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शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद की मांग, रामालय ट्रस्ट को सौंपना चाहिए राम मंदिर का निर्माण का कार्य - गणेशगंज

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर निर्माण के कार्य की जिम्मेदारी रामालय ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण का काम रामालय ट्रस्ट को ही सौंपा जाए.

शंकराचार्य
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Published : Nov 23, 2019, 11:08 PM IST

सिवनी। जिले के गणेशगंज में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर के निर्माण का जिम्मा रामालय ट्रस्ट को सौंपने की बात कही है. उन्होंने कहा कि पहले सो जो रामालय ट्रस्ट बना हुआ है मंदिर का निर्माण वही कराए. उन्होंने लगातार नदियों का पानी रोके जाने का भी विरोध जताया.

शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने कहा कि नदी जब वेग से बहती है तब वह शुद्ध होती है. हम सब उसको बांध-बांधकर नहर बना देते हैं. इससे नदी किनारे जो रेत होती है है पानी को उछालती है उसका भी उत्खनन जोरों से हो रहा है. रेत को लोगों ने व्यवसाय बना लिया है. इस तरह से नदियों को बांधकर और शहरों का गंदा पानी डालकर प्रदूषित किया जा रहा है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

भ्रष्ट हो गए हैं कर्मचारी
गौशाला के मुद्दे पर शंकराचार्य ने कहा कि भ्रष्टाचार एवं गौकशी बदस्तूर जारी हैं. कोई भी सरकार हो अपने कर्मचारियों पर निर्भर रहती है और आजकल कर्मचारी लोभी हो गए हैं. वह पैसा लेकर ट्रक के ट्रक छोड़ देते हैं. इसलिए केवल इन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. यह बात केवल यह मध्य प्रदेश की नहीं है बल्कि पूरे देश की है. उन्होंने कहा कि जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को भी रोकना चाहिए.

सिवनी। जिले के गणेशगंज में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर के निर्माण का जिम्मा रामालय ट्रस्ट को सौंपने की बात कही है. उन्होंने कहा कि पहले सो जो रामालय ट्रस्ट बना हुआ है मंदिर का निर्माण वही कराए. उन्होंने लगातार नदियों का पानी रोके जाने का भी विरोध जताया.

शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने कहा कि नदी जब वेग से बहती है तब वह शुद्ध होती है. हम सब उसको बांध-बांधकर नहर बना देते हैं. इससे नदी किनारे जो रेत होती है है पानी को उछालती है उसका भी उत्खनन जोरों से हो रहा है. रेत को लोगों ने व्यवसाय बना लिया है. इस तरह से नदियों को बांधकर और शहरों का गंदा पानी डालकर प्रदूषित किया जा रहा है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

भ्रष्ट हो गए हैं कर्मचारी
गौशाला के मुद्दे पर शंकराचार्य ने कहा कि भ्रष्टाचार एवं गौकशी बदस्तूर जारी हैं. कोई भी सरकार हो अपने कर्मचारियों पर निर्भर रहती है और आजकल कर्मचारी लोभी हो गए हैं. वह पैसा लेकर ट्रक के ट्रक छोड़ देते हैं. इसलिए केवल इन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. यह बात केवल यह मध्य प्रदेश की नहीं है बल्कि पूरे देश की है. उन्होंने कहा कि जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को भी रोकना चाहिए.

Intro:राम मंदिर,,नदियों के अवैध उत्खनन ,,गौशाला एवं गोकशी के बारे में स्वामी स्वरूपानंद ने दिया बड़ा बयान,,
रामालय ट्रस्ट को सौंपना चाहिए राम मंदिर का निर्माण करने का जिम्मा


Body:सिवनी:-
सिवनी जिला के गणेशगंज ग्राम में श्रीमद्भागवत पुराण कथा में पहुंचे द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने प्रवचनओं के उपरांत मां बाला भवानी त्रिपुर सुंदरी के मंदिर में पहुंचकर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए महाराज श्री द्वारा राम मंदिर ,,नदियों में अवैध उत्खनन एवं गौशाला,, गोकशी के बारे में बयान दिया गया है।

