सिवनी। वैसे तो केंद्र और राज्य सरकार किसानों के हित में काम करने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है. सिवनी के केवलारी विकासखंड के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर 7 दिन का धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जिसमें हजारों की संख्या में किसान शामिल हो रहे हैं.
मक्का उत्पादक किसानों को सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि यदि सरकार ने मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं की, तो किसानों को प्रति क्विंटल 700 से 800 रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा और इस घाटे से उबरने के लिए किसानों को 4 से 5 साल का समय लगेगा.
इस समस्या को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने सिवनी, छिंदवाड़ा समेत 18 जिलों के कलेक्टर और एसडीएम के माध्यम से कृषि मंत्रालय को जानकारी दी है और मांग की है कि जल्द ही मक्का के समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए पंजीयन चालू किए जाएं, नहीं तो किसान महासंघ और स्थानीय किसान मिलकर आंदोलन करेंगे और जरूरत पड़ी तो महात्मा गांधी जयंती के दिन कलेक्ट्रेट ऑफिस का घेराव किया जाएगा.
किसानों का आरोप है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का कर्ज माफी को लेकर ढीला रवैया किसानों को परेशान कर रहा है, वहीं दूसरी ओर 2018 में हुई ओलावृष्टि का पैसा सिवनी जिले के किसानों को अभी तक मिल नहीं पाया है. कमलनाथ सरकार अपने वादों से पलटती हुई नजर आ रही है.
किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने समय रहते समाधान नहीं निकाला, तो 4 मांगों को लेकर किसान बड़ा आंदोलन करेगा. केंद्र सरकार ने इस बार 1760 रुपए क्विंटल मक्का का समर्थन मूल्य निर्धारित किया है, लेकिन केंद्र की तरफ से अभी तक मक्का खरीदी की अधिसूचना राज्य सरकार के पास नहीं आई है. आंकड़ों की मानें तो इस साल सिवनी जिले में 2 लाख 33 हजार हेक्टेयर मतलब 5 लाख 80हजार एकड़ में मक्का की बोनी हुई है. पूरे जिले में लगभग 72 लाख क्विंटल मक्का होने की उम्मीद है.