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सरकार के स्वच्छ भारत मिशन की मंशा पर सरपंच-सचिव फेर रहे पानी, बिना टैंक के बने हैं शौचालय

सरपंच-सचिव द्वारा निर्माण कराए गए शौचालयों में टैंक बनवाया ही नहीं गया. ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय में पानी डालने पर वह भर जाता है. जिससे वे उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं और शौच के लिए बाहर जा रहे जाने को मजबूर हैं.

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Published : Jul 8, 2019, 4:46 AM IST

शौचालय

सिवनी। मोदी सरकार भले ही स्वच्छ भारत मिशन में करोड़ों रुपये खर्च कर रही हो, लेकिन कुछ तस्वीर ऐसे भी हैं जिससे साफ पता चलता है कि सरपंच-सचिव सरकार की योजना पर पानी फेर रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में देखे जा सकते हैं, जहां देखने में तो कई घरों में शौचालय बने हैं, लेकिन चाहकर भी उसका उपयोग नहीं किया जा सकता.

बिना टैंक के बने शौचालय


दरअसल, सरपंच-सचिव द्वारा निर्माण कराए गए शौचालयों में टैंक बनवाया ही नहीं गया. ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय में पानी डालने पर वह भर जाता है. जिससे वे उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं और शौच के लिए बाहर जा रहे जाने को मजबूर हैं.


वहीं कुछ घरों में बने शौचालयों का टैंक तो बनाए गए लेकिन इतने छोटे कि दो-चार दिन से ज्यादा उसका उपयोग किया ही नहीं जा सका. परेशान लोगों ने शौचालयों में लकड़ी, कंडे रख दिए और शौच के लिए खुले में जा रहे हैं. वहीं गांव की अक्तोबाई नाम की एक महिला का कहना है कि उसके घर में शौचालय बना ही नहीं. सरपंच-सचिव का कहते हैं सूची में तुम्हारा नाम ही नहीं है. जिस वजह से शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है.


गांव की एक अन्य महिला ने बताया कि 6 महीने पहले दीवार खड़ी कर दी गई उसके बाद न तो सीट लगवाई गई, न ही टैंक बनवाया गया. वहीं जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. तो कुछ गांव में शौचालय का निर्माण किया जाना बाकी है जो अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा.

सिवनी। मोदी सरकार भले ही स्वच्छ भारत मिशन में करोड़ों रुपये खर्च कर रही हो, लेकिन कुछ तस्वीर ऐसे भी हैं जिससे साफ पता चलता है कि सरपंच-सचिव सरकार की योजना पर पानी फेर रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में देखे जा सकते हैं, जहां देखने में तो कई घरों में शौचालय बने हैं, लेकिन चाहकर भी उसका उपयोग नहीं किया जा सकता.

बिना टैंक के बने शौचालय


दरअसल, सरपंच-सचिव द्वारा निर्माण कराए गए शौचालयों में टैंक बनवाया ही नहीं गया. ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय में पानी डालने पर वह भर जाता है. जिससे वे उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं और शौच के लिए बाहर जा रहे जाने को मजबूर हैं.


वहीं कुछ घरों में बने शौचालयों का टैंक तो बनाए गए लेकिन इतने छोटे कि दो-चार दिन से ज्यादा उसका उपयोग किया ही नहीं जा सका. परेशान लोगों ने शौचालयों में लकड़ी, कंडे रख दिए और शौच के लिए खुले में जा रहे हैं. वहीं गांव की अक्तोबाई नाम की एक महिला का कहना है कि उसके घर में शौचालय बना ही नहीं. सरपंच-सचिव का कहते हैं सूची में तुम्हारा नाम ही नहीं है. जिस वजह से शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है.


गांव की एक अन्य महिला ने बताया कि 6 महीने पहले दीवार खड़ी कर दी गई उसके बाद न तो सीट लगवाई गई, न ही टैंक बनवाया गया. वहीं जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. तो कुछ गांव में शौचालय का निर्माण किया जाना बाकी है जो अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा.

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