसका अनुमानित लक्ष्य हमारे यहां पर लगभग 6% के हिसाब से करीब 72 हजार है. इसकी तैयारियों (vaccination to children in shahdol) के लिए हमने जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में सभी जिला शिक्षा अधिकारी, एसी ट्राइबल, डीपीसी एजुकेशन, ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के साथ वृहद लेवल पर कार्यशाला कर ली है.

181 स्कूलों का उपलब्ध है डाटा
टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि अभी 181 स्कूल के छात्र-छात्राओं की जानकारी मिली है. 3 जनवरी से अभियान शुरू होना है. उसके लिए हम सेशन प्लान कर रहे हैं. इसकी कार्ययोजना रविवार को बनकर तैयार हो जाएगी. हम लोग ऑनलाइन सेशन पब्लिश कर देंगे, जिससे किशोर और किशोरियां अपनी जानकारी के साथ में जैसा कि हमने शुरुआत में किया था. वह ऑनलाइन अपने निकट के सेशन पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे और वैक्सीनेशन प्राप्त कर सकेंगे. बच्चों को अभी कोवैक्सीन वैक्सीन लगाने की अनुमति हमें राज्य शासन से मिले हैं. अभी हमारे पास पर्याप्त मात्रा में कोवैक्सीन उपलब्ध है. तीन तारीख से हमारे यहां पर यह अभियान चालू होगा.

जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पायेंगे उनके लिए प्लान
शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है. ग्रामीण प्रधान जिला है. यहां पर कई ऐसे रूरल एरियाज हैं, जहां कोरोना की वैक्सीन बच्चों को लगाना शासन प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती होगी. इसकी तैयारियों को लेकर जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे बताते हैं कि उनकी टीम हर तरह की चुनौतियों के लिए तैयार है, जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन न करवा पाएंगे उसके लिए हमने शिक्षा विभाग से बात की हुई है. शिक्षा विभाग के पास बच्चों के नाम परिजनों के नाम, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड सभी उपलब्ध हैं. वैसे देखा जाए तो आजकल ज्यादातर बच्चे मोबाइल फ्रेंडली होते हैं, तो उम्मीद यही कर रहे हैं कि ज्यादातर बच्चे अपना रजिस्ट्रेशन खुद कर लेंगे. जो नहीं कर पाएंगे अगर कोई दिक्कत आती है, तो इसके लिए शिक्षा विभाग ने पूरी कमर कसी हुई है. वो अपने स्कूल के छात्रों को जानकारी देकर रजिस्ट्रेशन करवाने में मदद करेगी.

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स्कूल में ही सेशन लगाने की तैयारी
वैक्सीन सेशन लगाने को लेकर जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे बताते हैं कि अभी हम स्कूलों में ही वैक्सीनेशन सत्र लगाएंगे, जिन 181 स्कूलों की जानकारी हमको प्राप्त हुई है, उन स्कूलों में ही हम वैक्सीनेशन सत्र आयोजित करेंगे. वहीं हमारी वैक्सीनेशन की टीम जाएगी और वैक्सीनेशन कार्य करेगी. स्कूल में वैक्सीन लगाने का काम हमारी टीम पहले भी कर चुकी है. साल 2018 में हमने एमआर अभियान किया था. उस समय हम लोगों ने करीब साढ़े तीन लाख बच्चों को जो 15 साल तक के बच्चे थे, एमआर के लिए वैक्सीनेट किया था.

शहडोल। कोरोना की तीसरी लहर (corona third wave) की संभावनाएं लगातार जताई जा रही हैं. ऐसे में सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाने की अपील भी की जा रही है. 3 जनवरी से 15 से 18 साल के उम्र वर्ग के किशोर और किशोरियों को भी कोरोना वैक्सीन (corona vaccination in shahdol) लगाई जाएगी. शहडोल जिले में टीकाकरण को लेकर लिए तरह की तैयारी हैं, इस बारे में ईटीवी भारत ने जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे से बात कीं.

