सिवनी। धूमा थाना क्षेत्र के खोवासिंह हत्याकांड मामले में धूमा पुलिस ने खुलासा कर दिया है. खोवासिंह की हत्या उसकी पत्नी जानकी बाई ने अपने प्रेमी दुर्गेश अहिरवार के साथ मिलकर की थी. धूमा थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है.
धूमा थाना पुलिस ने बताया कि 2 नवंबर को प्रार्थी गोविंद पिता मंगल सिंह इनवाती (42 साल) निवासी ग्राम डोंगरगांव ने थाना धूमा में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका चाचा खोवासिंह इनवाती पिता कारेलाल इनवाती (40 साल) निवासी ग्राम डोंगरगांव 31 अक्टूबर को दोपहर 3.30 बजे दिन में नागनदेवरी से धूमा महाकाली दशहरा देखने आया था, जो वापस घर नहीं लौटा. खोवासिंह की तलाश वो अपने स्तर पर कर रहे थे. दिनांक 2 नवंबर को प्रार्थी गोविंद व उसकी चाची जानकी बाई लापता खोवासिंह को खोजने निकले थे. सुबह 10 बजे आते समय बंजारी पुलिया के नीचे शौच करने जाने पर पुलिया के नीचे भरे पानी में खोवासिंह की लाश तैरती हुए मिली.
गोविंद की रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर, शव का प्राथमिक निरीक्षण करने पर मृतक खोवासिंह की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में होना पाया गया, जो प्रथम दृष्टया हत्या का लग रहा था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गमछे से गला घोंटना पाया गया. इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था.
मामला गंभीर होने पर पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक के निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश खरपुसे और अनुविभागीय अधिकारी पुलिस आरएन परतेती के निर्देशन में थाना प्रभारी मुन्नालाल राहंगडाले सहित टीम बनाकर मामले की जांच की और आरोपियों की पहचान कर ली गई.
ये है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक हत्या के आरोपी दुर्गेश (23 साल) जो कि नागन देवरी का रहने वाला है और मृतक की पत्नी जानकीबाई (26 साल) निवासी डोंगरगांव के पिछले एक साल से अवैध संबंध थे. इस बात की जानकारी मृतक खोवासिंह और उसके परिवार वालों को लग गई, उन्होंने जानकीबाई को समझाया और इनके मिलने पर पाबंदी लगाई. दोनों मिलने नहीं देने पर दोनों आरोपियों ने राह का कांटा बन रहे खोवासिंह की हत्या करने का षड्यंत्र बनाया. 31 अक्टूबर को आरोपी दुर्गेश ने योजना बनाकर महाकाली विसर्जन देखने के लिए धूमा आ गया और फोन करके मृतक खोवासिंह को शाम करीब 6 बजे धूमा बुलाया और शराब पिलाया.
रात करीब 10 बजे धूमा से गोटेगांव रोड में बंजारी के आगे नाले के पास मृतक खोवासिंह को उतार दिया और अपनी प्रेमिका जानकी बाई को मोबाइल से आरोपी दुर्गेश ने इस बारे में बताया और योजनाबद्ध तरीके से अपनी बाइक से जानकीबाई को अपने साथ लेकर आया. रात 11 बजे खोवासिंह की पत्नी जानकीबाई और दुर्गेश अहिरवार ने खोवासिंह के गले में रखे गमछे से ही उसका गला घोटकर हत्या कर दी और उसे उठाकर नाला में फेंक दिया.