सिवनी। पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी के कोर परिक्षेत्र कर्माझिरी के वनक्षेत्र में जलाशय के पास एक नर बाघ टी-21 की इलाज के दौरान मौत हो गई. बाघ काफी बीमार अवस्था में देखे जाने की सूचना के बाद क्षेत्र संचालक विक्रमसिंह परिहार, उप संचालक एम.बी. सिरसैया और वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा ने रेस्क्यू टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर हाथियों से और पैदल जाकर भी उसे देखा गया. बाघ बहुत कमजोर और बीमार दिख रहा था ज्यादातर वह पानी के अंदर ही रहा, बहुत प्रयास करने के बाद ही पानी से बाहर निकला.
बाघ को डॉक्टर द्वारा दवाई देकर इलाज किया गया. जिसमें लगभग 6 घंटे का समय लगा. शाम को और रात में भी बाघ की निगरानी की गई. अगले दिन स्टाफ के सब कोशिशों के बावजूद बाघ टी 21 ने आज अपने प्राण त्याग दिए. जिसके बाद तत्काल ही एनटीसीए के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यप्राणी और अन्य को सूचना दी गई.
एनटीसीए के क्षेत्रीय कार्यालय नागपुर के अधिकारी हेमंत कामड़ी, क्षेत्र संचालक और उप संचालक के सामने वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा और पशु चिकित्सक डॉ. मृणालनी ने शव परीक्षण किया गया. जिसके बाद लैब में जांच के लिए सैंपल लिए गए. मृत बाघ के सभी पंजे, नाखुन और दांत पूरी तरह से सुरक्षित थे. बाघ के शरीर पर किसी भी तरह के घाव, गोली के निशान, फंदे के निशान भी नहीं थे. शव परीक्षण के बाद सैंपलों को छोड़कर बाघ का दाह संस्कार किया गया.