सिवनी। आमतौर पर प्राइवेट स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों में सुविधाओं के अभाव की बात कही जाती थी. लेकिन, सिवनी के सरकारी स्कूलों को देखकर इस बात से राहत मिल सकती है. कलेक्टर प्रवीण सिंह और स्कूल के शिक्षकों के प्रयास से 'मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी' योजना जिले के स्कूलों में चलाई जा रही है, जिससे जिले सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस तैयार की जा रही हैं.
यहां प्राइमरी स्कूलों के कायाकल्प किए गए हैं, बताया जाता है कि छपारा विकासखंड के जनपद शिक्षा केंद्र छपारा के अंतर्गत आने वाले जनपद शिक्षा केंद्र पायलीकला में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में कलेक्टर प्रवीण सिंह, पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने शिरकत की और प्राइमरी स्कूल में स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया. कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को कलेक्टर के हाथों प्रशस्ति पत्र भी दिए गए.
पुलिस अधीक्षक प्रतीक ने कहा कि शिक्षकों के द्वारा जिस तरह से सरकारी स्कूलों में खुद के खर्चे से एलईडी टीवी और अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं, वो प्रदेश और देश में देखा नहीं गया है. यह यूनिक और अनोखा है, इससे सिवनी की प्रदेश और देश में अलग पहचान बनेगी.
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने कहा कि शिक्षकों के द्वारा खुद की सैलरी और जन सहयोग इकट्ठा कर सरकारी स्कूलों को डिजिटल स्मार्ट क्लास बनाई जा रही है. ये अपने आप में अनूठी पहल है. उन्होंने आम लोगों से भी इस पहल से जुड़कर सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने की अपील की है.
मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाने के लिए शिक्षकों ने खुद के खर्च से एलईडी टीवी और प्रोजेक्टर लगाया है और प्रदेशभर के शिक्षकों के लिए मिसाल पेश कर दी है.