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कमलनाथ सरकार की तबादला एक्सप्रेस, 3 छात्र वाले स्कूल में 3 शिक्षकों को कर दिया पदस्थ - सिवनी

सिवनी के ग्राम घोघरी में मध्यप्रदेश सरकार के किए गए तबादलों ने 3 बच्चे वाले स्कूल में दो अन्य शिक्षकों को और पदस्थ कर दिया है.

तीन छात्रों को पढ़ाने के लिए स्कूल मेंतीन शिक्षक पदस्थ
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Published : Sep 20, 2019, 3:31 PM IST

सिवनी। मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल है. कमलनाथ सरकार ने जिस तरह से शिक्षकों के तबादलों की बाढ़ ला दी है, उसमें कई तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं. स्कूलों में कहीं शिक्षक छात्रों से ज्यादा हैं, तो कहीं कम. ऐसा ही एक मामला जिले के छपारा विकासखंड में सामने आया हैं, जहां स्कूल में तीन छात्रों को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक पदस्थ हो गए हैं.

जिले के छपारा विकासखंड में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. घोघरी ग्राम में प्राइमरी स्कूल में महज तीन बच्चे पढ़ने आते हैं. मध्यप्रदेश सरकार के किए गए तबादलों ने 3 बच्चे वाले स्कूल में दो अन्य शिक्षकों को और पदस्थ कर दिया है, जबकि स्कूल की एक शिक्षिका का दूसरी जगह तबादला कर दिया गया.

प्राइमरी स्कूल भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. 2015 में इस भवन को डिस्मेंटल करने के आदेश दिए थे, फिलहाल स्कूल एनएच सेवन रोड के किनारे एक निजी मकान के छोटे से कमरे में चल रहा है, जहां ना तो ब्लैक बोर्ड है ना ही पढ़ाने के लिए कोई संसाधन है. जिसके चलते गांव के अधिकतर बच्चे प्राइवेट स्कूलों में मोटी फीस देकर पढ़ने जाने के लिए मजबूर हैं. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि प्राइमरी स्कूल के शिक्षक स्कूल की पढ़ाई में ध्यान ना देते हुए अपने कामकाज में व्यस्त रहते हैं.

सरकार हर साल सरकारी स्कूल चले अभियान जैसे कार्यक्रम चलाती है, लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही के चलते स्कूलों में ताला डालने की नौबत आ जाती है. वहीं जब ग्राम घोघरी के प्राइमरी स्कूल के बारे में पूछा गया, तो अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आए. बीआरसीसी गोविंद उईके का कहना है कि एसडीएम के आदेश पर प्राइमरी स्कूल भवन डिस्मेंटल करा दिया गया है. स्कूल की शिकायत उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.

स्थानांतरण को लेकर उठ रहे हैं सवाल

जब 3 साल से स्कूल बिल्डिंग ही घोघरी ग्राम में मौजूद नहीं है, आखिर फिर कैसे दो अन्य शिक्षकों को यहां पदस्थ कर दिया गया. इसके अलावा घोघरी ग्राम के स्कूल में महज़ 3 बच्चों के लिए 3 शिक्षक कैसे पदस्थ कर दिए गए, ये सवाल उठ रहे हैं.

सिवनी। मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल है. कमलनाथ सरकार ने जिस तरह से शिक्षकों के तबादलों की बाढ़ ला दी है, उसमें कई तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं. स्कूलों में कहीं शिक्षक छात्रों से ज्यादा हैं, तो कहीं कम. ऐसा ही एक मामला जिले के छपारा विकासखंड में सामने आया हैं, जहां स्कूल में तीन छात्रों को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक पदस्थ हो गए हैं.

जिले के छपारा विकासखंड में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. घोघरी ग्राम में प्राइमरी स्कूल में महज तीन बच्चे पढ़ने आते हैं. मध्यप्रदेश सरकार के किए गए तबादलों ने 3 बच्चे वाले स्कूल में दो अन्य शिक्षकों को और पदस्थ कर दिया है, जबकि स्कूल की एक शिक्षिका का दूसरी जगह तबादला कर दिया गया.

प्राइमरी स्कूल भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. 2015 में इस भवन को डिस्मेंटल करने के आदेश दिए थे, फिलहाल स्कूल एनएच सेवन रोड के किनारे एक निजी मकान के छोटे से कमरे में चल रहा है, जहां ना तो ब्लैक बोर्ड है ना ही पढ़ाने के लिए कोई संसाधन है. जिसके चलते गांव के अधिकतर बच्चे प्राइवेट स्कूलों में मोटी फीस देकर पढ़ने जाने के लिए मजबूर हैं. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि प्राइमरी स्कूल के शिक्षक स्कूल की पढ़ाई में ध्यान ना देते हुए अपने कामकाज में व्यस्त रहते हैं.