विओ:-1:-- मंदिर निर्माण को लेकर सभी अखाड़ों एवं साधु-संतों ने मंदिर बनाने का दावा ठोका है इस पर महाराज श्री ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब नरसिंगा राव प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने 67 एकड़ जमीन अयोध्या के लिए अधिकृत की थी तब उन्होंने कहा था कि सब आचार्य चाहेंगे तो यह जमीन मंदिर के लिए दे सकते हैं क्योंकि यह सरकारी भूमि हो गई है तब फिर शंकरचार्यों के साथ सभी साधु संत महात्माओं ने श्रृंगेरी में चतुष्पीठ सम्मेलन किया उसके बाद झोतेश्वर में राजस्थान में फिर कुंभ के मेले में किया जब पूरे भारत के संत महात्मा लोग शामिल हुए और यह निश्चित किया गया कि रामालय ट्रस्ट को यह भूमि दी जाए रामालय ट्रस्ट महात्माओं की रजिस्टर्ड बॉडी है हम सभी लोग चाहते हैं कि मंदिर बनाने का मौका रामालय ट्रस्ट को दिया जाए।

विओ:-2:-- देश भर की नदियों में हो रहे प्रदूषण एवं अवैध उत्खनन को लेकर कहा कि "नदी वेगेन शुद्धति"नदी जब वेग से बहती है जब वह शुद्ध होती है हम सब उसको बांध- बांधकर नहर बना देते हैं वही नदी के किनारे जो रेत होती है है पानी को उछालती है उसका भी उत्खनन जोरों से हो रहा है लोगों ने व्यवसाय बना लिया है इस तरह से नदियों को बांधकर और शहरों का गंदा पानी डालकर प्रदूषित किया जा रहा है यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है नदियों को अविरल बहने देना चाहिए क्योंकि यदि हमारी नदियां शुद्ध नहीं रहेंगी तो हमारा पानी अशुद्ध हो जाएगा और मनुष्य के शरीर में 70% पानी रहता है उसका शुद्ध होना स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है अगर हम सब कुछ विकास करते हैं और विकसित व्यक्ति को पीने का शुद्ध पानी, शुद्ध भोजन नहीं देते तो वह विकास बीमारी हो जाता है।

विओ:-3:-- गौशाला को लेकर भ्रष्टाचार एवं गौकशी बदस्तूर जारी को लेकर कहा कि कोई भी सरकार हो अपने कर्मचारियों पर निर्भर रहती है और आजकल कर्मचारी लोभी हो गए हैं वह पैसा लेकर ट्रक के ट्रक छोड़ देते हैं इन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और यह मध्य प्रदेश की बात नहीं है बल्कि पूरे देश की बात है जो अच्छी नस्ल की गाय हैं उन्हें कुछ लोग ट्रक में बंद कर वहां ले जाते हैं जहां कटती हैं तो उन्हें जब गौ रक्षक उन्हें रोकते हैं तो पुलिस और सरकार उनकी बात नहीं सुनती जबकि मोदी ने कहा कि अगर ऐसा लोग करते हैं उनकी जांच होनी चाहिए तो पुलिस भी उन्हीं की जांच करती है जो शिकायत करने जाता है ऐसी स्थिति में आवश्यक है इसे गंभीरता से लिया जाए और सबसे मुख्य बात यह है कि जो गाय के लिए गोचर भूमि है उसे दूसरे काम में ना लिया जाए जब गाय को गोचर भूमि नहीं मिलेगी तो वह सड़क में आकर बैठेगी और नाम हो रहा है सड़क में ट्रक चलते हैं तो बहुत सी गाय कुचलकर मर रही हैं और दूसरी बात यह है खाने के लिए जब कुछ नहीं मिलता तो वह पॉलिथीन में जो अनाज बचा रहता है वह खा लेती हैं तो अनाज तो पच जाता है लेकिन पॉलिथीन पेट में जाकर गरिष्ठ हो जाता है जिससे वह मर जाती हैं जिस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए गाय देश के लिए फर्ज निभा सकती हैं उसका गोबर, मूत्र,,चमड़ा,, हड्डी एवं उसकी श्वास तक काम में आती है जहां गाय बंधती है वहां ऑक्सीजन छूटतीं है ऐसी स्थिति में गाय की उपेक्षा नहीं होना चाहिए सवाल यह नहीं है कि यह कौन कर रहा है कौन सी सरकार कर रही है और कौन नहीं कर रही है हम पूरे देश से अपेक्षा रखते हैं और गौ भक्तों से अपेक्षा रखते हैं कि वह इस अनर्थ को बंद करने में सहयोग करें।।


बाइट:-- द्विपीठाधिस्वीर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज


Conclusion:
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