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पात्र मजदूरों को जनकल्याण योजनाओं से किया अपात्र, नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ - public welfare schemes

सिवनी की ग्राम पंचायत छपारा में हितग्राही-पात्र मजदूरों को जनकल्याण योजनाओं से अपात्र करने का मामला सामने आया है.

Workers ineligible for public welfare schemes
मजदूरों को जनकल्याण योजनाओं से किया अपात्र
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Published : Jan 25, 2020, 6:52 PM IST

Updated : Jan 25, 2020, 7:50 PM IST

सिवनी। मध्यप्रदेश शासन द्वारा चलाई जा रही गरीब-श्रमिकों के लिए शासकीय जनकल्याण योजनाओं को सरकारी कर्मचारी ही पलीता लगा रहे हैं. जिले में ऐसा मामला सामने आया है जहां शासकीय अफसर और कर्मचारियों ने लोगों के घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन न करते हुए ऑफिस में ही बैठकर मनमर्जी से कई पात्र श्रमिकों के नाम जनकल्याण पोर्टल से हटा दिए हैं.

मजदूरों को जनकल्याण योजनाओं से किया अपात्र


ये मामला जिले के छपारा ग्राम पंचायत का है जहां एक गरीब श्रमिक जो रिक्शा चलाता था, उसका कुछ दिनों पहले निधन हो गया. जिसके बाद जब उसका परिवार शासकीय अंत्येष्टि राशि लेने के लिए जनपद कार्यालय गया तो उन्हें बताया गया कि मृतक का नाम जनकल्याण पोर्टल में है ही नहीं. जिस कारण उन्हें सहायता राशि नहीं दी जा सकती. जबकि मृतक के नाम गरीबी रेखा के अंर्तगत कार्ड भी बना हुआ है. ऐसे गरीब श्रमिक का नाम जनकल्याण पोर्टल में न होना सरकारी तंत्र में बड़े सवाल खड़े करता है.


वहीं जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत छपारा में 4282 नाम श्रमिकों के रूप में जोड़े गए थे, जिसमें 1 जुलाई 2019 में भौतिक सत्यापन की कार्रवाई की गई तो 3409 श्रमिकों को अपात्र घोषित कर हटा दिया गया था. इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर मीडिया टीम ने जनपद पंचायत CEO से बात की तो उन्होंने जांच कराने का आश्वासन दिया.

सिवनी। मध्यप्रदेश शासन द्वारा चलाई जा रही गरीब-श्रमिकों के लिए शासकीय जनकल्याण योजनाओं को सरकारी कर्मचारी ही पलीता लगा रहे हैं. जिले में ऐसा मामला सामने आया है जहां शासकीय अफसर और कर्मचारियों ने लोगों के घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन न करते हुए ऑफिस में ही बैठकर मनमर्जी से कई पात्र श्रमिकों के नाम जनकल्याण पोर्टल से हटा दिए हैं.

मजदूरों को जनकल्याण योजनाओं से किया अपात्र


ये मामला जिले के छपारा ग्राम पंचायत का है जहां एक गरीब श्रमिक जो रिक्शा चलाता था, उसका कुछ दिनों पहले निधन हो गया. जिसके बाद जब उसका परिवार शासकीय अंत्येष्टि राशि लेने के लिए जनपद कार्यालय गया तो उन्हें बताया गया कि मृतक का नाम जनकल्याण पोर्टल में है ही नहीं. जिस कारण उन्हें सहायता राशि नहीं दी जा सकती. जबकि मृतक के नाम गरीबी रेखा के अंर्तगत कार्ड भी बना हुआ है. ऐसे गरीब श्रमिक का नाम जनकल्याण पोर्टल में न होना सरकारी तंत्र में बड़े सवाल खड़े करता है.


वहीं जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत छपारा में 4282 नाम श्रमिकों के रूप में जोड़े गए थे, जिसमें 1 जुलाई 2019 में भौतिक सत्यापन की कार्रवाई की गई तो 3409 श्रमिकों को अपात्र घोषित कर हटा दिया गया था. इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर मीडिया टीम ने जनपद पंचायत CEO से बात की तो उन्होंने जांच कराने का आश्वासन दिया.

Intro:मेहनतकश मजदूर को बनाया गया अपात्र,,
श्रमिक परिवार को अब नही मिल सकेगी अनुग्रह राशि,,
गरीब परिवार काट रहा जनपद व ग्रामपंचायत के चक्कर,,
बिना भौतिक सत्यापन के काट दिया गया जनकल्याण पोर्टल से नाम,,Body:सिवनी:-
मध्यप्रदेश शासन के द्वारा चलाई जा रही गरीब श्रमिको के लिए शासकीय जनकल्याण योजनाओं को उनके ही कर्मचारी पलीता लगा रहे हैं, शासकीय अफसर व कर्मचारी के द्वारा घर घर जाकर भौतिक सत्यापन न करते हुए अपने कार्यालय में बैठकर मनमर्ज़ी से कई पात्र श्रमिको के नाम जनकल्याण पोर्टल से हटा दिए गए।

विओ-1- पूरा मामला सिवनी के छपारा ग्राम पंचायत का है जहाँ एक गरीब श्रमिक जो रिक्शा चलाने का कार्य करता था, विगत दिनों उसके निधन होने के पश्चात जब उसका परिवार शासकीय अंत्येष्टि राशि लेने के लिए जनपद कार्यालय गया तो उन्हें बताया गया कि मृतक का नाम जनकल्याण पोर्टल में नाम नही है जिसके कारण उन्हें सहायता राशि नही दी सकती, जबकि मृतक के नाम का गरीबी रेखा के अंर्तगत कार्ड भी बना हुआ है, ऐसे गरीब श्रमिक का नाम जनकल्याण पोर्टल में न होना सरकारी तंत्र में बड़े सवाल खड़े करता है।

विओ-2- जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत छपारा में 4282 नाम श्रमिको के रूप में जोड़े गए थे जिसमें एक जुलाई 2019 में भौतिक सत्यापन की कार्रवाई की गई जिसमें 3409 श्रमिको को अपात्र घोषित कर हटा दिया गया। इस सारे मामले में ग्राम पंचायत व जनपद पंचायत पर गंभीर आरोप लग रहे हैं।जब इस पूरे मामले को लेकर हमारी टीम ने जनपद पंचायत सीईओ से बात की तो उन्होंने जांच कराने का आश्वासन दे दिया है। अब देखने वाली बात ये होगी कि जांच कब तक पूरी की जाती है और दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाती है?


बाइट:-1:-सुखचैन रघुवंशी (मृतक का भाई)
बाइट:-2:-लक्ष्मण अहिरवार (विधिक सलाहकार)
बाइट:-3:- लोकेश नारनोरे (जनपद सीईओ छपारा)Conclusion:
Last Updated : Jan 25, 2020, 7:50 PM IST
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