शहडोल। शहडोल पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने रेमडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो बड़ी ही शातिर तरीके से इसे ज्यादा रेट में लोगों को बेचा करते थे. सभी आरोपी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे और मिलकर वारदात को अंजाम देते थे. इस दौरान पुलिस को आरोपियों के पास से 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन, 5 मोबाइल और करीब साढे 6 लाख रुपए भी मिले हैं. सभी आरोपी फिलहाल सोहागपुर थाना पुलिस की गिरफ्त में हैं.
कालाबाजारी करते आरोपी पकड़ाए
शहडोल पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश किया है. एडिशनल एसपी मुकेश वैश्य ने बताया कि मामले में पकड़ाए गए आरोपी मेडिकल कॉलेज में ही नौकरी करते थे. मुखबिर से सूचना मिली थी कि दीपक गुप्ता और उज्जवल द्विवेदी नाम के दो व्यक्तियों के पास रेमडेसिविर इंजेक्शन रखे हैं, जिसे वह बेचने के लिए कुदरी बायपास रोड के पास खड़े थे. वहीं सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और कुदरी बायपास रोड पहुंची. इस दौरान सड़क किनारे खड़े दोनों व्यक्ति पुलिस को देखकर हड़बड़ा गए और भागने की कोशिश करने लगे. जिनकों एसआईटी और पुलिस फोर्स की मदद से पकड़ लिया गया.
पूछताछ में किए खुलासे
पकड़ाए गए दोनों आरोपी में से एक दीपक गुप्ता उमरिया का रहने वाला है. वहीं दूसरा आरोपी उज्जवल द्विवेदी उमरिया के ही ग्राम चंदिया में रहता है. तलाशी में दोनों के पास से दो रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले. वहीं पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके साथ एक और आरोपी है जो कालाबाजारी में मदद करती थी. दरअसल सुषमा साहू नाम की स्टाफ नर्स मेडिकल कॉलेज में पदस्थ है. वह मरीजों को आवंटित इंजेक्शन न लगाकर उसे चुरा लेती थी. और अस्पताल के ही फार्मा संचालक अमित मिश्रा को दे देती थी. जिसके बाद यह सब मिलकर कालाबाजारी करते थे. खुलासे के बाद पुलिस ने स्टाफ नर्स और फार्मा संचालक को भी गिरफ्तार कर लिया.
छिंदवाड़ा में 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ 3 आरोपी गिरफ्तार
6 रेमडेसिविर, 5 मोबाइल, साढे 6 लाख रुपए मिले
कार्रवाई के दौरान सभी आरोपियों के पास से पुलिस को कुल 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन और 5 मोबाइल मिले हैं. इसके अलावा आरोपियों के पास 6 लाख 49 हजार 180 रुपए नगद भी बरामद किए गए. फिलहाल सभी आरोपी पुलिस निगरानी में हैं. इनके विरुद्ध सोहागपुर थाने में मामला भी दर्ज कर लिया गया है.