नर्मदापुरम। कर्नाटक से मिले 5 हाथियों का दल रविवार सुबह 4 बजे पेंच टाइगर रिजर्व के कुरई मोगली अभ्यारण पहुंच गया है. 3 दिनों में करीब डेढ़ हजार किलोमीटर की लंबी यात्रा कर सड़क मार्ग से पहुंचे हाथियों को पार्क अधिकारियों ने अपनी अभिरक्षा में ले लिया है(five elephants brought to MP). करीब 13 साल बाद पेंच राष्ट्रीय उद्यान को बाघ की निगरानी करने और जंगल की सुरक्षा पुख्ता करने हाथियों की सौगात मिली है. इससे पार्क प्रबंधन उत्साहित है. कर्नाटक से आए सभी 5 हाथी नर हैं.
टाइगर की निगरानी करेंगे ये हाथी: पीटीआर के उप निदेशक रजनीश सिंह ने कहा कि, 5 हाथियों ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों की देखरेख में 22 दिसंबर को कर्नाटक के कूर्ग में दुबारे हाथी शिविर से ट्रकों में सड़क मार्ग से अपनी यात्रा शुरू की. (Pench tiger reserve five elephant reach)उन्होंने बताया कि वे नागपुर होते हुए रविवार को पीटीआर के कुरई मोगली अभयारण्य पहुंचे. अधिकारी ने कहा कि, उनके खाने का सामान भी एक ट्रक में लाया गया है.
कर्नाटक से मिले पांच हाथी: वन कर्मचारी 5 हाथियों की देखभाल कर रहे हैं, जिनके नाम जनरल करियप्पा, जनरल थिमय्या, दोनों 8 साल का है, बाली (40), लावा (21) और मारुति (20) है का है. अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, पीटीआर के पास सरस्वती सहित पांच हाथी हैं, जिनमें से सबसे पुराने हाथी का कार्यकाल समाप्त हो गया है. मध्य प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, पन्ना और संजय-डुबरी सहित कई टाइगर रिजर्व हैं.
रेस्क्यू करना होगा आसान: टाइगर रिजर्व में बाघ या तेंदुए कभी-कभी ऐसे स्थानों पर फंस जाते हैं जहां से वाहनों का निकलना मुश्किल होता है और पैदल जाना खतरनाक है. ऐसी जगह पर हाथियों की मदद से मेडिकल सुविधा और रेस्क्यू दल को पहुंचाया जाता है. यही कारण है कि टाइगर रिजर्व में हाथियों को तैनात किया गया है, ताकि रेस्क्यू सहित गश्ती का काम आसान हो सके
कर्नाटक में जन्मे केएम (कोडांदेरा मदप्पा) करियप्पा भारत के पहले सेनाध्यक्ष थे. 15 जनवरी 1949 को उन्होंने थल सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी. इस दिन हर साल थल सेना दिवस मनाया जाता है. वहीं जनरल एसके थिमैया 1957 से 1961 से भारत के सेनाध्यक्ष रहे. (MP Elephant Relocation) (पीटीआई)