शहडोल। इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 22 अप्रैल को मनाया जाएगा, जिसकी तैयारियां भी शुरू हो गई है. लोग अपने-अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर चुके हैं. अक्षय तृतीया का दिन काफी विशेष माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान परशुराम की जयंती भी मनाई जाती है और तरह-तरह के कार्यक्रमों के आयोजन भी होते हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक अक्षय तृतीया का दिन विशेष माना गया है. इस बार जिस तिथि में अक्षय तृतीया मनाई जा रही है, वो भी विशेष है.
अक्षय तृतीया के दिन करें ये काम: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है, इस बार 22 अप्रैल 2023 को अक्षय तृतीय की तिथि निश्चित है. ये पर्व इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अक्षय तृतीया के दिन 24 अवतारों में भगवान परशुराम जी का जन्म हुआ था. अक्षय तृतीया के दिन ही रोहणी नक्षत्र भी है, जो उत्तम नक्षत्र माना जाता है. शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन अपने हाथ से फल, वस्त्र, जल, घड़ा और अन्य दान करने से वो अक्षय हो जाता है, यानी कभी भी नष्ट नहीं होता है बल्कि हजार गुना उससे लाभ ही लाभ मिलता है. जो व्यक्ति अक्षय तृतीया के दिन गरीब, पुरोहित या मंदिर में जाकर घड़ा का दान करते हैं, उसे प्याऊ का लाभ मिलता है. अन्न का दान करने से हजार गुना लाभ मिलता है, वस्त्र का दान करने से उन्हें इसका पूरा फल मिलता है और जब यहां से बैकुंठ धाम को जाते हैं तो यही उनके सामने दिया हुआ दान प्रस्तुत किया जाता है, जिसका सुख भोग करता है और मोक्ष गति को प्राप्त करता है.
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दान का विशेष महत्व: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी हो सके यथाशक्ति दान करें. अक्षय तृतीया के दिन हर व्यक्ति को चाहिए कि परशुराम जयंती में शामिल हो, अगर उसमें शामिल नहीं हो पा रहे हैं तो भगवान परशुराम के दर्शन अवश्य करें, जो दर्शन प्राप्त नहीं करते हैं उनका नुकसान होता है. काम नहीं बन पाते हैं तो परेशानी होती है, इसलिए अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम के दर्शन प्राप्त करें तो उन्हें पुण्य लाभ ही लाभ होता है.