सिवनी। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते मध्य प्रदेश सरकार ने गरीबों के भरण पोषण के लिए सरकारी राशन दुकानों पर गेहूं निशुल्क बांटने के आदेश दिए हैं. लेकिन इसके बावजूद सिवनी जिले की केवलारी विकासखंड कि ग्राम पंचायत नसीपुर में स्व-सहायता समूह के सेल्समैन के पति और ग्राम पंचायत के उप सरपंच ने 14 क्विंटल गेहूं खरीदी केंद्र नसीपुर ले जाकर बेचने की कोशिश की. जिसके बाद ग्रामीणों ने तत्काल पंचनामा बनाकर 14 क्विंटल गेहूं जब्त कर लिया है. हालांकि प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
दरअसल, मामला सिवनी जिले के केवलारी विकासखंड के ग्राम पंचायत नसीपुर का है. जहां स्वसहायता समूह की सेल्समैन को ग्राम पंचायत के सभी गरीब वर्ग और जरूरतमंद ग्रामीणों को शासकीय गेहूं वितरण करने का कार्य सौंपा गया है. कोरोना वायरस के मद्देनजर स्व सहायता समूह सेल्समैन ग्राम पंचायत भवन से ही सभी गरीब हितग्राहियों को यह राशन वितरण करने का कार्य कर रहे थे. लेकिन सेल्समैन के पति और ग्राम पंचायत के उपसरपंच राजेंद्र भगत ने लगभग 14 क्विंटल गेहूं खरीदी केंद्र नसीपुर में ट्रैक्टर ट्रॉली से लेकर बेचने पहुंचे. जब गेहूं परीक्षण के दौरान खरीदी प्रभारियों के द्वारा गेहूं को निरस्त कर दिया गया.
इस दौरान वहां पर खड़े ग्रामीणों को गेहूं पर संदेह हुआ. जिसके बाद तत्काल ग्रामीणों ने सरपंच को बुलाया और अवलोकन करने पर पता चला कि वह गेहूं स्व- सहायता समूह को ग्रामीणों व जरूरतमंदों को बांटने के लिए शासन द्वारा दिया गया है. जिस पर ग्रामीणों ने तत्काल पंचनामा बनाकर लगभग 14 क्विंटल गेहूं ग्राम पंचायत द्वारा जब्त कर लिया गया. लेकिन बड़ी बात है कि लगभग 48 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है. सरपंच के द्वारा सहकारी समिति के प्रबंधक और खाद्य विभाग के अधिकारियों से लेकर जिला पंचायत सीईओ तक को मामले की जानकारी पहुंचा दी गई. इसके बावजूद संबंधित विभाग के अधिकारी मामले की जांच करने तक नहीं पहुंचे. अब ग्रामीणों ने इस मामले में जिला प्रशासन के कार्रवाई की मांग की है