सरकार हर साल सरकारी स्कूल चले अभियान जैसे कार्यक्रम चलाती है, लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही के चलते स्कूलों में ताला डालने की नौबत आ जाती है. वहीं जब ग्राम घोघरी के प्राइमरी स्कूल के बारे में पूछा गया, तो अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आए. बीआरसीसी गोविंद उईके का कहना है कि एसडीएम के आदेश पर प्राइमरी स्कूल भवन डिस्मेंटल करा दिया गया है. स्कूल की शिकायत उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.

स्थानांतरण को लेकर उठ रहे हैं सवाल

जब 3 साल से स्कूल बिल्डिंग ही घोघरी ग्राम में मौजूद नहीं है, आखिर फिर कैसे दो अन्य शिक्षकों को यहां पदस्थ कर दिया गया. इसके अलावा घोघरी ग्राम के स्कूल में महज़ 3 बच्चों के लिए 3 शिक्षक कैसे पदस्थ कर दिए गए, ये सवाल उठ रहे हैं.

Intro:म.प्र.अजब है गजब है
कमलनाथ सरकार की जारी तबादला एक्सप्रेस
स्कूल में तीन छात्र तीन शिक्षकBody:सिवनी:-
अक्सर सरकारी स्कूलो में शिक्षा को लेकर कई तरह की बातें की जाती हैं। सरकारी स्कूल में कैसा है कि असुविधाएं हैं। छात्रों के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं है लेकिन सिवनी जिले में एक ऐसा स्कूल हैं जहाँ तीन छात्रों को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक पदस्थ है। मध्यप्रदेश कमलनाथ सरकार ने जिस तरह से तबादलो कि बाढ़ ला दी है, उसमे कई तरह की विसंगतिया उत्पन्न हो गई हैं, कही शिक्षक छात्रों से ज्यादा तो कहीं कम।

सिवनी के छपारा विकासखंड का एक शिक्षा विभाग का अजब गजब मामला सामने आया है जिससे विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हो रही है। जनपद शिक्षा केंद्र छपारा के अंतर्गत आने वाले घोघरी ग्राम में एक प्राइमरी स्कूल है। जिसकी बिल्डिंग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है जिसे 2015 में एसडीएम में बिल्डिंग को डिस्मेंटल करने की कार्यवाही के आदेश दिए हैं। इतना ही नहीं इस गांव के प्राइमरी स्कूल में महज तीन विद्यार्थी है । हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा तबादला एक्सप्रेस चलाई गई जिसके चलते 3 बच्चे वाले स्कूल में दो अन्य शिक्षकों को और पदस्थ कर दिया गया। जबकि स्कूल की एक शिक्षिका को अन्य जगह स्थानांतरण कर दिया गया।

जब मीडिया टीम ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए घोघरी ग्राम पहुंची तो, जिस पर हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। सरकारी प्राइमरी स्कूल एक निजी मकान के छोटे से कमरे में चल रहा है जहां ना तो ब्लैक बोर्ड है ना ही पढ़ाने की कोई संसाधन है। इसके बावजूद भी एनएच सेवन रोड के किनारे के गांव का स्कूल संचालित हो रहा है जिसमें तीन बच्चों को पढ़ाने के लिए 3 शिक्षक पदस्थ किए गए हैं।

जबकि वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के और बच्चे प्राइवेट स्कूलों में nh7 से गुजर कर जाते हैं जिनको मोटी फीस भी चुकाना पड़ता है जो स्कूल के शिक्षक हैं वह स्कूल की पढ़ाई में ध्यान ना देते हुए अपने कामकाज में व्यस्त रहते हैं। बड़ा सवाल उठता है कि हर साल सरकारी स्कूल चले अभियान जैसे कार्यक्रम चलाती है लेकिन उसकी जमीनी हकीकत सरकारी स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही के चलते सरकारी स्कूलों में ताला डालने की नौबत सी आ गई है।

स्थानांतरण को लेकर उठ रहे हैं सवाल -
जब 3 साल से स्कूल बिल्डिंग ही घोघरी ग्राम में मौजूद नहीं है। आखिर फिर कैसे दो अन्य शिक्षकों को पदस्थ कर दिया गया। इसके अलावा घोघरी ग्राम के स्कूल में 3 बच्चों से ज्यादा की दर संख्या नहीं है फिर कैसे तीन बच्चों के लिए 3 शिक्षक पदस्थ कर दिए गए सवाल उठ रहे हैं। जिसके जवाब देने से अधिकारी बचते नजर आ रहे हैं।


बाइट-1- गोविंद उईके बीआरसी सी छपारा (सफेद शर्ट)
बाइट- 2- बी डी चौधरी सीईओ जनपद पंचायत छपारा (पिंकशर्ट)
बाइट- 3- ग्रामीण (खडे हुए में)Conclusion:
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