क्या कहते हैं जिला टीकाकरण अधिकारी

अब 15 से 18 वालों को लगेगी वैक्सीन
जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे बताते हैं कि कोरोना वैकसीनेशन के लिए अभी जो नए आदेश आए हैं, उसमें 15 से 18 वर्ष के किशोर किशोरियों को टीके लगाने हैं. इसका अनुमानित लक्ष्य हमारे यहां पर लगभग 6% के हिसाब से करीब 72 हजार है. इसकी तैयारियों (vaccination to children in shahdol) के लिए हमने जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में सभी जिला शिक्षा अधिकारी, एसी ट्राइबल, डीपीसी एजुकेशन, ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के साथ वृहद लेवल पर कार्यशाला कर ली है.

181 स्कूलों का उपलब्ध है डाटा
टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि अभी 181 स्कूल के छात्र-छात्राओं की जानकारी मिली है. 3 जनवरी से अभियान शुरू होना है. उसके लिए हम सेशन प्लान कर रहे हैं. इसकी कार्ययोजना रविवार को बनकर तैयार हो जाएगी. हम लोग ऑनलाइन सेशन पब्लिश कर देंगे, जिससे किशोर और किशोरियां अपनी जानकारी के साथ में जैसा कि हमने शुरुआत में किया था. वह ऑनलाइन अपने निकट के सेशन पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे और वैक्सीनेशन प्राप्त कर सकेंगे. बच्चों को अभी कोवैक्सीन वैक्सीन लगाने की अनुमति हमें राज्य शासन से मिले हैं. अभी हमारे पास पर्याप्त मात्रा में कोवैक्सीन उपलब्ध है. तीन तारीख से हमारे यहां पर यह अभियान चालू होगा.

जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पायेंगे उनके लिए प्लान
शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है. ग्रामीण प्रधान जिला है. यहां पर कई ऐसे रूरल एरियाज हैं, जहां कोरोना की वैक्सीन बच्चों को लगाना शासन प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती होगी. इसकी तैयारियों को लेकर जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे बताते हैं कि उनकी टीम हर तरह की चुनौतियों के लिए तैयार है, जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन न करवा पाएंगे उसके लिए हमने शिक्षा विभाग से बात की हुई है. शिक्षा विभाग के पास बच्चों के नाम परिजनों के नाम, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड सभी उपलब्ध हैं. वैसे देखा जाए तो आजकल ज्यादातर बच्चे मोबाइल फ्रेंडली होते हैं, तो उम्मीद यही कर रहे हैं कि ज्यादातर बच्चे अपना रजिस्ट्रेशन खुद कर लेंगे. जो नहीं कर पाएंगे अगर कोई दिक्कत आती है, तो इसके लिए शिक्षा विभाग ने पूरी कमर कसी हुई है. वो अपने स्कूल के छात्रों को जानकारी देकर रजिस्ट्रेशन करवाने में मदद करेगी.

साल 2022 की पहली भस्म आरती में बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने उमड़े श्रद्धालु, देखें वीडियो

स्कूल में ही सेशन लगाने की तैयारी
वैक्सीन सेशन लगाने को लेकर जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे बताते हैं कि अभी हम स्कूलों में ही वैक्सीनेशन सत्र लगाएंगे, जिन 181 स्कूलों की जानकारी हमको प्राप्त हुई है, उन स्कूलों में ही हम वैक्सीनेशन सत्र आयोजित करेंगे. वहीं हमारी वैक्सीनेशन की टीम जाएगी और वैक्सीनेशन कार्य करेगी. स्कूल में वैक्सीन लगाने का काम हमारी टीम पहले भी कर चुकी है. साल 2018 में हमने एमआर अभियान किया था. उस समय हम लोगों ने करीब साढ़े तीन लाख बच्चों को जो 15 साल तक के बच्चे थे, एमआर के लिए वैक्सीनेट किया था.

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